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शुक्रवार, 31 अक्तूबर 2014

आधा शीशी का दर्द , माइग्रेन अथवा आधे सिर का दर्द अगर होता है तो न करें नजरअंदाज

आधा शीशी का दर्द , माइग्रेन अथवा आधे सिर का दर्द अगर होता है तो न करें नजरअंदाज

aadha shishi ka dard , maigren, aadhe sir ka dard ka Gharelu upay

आधा शीशी का दर्द , माइग्रेन अथवा आधे सिर का दर्द ये तीनों एक ही रोग के तीन अलग अलग नाम हैं। माइग्रेन क्या है इसे जानने के लिए यहाँ क्लिक करें

आधा शीशी का दर्द , माइग्रेन अथवा आधे सिर का दर्द अगर होता है तो न करें नजरअंदाजवैसे तो कई बार यह रोग सामान्य सिर दर्द मानकर नजरंदाज कर दिया जाता है लैकिन यह नजरंदाजी कभी कभी विकराल रुप धारण कर लेती है।माइग्रेन को सिरदर्द मानना एक भूल है । ये दोनों अलग अलग स्वतंत्र रोग हैं माइग्रेन तंत्रिका तंत्र का वह विकार है जो रक्त नलिकाओं के फैल जाने से होता है इसके दौरे के समय दिमाग के आसपास के तंतुओं में सूजन आ जाती है परिणाम स्वरुप भयंकर दर्द होता है।इस रोग में दर्द अक्सर सिर के एक भाग तक ही सीमित रहता है किन्तु कभी कभी गर्दन व कंधे तक भी पहुँच जाता है।माइग्रेन का दर्द कुछ घंटों का हो सकता है और यह भी हो सकता है कि कई दिनों तक भी रहै।क्योंकि यह दर्द दिमाग से संबंधित है अतः रोगी विल्कुल शिथिल हो जाता है।यह रोग किसी को कभी भी घेर सकता है।

जवकि सिर दर्द रक्त नलियों में संकुचन या सिकुड़न होने से होता है।यह वहुत ज्यादा समय भी नही रहता है जबकि माइग्रेन का दर्द कभी भी पड़ सकता है।माइग्रेन का दर्द आनुवंशिक भी हो सकता है। इस रोग में दिनचर्या में गड़बड़ी या सिर में थोड़ी सी हलचल भी रोग को बढ़ा देती है।माता या पिता में से अगर कोई इस रोग से ग्रस्त है तो बच्चों में इस रोग के होने की संभावना 50 प्रतिशत तक हो सकती है।
माइग्रेन के लक्षण -------
मितली आना या उल्टी होना,रोशनी और आवाज के प्रति अति संवेदनशील हो जाना,बोलने में कठिनाई होना,सिर के आधे भाग में ही दर्द रहना,चत्ते चत्ते से दिखना,दर्द का चार से 72 घण्टे तक रहना,शारीरिक गतिविधियों के साथ दर्द बढ़ना माइग्रेन के सामान्य लक्षण हैं।
माइग्रेन से राहत के लिए कुछ विशेष उपाय 

दूध के साथ गुड़ का सेवन करें ।

माइग्रेन रोगी गुड़ के साथ दूध का सेवन करके इस रोग में बहुत जल्दी राहत प्राप्त कर सकते हैं।  रोजाना सुबह उठने के बाद खाली पेट छोटा सा गुड़ का टुकड़ा मुंह में रखें और उसके ऊपर से ठंडा दूध पी लें यह ठंडा बर्फ का नही होना चाहिये यह विशेष ध्यान रखें नही तो फायदे के स्थान पर नुकसान ही होगा। रोजना सुबह गुड़ दूध का सेवन माइग्रेन के दर्द में काफी आराम दायक है।
  

अदरक का सेवन माइग्रेन में लाभकारी है---

अदरक माइग्रेन के लिए बहुत फायदेमंद है।  माइग्रेन की वजह से सिरदर्द होने पर दांतों के बीच अदरक का एक छोटा सा टुकड़ा  दबा लें और उसे चूसते रहें। ऐसा करने से माइग्रेन के दर्द को कम करने में मदद मिलती है।

दालचीनी माइग्रेन के दर्द में फायदेमंद है-- 

दालचीनी भी माइग्रेन के दर्द से राहत दिलाती है। दालचीनी को वारीक पीसकर इसका पेस्ट बना लें और इस पेस्ट को माइग्रेन रोगी के माथे पर करीब आधे घंटे तक लगाकर रखें। ऐसा करने से माइग्रेन के दर्द से राहत मिलती है।
 

लौंग का सेवन माइग्रेन के लिए राहत दायक है----

माइग्रेन के लिए लौंग भी फायदेमंद होती है। माइग्रेन के दर्द के  समय थोड़े से लौंग के पाउडर में नमक मिलाकर इसे दूध के साथ पी लें। माइग्रेन के दर्द में यह प्रयोग राहत प्रदान करता है।

बर्फ की ठंडी सिंकाई माइग्रेन में फायदेमंद है :

बर्फ वैसे भी अनेकों प्रकार के दर्द में दवा की तरह प्रयोग होती है। माइग्रेन में भी यह एक कारगर औषधि साबित हुयी है। माइग्रेन के दर्द में बर्फ के चार क्यूब्स को एक सूती रूमाल में लपेटकर  सिर पर दर्द वाले स्थान पर रखें। करीब 15 मिनट तक इसे ऐसे ही रखे रहने दें। इससे आपको सिरदर्द से काफी हद तक राहत मिलेगी।

तेज रोशनी से बचना माइग्रेन में लाभदायक है :

ज्यादा तेज रोशनी के कारण भी कई बार माइग्रेन का दर्द होता है। ऐसे में माइग्रेन की समस्या वाले रोगी को तेज रोशनी से जितना हो सके बचना चाहिए। 

नींद पूरी करना माइग्रेन में फायदे मंद है :-----

कई बार नींद पूरी न होने की वजह से भी माइग्रेन का दर्द होता है। इसलिए माइग्रेन के मरीजों को अपनी नींद पूरी करना चाहिए। गहरी नींद आने पर माइग्रेन के दर्द से काफी हद तक राहत मिलती है। इसलिए कोशिश करें कि शोर शराबे से दूर शांत कमरे में सोएं।

 
माइग्रेन रोग के पूर्ण उपचार के लिए क्या हैं  प्राकृतिक उपचार जानने के लिए नींचे दिये लिंक पर क्लिक करें।



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