मोटापा कारण और निवारण - The Light Of Ayurveda : An Info Website for Health and Ayurveda.

Breaking

Whats app

Ayurveda Ancient Natural Traditional Medical Science

WWW.AYURVEDLIGHT.BLOGSPOT.COM

सोमवार, 10 सितंबर 2012

मोटापा कारण और निवारण

आज कल देखने में आता है कि समाज में अधिकतर लोग जिस रोग से ग्रसित हैं वह रोग है मोटापा।इसमे भी गोर करने की बात यह है कि मोटापे को वहुत से लोग रोग ही नही समझते और जब तक समझ आता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। समाज में वैसे तो ज्यादा तर महिलाएं इस रोग की रोगी है लैकिन पुरुष भी कम नही हैं।यह रोग जितना स्वास्थ्य के लिए दुखःदायी है उतना ही सौन्दर्य की दृष्टि से भी अशोभनीय है। और महिला समाज के लिए स्वास्थ्य के साथ-2 सौन्दर्य के प्रति बहुत सम्बेदना रखती है। अतः आपका स्वास्थ्य सही रहै वही सौन्दर्य  और लावण्य वना रहै इसलिए यह लेख लिख रहा हूँ।इसमे महिला पुरुष सभी की समस्याए शामिल है।
       शरीर के स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक है कि आप न तो दुवले पतले हों और न ही इतने मोटे कि पेट निकल आए। पेट के निकलते ही समझ ले कि मोटापा आने लगा है और उसका उपाय करना शुरु कर दें।
स्वस्थ शरीर सुन्दर, सुगठित सुडोल आकार का होता है।
 अब प्रश्न उठता है कि मोटापा क्यों होता है ?
भाई किसी भी रोग के बारे मे अगर यह पता चल जाए कि यह क्यों होता है तो उससे बचना तो आसान हो ही जाता है उसका निवारण भी बहुत कठिन नही रहता है।
           अगर पता हो कारण तो आसान वड़ा निवारण।
तो भईया न. 1 मोटापा क्योंकि पेट का रोग है तो जाहिर सी बात है कि यह भी खान पान में गड़बड़ी से होता है, देर तक सोये रहना, महेनत न करना, आलसी जीवन बिताना, अधिक तम समय बैठे रहने के काम करना,
    अगर कारण यह है तो दिनचर्या बदल दें आलस समाप्त कर दें, रोजाना सुबह टहलने जाए और धीमे धीमे बढ़ाते हुए 2-3 किलोमीटर की सैर कर दें ,व्यायाम अगर न करते हो तो हल्के फुल्के व्यायाम करना शुरुकर दें।
      न. 2 ज्यादा मात्रा में भोजन करना ,पोषक तत्वों से युक्त भोजन करना,भारी चिकनाई से युक्त भोजन, पौष्टिक पदार्थों को दिन भर खाते रहना ,मीठे फलो का सेवन करना,दूध मलाई मक्खन घी आदि वसा यक्त भोजन खाना इससे भी मोटापा बढ़ता है
       अगर कारण यह है तो भईया जबान को लगाम लगाओ। और अगर खाओ तो उतना जितना पचा सको और पचाने के लिए कठिन परिश्रम करना शुरु कर दें। अगर कुछ भी खाने के बाद पानी पीने की आदत डाली हुई है तो  आज अभी से छोड़ दें। क्योंकि इससे आमाशय मे बनने बाले पाचक रस अपनी पूरी ताकत से काम नही कर पाते फलस्वरुप मोटापा वढ़ता है। रोजाना व्यायाम करे टहलने जाना शुरुकर दें
     न. 3            
जो लोग माँस या अण्डे खाते है बे यह समझ ले कि क्योकि माँस या अण्डे अपने आप मे माँस  तो हैं ही अतः इनको खाने से सीधे ही माँस ही बढ़ जाता है य़ह समझ लें कि घी खाने से वीर्य  बढता है  माँस खाने से केवल माँस ही बढ़ता है।परन्तु घी व दुध में वसा तथा माँस वढ़ता है अतः दूध घी खाए।
          माँस खाने वाले शाम रंगीन करने के लिए शराव का भी प्रयोग करते है जिससे मोटापा बढ़ता है तथा स्नायविक तंत्र(Nervous system) पर भी प्रभाव पड़ता है । नर्व सिस्टम कमजोर होने से मोटा व्यक्ति जल्दी ही शिथिल हो जाता है थक जाता है ।
         मोटापा दुर करने के लिए सबसे पहले अपनी दिनचर्या बदल डाले।सुबह जल्दी उठें। शोच स्नान से निवृत हों प्राणायाम और योगासनो का अभ्यास करे अगर आपसे नही आते है तो कोई वात नही वावा रामदेव जी को आस्था चैनल पर देखें।शरीर को वार्म अप करने बाले व्यायाम भी इस रोग मे बहुत लाभकारी है ।
सुबह शोच से पहले 3-4  गिलास सादा पानी मे 1-2 चम्मच शहद घोल कर पी जाए ।नहाने के बाद एक गिलास मौसमी का जूस पियें साथ मे अंकुरित अनाज खूव चवा चवा कर खा लें। ताजा मठा या छाछ भी पी सकतें है
 दोपहर के भोजन में एक कप छाछ या जहाँ छाछ न मिल  सके वहाँ किसी सब्जी का सूप बनाकर प्रयोग किया जा सकता है।इसके अलावा जौ चने के आटे की रोटी, मूँग की छिलके बाली दाल, व कोई भी हरी शाक सव्जी, सलाद लें
     दोपहर के वाद या कोई जूस ले या निंवू पानी शहद मिला कर लें।
शाम का भोजन भी लगभग दोपहर जैसा ही होना चाहिय़े।शाम के भोजन मे चावल भी शामिल कर सकते है ।

घरेलू चिकित्सा- मोटापा दूर करने के लिए अगर परहैज रखा जाए और निम्न चिकित्सा की जाए तो लगभग 4-6 माह मे मोटापे से पूर्ण तया मुक्ति मिल जाती है ।

रात को मूँग की दाल या चने भिगोने डाल दें ये सुबह तक फूल जाएंगे ।रात मे एक ताँवे के बरतन मे पानी रख दें इसे सुबह उठते ही गटागट पी जाएं। फिर शोच करने जाएं।शोच से आने के वाद चने या मूँग की दाल चवा-2 कर खा लें। दो कप पानी मे 10 ग्रा. त्रिफला डालकर उवालने रख दें जब यह एक कप रह जाए तव उतार कर ठण्डा कर लें । यही रखा हुआ त्रिफला का काड़े मे 1-2 चम्मच शहद मिलाकर रोजाना चने या मूँग की दाल के उपर पी जाए। हलका नाश्ता करें। दिन के भोजन मे सलाद का भरपूर प्रयोग करें ।गाजर ककड़ी खीरा का जूस दोपहर व शाम को करें।दिन में दो तीन बार नींबू पानी शहद मिलाकर पी जाए।

 आयुर्वेदिक चिकित्सा - जिनको ज्यादा कब्ज रहता है वे आरोग्यवर्धनी वटी विशेष न. 1 की  2-2 गोली सुबह व रात को गर्म पानी के साथ ले तथा केवल रात मे कब्जीना चूर्ण एक चम्मच लें जब पैट साफ हो जाए तब चूर्ण लेना वन्द कर दें।

                       यह सब उपाय आप यदि धैर्य के साथ कुछ समय प्रयोग करेगे तो आपको आश्चर्य होगा कि आप जल्दी ही सुडोल ,सुन्दर होने लगे है ।




















कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

हमारी वेवसाइट पर पधारने के लिए आपका धन्यबाद

OUR AIM

ध्यान दें-

हमारा उद्देश्य सम्पूर्ण विश्व में आय़ुर्वेद सम्बंधी ज्ञान को फैलाना है।हम औषधियों व अन्य चिकित्सा पद्धतियों के बारे मे जानकारियां देने में पूर्ण सावधानी वरतते हैं, फिर भी पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी औषधि या पद्धति का प्रयोग किसी योग्य चिकित्सक की देखरेख में ही करें। सम्पादक या प्रकाशक किसी भी इलाज, पद्धति या लेख के वारे में उत्तरदायी नही हैं।
हम अपने सभी पाठकों से आशा करते हैं कि अगर उनके पास भी आयुर्वेद से जुङी कोई जानकारी है तो आयुर्वेद के प्रकाश को दुनिया के सामने लाने के लिए कम्प्युटर पर वैठें तथा लिख भेजे हमें हमारे पास और यह आपके अपने नाम से ही प्रकाशित किया जाएगा।
जो लेख आपको अच्छा लगे उस पर
कृपया टिप्पणी करना न भूलें आपकी टिप्पणी हमें प्रोत्साहित करने वाली होनी चाहिए।जिससे हम और अच्छा लिख पाऐंगे।

Email Subscription

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner