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सोमवार, 7 मार्च 2022

Home Remedies - नकसीर फूटने या नो़ज़ब्लीडिंग का आयुर्वेदिक घरेलू रामवाण उपचार कैसे करें।

Home Remedies - नकसीर फूटने या नो़ज़ ब्लीडिंग का आयुर्वेदिक घरेलू रामवाण उपचार कैसे करें।

 
Nosebleed Upchar in Hindi, नाक से खून आने के कारण और उपाय, नाक से खून आने पर देसी इलाज, सर्दी में नकसीर का घरेलू इलाज, गर्मी में नकसीर का घरेलू इलाज

 

नक्सीर क्या है ---

नाक से खून आने की समस्या(epistaxis in hindi) सामान्यतया किसी भी मौसम में हो सकती है। लेकिन गर्मियों में इसके मामलों में अप्रत्यासित वृद्धि देखने को मिलती है । चाहे बच्चे हों या बड़े बूढ़े यह समस्या किसी के भी साथ हो सकती है। इसके प्रमुख कारणों में से एक कारण शरीर का तापमान बढ़ने से दिमाग तक पहुंची गर्मी है। इसके साथ ही गर्म चीजों को अधिक मात्रा में खाने से भी कई बार नाक से खून बहने लगता है।

नक्सीर (Nosebleeds) का मुख्य कारण ----

 गर्मी के कारण नाक की रक्त वहिकाओं से रक्त स्राव होना। कई बार नाक की झिल्ली सूखने तथा नाक में चोट लगने से यह समस्या पैदा होती है। इसके अलावा अगर यह समस्या आपको बार बार हो रही है तो इसका मुख्य कारण आपके शरीर में ब्लड की कमी होना हो सकती है। इसे एलोपेथी की भाषा में एनीमिया के नाम से जाना जाता है। वैसे तो अगर आपको नोज़ ब्लीडिंग कभी कभार हो जाती है तो ज्यादा चिंता की बात नही है यह शरीर में गर्मी बढ़ने से हो सकती है किन्तु यदि ऐसा आपको लगातार होता है या फिर दिन में कई बार हो रहा है तो वास्तव में बहुत चिंता की बात है। खून ज्यादा बहने से आपको कमजोरी या वेहोशी भी आ सकती है।

 नकसीर के प्रकार--- 

नाक से खून आना या नकसीर फूटना अथवा नोज़ ब्लीडिंग को डॉक्टर लोग एपिसटैक्सिस कहते हैं। नाक के पास एक खास झिल्ली होती है जिसमें ब्लड सप्लाई ज्यादा रहती है। इस झिल्ली में जब कोई इंजरी अर्थात किसी कारण चोट लग जाए, ट्रॉमा (नाक साफ करते समय नाखून लग जाए ), ब्लड प्रेशर बहुत बढ़ जाने पर नाक की रक्तवहिनियाँ खुल जाती हैं जिससे ब्लीडिंग होने लगती है।  क्रॉनिक साइनुसाइटिस  भी कई बार नकसीर का कारण हो सकता है। इसमें अंदरुनी रूप से कोई दिक्कत नहीं होती है, यह बाहरी रूप से होने वाली समस्या है। जिन लोगों को लंबे समय तक जुकाम रहा है उनमें कई बार नकसीर की समस्या देखी जाती है जो क्रॉनिक नकसीर कहलाती है। वहीं कभी-कभार या अचानक आने वाली नकसीर, एक्यूट नकसीर कहलाती है।

इन्हीं सभी लक्षणों के आधार पर नकसीर दो प्रकार की हो जाती है--

1- एक्सटीरियर नकसीर -  इसमें रोगी के नाक के अगले हिस्से से खून निकलता है। ज्यादातर इस प्रकार की नकसीर में रोगी के नाक की सेप्टम की रक्त वहिकाओं से रक्त बहता है।यह स्थिति आसानी से हेण्डिल हो जाती है ।

2- पोस्टीरियर नकसीर -- इस प्रकार की नकसीर में रोगी की नाक के पिछले हिस्से की रक्त वहिनियों से रक्त बहता है यह वैसे ज्यादातर बड़े बुजुर्गों में देखा गया है बच्चे व कम उम्र के युवाओं में ऐसा होना दुर्लभ होता है यह स्थिति बेहद गंभीर है और ऐसे में नाक कान व गले से इस प्रकार की समस्या हो सकती है । 

नाक से खून बहने की समस्या ( नकसीर के लक्षण) के लक्षण  -

नकसीर का सबसे खास लक्षण है नाक से  कम या ज्यादा खून बहना, यह नाक के किसी एक हिस्से या दोनों हिस्सो से हो सकता है 

इसके अलावा निम्न लक्षण भी कई बार देखने में आते हैं।

  • अत्यधिक खून बहना
  • दिल की धड़कन का अनियमित होना
  • अधिक मात्रा खून अंदर जाने से उल्टी होना
  • श्वास लेने में परेशानी होना
  • त्वचा का पीला पड़ना इत्यादि

नाक से खून आना किस बीमारी का लक्षण है

नकसीर में ज्यादा खतरे वाले लोग -

सामान्यतः बार-बार अंगुली डालकर नाक साफ करने, हाइपरटेंशन, ब्लड प्रेशर के बढ़ने या खून पतला करने वाली औषधियाँ लेने से या फिर किसी प्रकार के संक्रमण वाले रोगी को नकसीर की आशंका ज्यादा रहती है। कई अन्य मामलों में आई.टी.पी (इडियोपैथिक थ्रॉम्बोसाइटोपेनिक परप्यूरा) में प्लेटलेट्स के घटने और ब्लड कैंसर आदि रोगों में भी यह समस्या एक लक्षण के रूप में हो सकती है। वैसे ऐसा कुछ ही मामलों में होता है। हिमोफीलिया ए व बी नामक बीमारी में रक्त सही से जम नहीं पाता है। यह समस्या पुरुषों में महिलाओं की तुलना में ज्यादा देखी जाती है। हीमोफीलिया के केस में नाक में हल्की चोट लगने से भी ब्लीडिंग हो जाती है।

नकसीर की समस्या की गंभीरता  - 

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 आमतौर पर नकसीर आने पर मरीज को लिटा देते हैं जिससे कि खून रुक जाए। लेकिन कई बार ऐसा करने से रक्त गले में पीछे की तरफ यानी भोजन नली में जाकर परेशानी का कारण बन जाता है। ब्लड के पेट में जाने से मरीज को उल्टी होने की प्रवल आशंका रहती है। इस स्थिति में जब खून की उल्टी होती है तो उससे किसी गंभीर बीमारी का भ्रम हो जाता है।

नकसीर की समस्या होने पर प्राथमिक चिकित्सा -
लिटाने की बजाय रोगी बैठकर नाक के ऊपरी भाग को कुछ समय के लिए अंगुलियों से हल्का दबाकर रखें। इस समस्या में हमारे गांवों में एक सामान्य इलाज के रुप में पीली मिट्टी बहुत लाभकारी है। पीली मिट्टी का ढेला लेकर उसके उपर थोड़ा सा पानी डालकर उसे सूंघने से इस समस्या का ज्यादातर तत्कालिक रुप से सफल इलाज हो जाता है। इसके अलावा जब पीली मिट्टी उपलब्ध न हो तो सिर पर ठंडा पानी डालने से भी रक्तप्रवाह तुरंत रुक जाता है।

नक्सीर या नकसीर का आयुर्वेद में इलाज (

epistaxis treatment in hindi) – आयुर्वेद में नकसीर को पित्त बढ़ने से जुड़ी दिक्कत मानता है। 

  1. हरी दूब का रस निकालकर नाक में 1-2 बूंद टपकाने से नकसीर में राहत मिलती है। 
  2.  इसके अलावा एक हफ्ते चिकनी मिट्टी का लेप नाभि के नीचे लगाने से इस रोग में बहुत फायदा होता है। ध्यान रहे 20-25 मिनट हमारी नाभि के नीचे जो मिट्टी लगाई जाए उसे दोबारा प्रयोग नहीं करना है। यह मिट्टी हमारे शरीर को ठंडक प्रदान करती है । 
  3. गुलाब की सूखी पंखुड़ियों को धागे वाली मिश्री के साथ दोपहर के समय लना भी इस रोग में लाभकारी है। 
  4. इसके अलावा गर्मियों में खसखस, चंदन व गुलाब का शरबत भी बहुत फायदेमंद है। 

नकसीर रोगी के लिए परहेज ----रोगी को दही, बैंगन, शिमला मिर्च, चाय-कॉफी और अधिक मिर्च मसालेदार चीजों से परहेज करना चाहिए।

नकसीर का रामवाण इलाज Nakseer ka Ramban Ilaj---

 नकसीर में उपर बताए गये जो उपाय है वे लगभग सभी कारगर हैं किन्तु फिर भी यदि नकसीर में अत्यधिक खून बह रहा हो और किसी भी प्रयोग से न रुक रहा हो तो हम यहाँ आपको जो प्रयोग बताने जा रहे हैं वह देखने में तो बहुत ही सामान्य है किन्तु है रामवाण इसके प्रयोग से बहता हुआ रक्त भी रुकता हुआ देखा गया है।

इसके लिए बस आपको एक गिलास कुनकुना गर्म दूध लेना है और उसमे आधा नींबू काटकर निचोड़ देना है ध्यान रहे इसे तुरंत ही पी जाना है बिना विल्कुल देरी किये। इसके फटने का इंतजार नही करना क्योंकि यह दूध तुरंत ही फट जाता है अतः दूध के बिना फटे ही आपको पी जाना है आप देखेंगे कि आपकी नकसीर रुक गयी है।

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नकसीर या नोज ब्लीडिंग का रामवाण इलाज

 

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