वैसे तो प्रभु प्रदत्त शरीर का प्रत्येक अंग अपने आप मे अनुपम है परन्तु आँख,नाक,कान और दाँत इतने ज्यादा महत्वपूर्ण है कि उनकी रोजाना ही देखभाल वहुत जरुरी है।पुराने समय मे जवकि लोग कोलगेट आदि का नाम भी नही जानते थे तब भी लोगों के दाँत आज के लोगों से कई गुना मजवूत थे।हमारे नाना जी के लगभग 95वर्ष की अवस्था मे भी 32के 32 दाँत मोती की तरह चमकते थे।जबकि आज के लोग प्रतिदिन कोलगेट या अन्य दाँतो का मंजन प्रयोग करते हैं फिर भी उनके दाँतों मे पायोरिया,गर्म ठण्डा पानी लगना आदि समस्याए आम हो गयी है। अतः एक बार मैने उनसे दाँतो की मजबूती का राज पूछा तो उन्हौने जो वताया तो मेरे आश्चर्य का ठिकाना न रहा क्योंकि उन्हौने जो वस्तुएं वतायी थी वे बड़ी ही सामान्य थीं उन्हौने बताया कि पिसी हल्दी, नमक व सरसो का तेल मिलाकर पेस्ट सा बना लें तथा डिब्वे में रख ले सुबह इस पेस्ट को दाँतोन या किसी ब्रुश की अथवा उगली के द्वारा दाँतों व मसूड़ों पर लगा लें थोड़ी देर लगा कर रखे फिर बाद में कुल्ला कर लें इस प्रयोग से हिलते हुए दाँत जम जाते हैं दाँतो से पीलापन दुर होकर दाँत विल्कुल सफेद हो जाते हैं।पायरिया अगर है तो नष्ट हो जाएगा।इस प्रयोग करते रहने से कभी भी पायरिया नही होगा।
Ayurveda Ancient Natural Traditional Medical Science
WWW.AYURVEDLIGHT.BLOGSPOT.COM
सोमवार, 17 सितंबर 2012
Home
अनूदित लेख
दाँतो की मजबूती का राज
Pioria
दाँत मजबुत रखने का विल्कुल घरेलू उपाय - आयुर्वेद का चमत्कार
दाँत मजबुत रखने का विल्कुल घरेलू उपाय - आयुर्वेद का चमत्कार
Tags
# अनूदित लेख
# दाँतो की मजबूती का राज
# Pioria
About Gyanesh kumar varshney
Pioria
लेबल:
अनूदित लेख,
दाँतो की मजबूती का राज,
Pioria
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
OUR AIM
ध्यान दें-
हमारा उद्देश्य सम्पूर्ण विश्व में आय़ुर्वेद सम्बंधी ज्ञान को फैलाना है।हम औषधियों व अन्य चिकित्सा पद्धतियों के बारे मे जानकारियां देने में पूर्ण सावधानी वरतते हैं, फिर भी पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी औषधि या पद्धति का प्रयोग किसी योग्य चिकित्सक की देखरेख में ही करें। सम्पादक या प्रकाशक किसी भी इलाज, पद्धति या लेख के वारे में उत्तरदायी नही हैं।
हमारा उद्देश्य सम्पूर्ण विश्व में आय़ुर्वेद सम्बंधी ज्ञान को फैलाना है।हम औषधियों व अन्य चिकित्सा पद्धतियों के बारे मे जानकारियां देने में पूर्ण सावधानी वरतते हैं, फिर भी पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी औषधि या पद्धति का प्रयोग किसी योग्य चिकित्सक की देखरेख में ही करें। सम्पादक या प्रकाशक किसी भी इलाज, पद्धति या लेख के वारे में उत्तरदायी नही हैं।
हम अपने सभी पाठकों से आशा करते हैं कि अगर उनके पास भी आयुर्वेद से जुङी कोई जानकारी है तो आयुर्वेद के प्रकाश को दुनिया के सामने लाने के लिए कम्प्युटर पर वैठें तथा लिख भेजे हमें हमारे पास और यह आपके अपने नाम से ही प्रकाशित किया जाएगा।
जो लेख आपको अच्छा लगे उस पर
कृपया टिप्पणी करना न भूलें आपकी टिप्पणी हमें प्रोत्साहित करने वाली होनी चाहिए।जिससे हम और अच्छा लिख पाऐंगे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
हमारी वेवसाइट पर पधारने के लिए आपका धन्यबाद