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शुगर फ्री टेवलेट्स- फायदा और नुकसान Sugar Free Tablets - Advantages and Disadvantages

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क्या शुगर फ्री टैबलेट शरीर के लिए नुकसानदायक हैं ?क्या बिल्कुल सुरक्षित हैं शुगर फ्री टेबलेट्स? शुगर फ्री गोलियाँ एक  Artificial Sweetener Options डायबिटीज एक बहुत ही खतरनाक रोग है जिसमें आपके सभी स्वाद लगभग नियंत्रित हो जाते हैं। बैसे तो अपनी प्रकृति के अनुसार प्रत्येक रोग ही खतरनाक होता है क्योंकि जरा सी लापरवाही आपके छोटे से छोटे रोग को बड़ा व भयंकर बना देती है। किन्तु फिर भी अगर खतरनाक रोगों की बात की जाए तो मुख पर सर्वप्रथम मधुमेह अर्थात डायविटीज का नाम बरबस आ ही जाता है। क्योकि इस रोग में आप चाय से लेकर भोजन तक हर कार्य में नियंत्रण का ही सामना करेंगे  और अगर बात नियंत्रण तोड़ने की करें तो बस आप कुछ सुगर फ्री टेवलेट्स लेकर अपना मन बहला सकते हैं। लेकिन हाँ मैने जिस बात पर बल दिया कि बस आप "कुछ ही" तो इस "कुछ ही" को आप नियंत्रण ही मानिये। क्योकि नये शोध बता रहे हैं कि इन शुगर फ्री की एक हद है जो आपको पार नही करनी। हाँ आज इस पोस्ट में मैं इसी बात पर आपका ध्यान आकृषित करुगां कि शुगर फ्री केवल एक आप्सन है और इसे आप्सन ही रहने दें । आइये जाने शुगर फ्री गोल...

अफीम - केवल नशा नही आयुर्वेदिक औषधि भी है।Opium- Not only Addiction but it is a medicine

अहिफेन या अफीम ( Opium)  केवल नशा ही नहीं महत्वपूर्ण औषधि भी है   अफीम च्यवन ऋषि के समय से ही औषधीय उपयोग में आती रही है। यह आयुर्वेदिक व यूनानी दोनो चिकित्सा पद्धतियों में वात रोगों, अतिसार, अनिद्रा व वाजीकरण चिकित्सा में आशुफलदायी रुप में प्रयोग होती रही है और तो और आधुनिक चिकित्सा विज्ञान ऐलौपेथ ने भी इस औषधि के गुणों का प्रभाव अंगीकार करते हुये इसके मार्फीन,कोडीन,थांबेन, नार्कोटीन,पापावटीन तथा एल्कोलाइड्स को अपने फार्मोकोपिया में शामिल किया है। अफीम जिसको अहिफेन के नाम से भी जाना जाता है लघु, सूक्ष्म,व विकासी गुण रखने के कारण आशुकारी प्रभाव दिखाने वाली औषधि है। पहले समय में आवकारी विभाग से वैद्यों के लिए अफीम उपलब्ध करायी जाती थी और इसका लाइसैंस मिलता था तथा वैद्य लोग फिर उसका शोधन करके आयुर्वेदिक योग तैयार करते थे किन्तु समय के साथ लाइसैंस निरस्त कर दिये गये तथा अफीम एक दुर्लभ वस्तु बना दी गयी, अब यह अवैद्य व्यापार की एक वड़ी सामिग्री है और यह नशेबाजों के लिए ऊँचें दामों पर उपलब्ध है किन्तु सामान्य जन के लाभ के लिये उपलब्ध नही है। चिन्ता इस बात की है कि आज के समय ...

सुजाक या मूत्रकच्छ गोनारिया,आतशक या उपदंश का घरेलु उपचार- (पुरुषों के गम्भीर रोग)

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सुजाक  या   मूत्रकच्छ  अर्थात गनोरिया पुरुषों का रोग है Peshab Ki Vedana Males Ka Gambhir Rog सिफलिस,  मूत्रकच्छ,  आतशक या उपदंश का घरेलु उपचार मनुष्य शरीर जैसा कि सभी जानते हैं कि पुरुष व स्त्री के शरीर के अनेकानेक अंग तो एक जैसे होते हैं उनकी क्रिया विधि भी समान ही होती है किन्तु कुछ अंग प्रत्यंग मानव के शरीर में स्त्री व पुरुष में अलग अलग होते हैं जिन्हैं कि मानव जननांग कहा जाता है।और क्योकि शरीर की बनाबट अलग प्रकार की है कार्य भी अलग है तो जाहिर सी बात है कि आयुर्वेद क्या प्रत्येक चिकित्सा शास्त्र में इन अंगों के बारे में पुरुष व स्त्री का विवरण भी अलग अलग ही होगा।क्योंकि वसन्त ऋतु का आगमन होने बाला है तो काम भाव भी जाग्रत होगा ही अतः हम अब इन्हीं प्रकार के रोगों का वर्णन करने जा रहैं हैं जिनसे मानव मात्र के दुःखों का निवारण हो सके।  मूत्रकच्छ ,सुजाक या गनोरिया  कारण व लक्षण Gonorrhea cause and symptoms ----for reading in english click hear Health-Heart Diseases Recovery Life: Signs and symptoms of STDs - Lovemaking Transmitted D...

AYURVEDA QUICK TIP - MANAGEMENT OF KAPHA कफ दोष का निवारण

Kapha is composed primarily of water and earth elements and has slow, damp, and heavy qualities. It's often best to balance kapha with opposing qualities of increased activity, light-diet, warm environment, and even dry foods. Likewise, it's often effective to focus on clearing mucous from the stomach and lungs using both expectorants and warming tonics. Expectorants may include: - long pepper - ginger - trikatu Warming Tonics include: - ashwagandha - cinnamon - chywanaprash Like  · 

ठंड के मौसम में महिलाएं रखें यह 10 सावधानियां

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बदलते   मौसम   का अर्थ ढेरों बीमारियों को बुलावा। ऐसे में महिलाओं को अपना विशेष ध्यान रखना होता है। महिलाओं को कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बीमारी उन्हें जब तक पूरी तरह से न पकड़ ले , वे चिकित्सक के पास जाना पसंद नहीं करती हैं। लापरवाही के कारण कभी-कभी बीमारियां इतनी गंभीर हो जाती हैं कि इलाज असंभव हो जाता है। पहले महिलाएं अज्ञानता के चलते ऐसा करती थीं। आज महिलाएं शिक्षित और समझदार हैं लेकिन आज भी सिर्फ ध्यान न देने की वजह से बीमारियां ने गंभीर रूप ले लेती हैं। महिलाओं को चाहिए कि अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखें और समय-समय पर डॉक्टरी परामर्श लेते रहें।  * व्यायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लें। * व्यायाम ज्यादा पकाऊ न हो , इसके लिए रोज कुछ नया करने का प्रयास करें। जैसे सोमवार को सैर , मंगलवार को योग , बुधवार को एक्सरसाइज आदि। * व्यायाम करते समय अपनी पसंद का म्यूजिक सुनना बहुत जरूरी होता है। इससे मन प्रसन्न होता है , और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। * खाने में हरी सब्जी , फल , सलाद और जूस का नियमित सेवन करें...

शंख ध्वनि से होता है कीटाणुओं का नाश

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अगर आपको खांसी, दमा, पीलिया, ब्लडप्रेशर या दिल से संबंधित मामूली से लेकर गंभीर बीमारी है तो इससे छुटकारा पाने का एक सरल-सा उपाय है - शंख बजाइए और रोगों से छुटकारा पाइए।  \   शंखनाद से आपके आसपास की नकारात्मक ऊर्जा का नाश तथा सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। शंख से निकलने वाली ध्वनि जहां तक जाती है वहाँ तक बीमारियों के कीटाणुओं का नाश हो जाता है। शंखनाद से सकारात्मक ऊर्जा का सर्जन होता है जिससे आत्मबल में वृद्धि होती है। शंख में प्राकृतिक कैल्शियम, गंधक और फास्फोरस की भरपूर मात्रा होती है। प्रतिदिन शंख फूँकने वाले को गले और फेफड़ों के रोग नहीं होते। शंख से मुख के तमाम रोगों का नाश होता है। शंख बजाने से चेहरे, श्वसन तंत्र, श्रवण तंत्र तथा फेफड़ों का व्यायाम होता है। शंख वादन से स्मरण शक्ति बढ़ती है। साभार ----- वेव दुनिया डाट काम से

स्वास्थ्य क्या है।

स्वास्थ्य क्या है। इस प्रश्न की खोज करने के लिऐ विश्व की अनेको पैथियों ने अनेक प्रकार से उत्तर प्रदान किया है जैसे विश्व ख्याति प्राप्त ऐलौपैथी इसकी परिभाषा देती है health  means healing from diseases because the word “health” come from the word “heal”  and heal means “to cure”. अर्थात “heal”   का अर्थ है ठीक करना या रोग से मुक्त करना या होना।मतलब जो पदार्थ रोग से मुक्त कर दे उसे हीलर कहा जाता है।और हीलिंग के बाद की स्थिति को हैल्थ कहा जाता है।इसका मतलब यह है कि विश्वख्याति प्राप्त चिकित्सा पद्यति के पास स्वयं स्वास्थ्य के लिए कोई परिभाषा ही नही है वल्कि इसके पास केवल रोगी होने और रोग मुक्ति के बाद की स्थिति के लिए ही परिभाषाऐं हैं।और हमने एसे डाक्टर के हाथ में अपने को दे दिया है जिसे वास्तविक स्वास्थ्य की कोई जानकारी ही नही है वह केवल यह ही जानता है कि रोग क्या है और रोग मुक्त होना क्या है। लैकिन खुशी की बात यह है कि हम उस देश का प्रतिनिधित्व करते हैं जो स्वास्थ्य की केवल परिभाषा ही नही वल्कि रोगों से शरीर को दूर रखने का तरीका भी जानता है वह जानता है कि क्...

11 पौष्टिक चीजें अवश्य खाएं ठंड के मौसम में

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खसखस - भीगी हुई खसखस खाली पेट खाने से दिमाग में तरावट और दिनभर ऊर्जा बनी रहती है।    काजू - इसमें कैलोरी ज्यादा रहती है। ठंड में शरीर का तापमान नियंत्रित रखने के लिए ज्यादा कैलोरी की आवश्यकता होती है। काजू से कैलोरी मिलती है जिससे शरीर स्वस्थ रहता है।      बादाम - यह दिमाग को तेज करने में सहायक होता है। ठंड के दौरान इसे खाने से प्रोटीन, कैल्शियम मिलता है।   अखरोट - कोलेस्ट्राल को कम करने में सहायक होता है। इसमें फायबर, विटामिन ए और प्रोटीन रहता है। जो कि शरीर को स्वस्थ रखने में सहायता प्रदान करता है।    अंजीर - इसमें आयरन होता है, जो खून बढ़ाने में सहायक होता है।    च्यवनप्राश - च्यवनप्राश प्रतिदिन खाने से शरीर का पाचनतंत्र सुदृढ़ होता है, स्फूर्ति बनी रहती है।   गजक - यह गुड़ और तिल से बनाई जाती है। गुड़ में आयरन, फास्फोरस अधिक मात्रा में पाया जाता है। तिल में कैल्शियम व वसा होता है। इसके कारण ठंड क...

जाने आयुर्वेद का आधार प्रकृति वात पित्त व कफ को -नाड़ी विज्ञान

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 भाईयों आप जैसा कि जानते हैं कि ब्लागर स्वभाव से घुमक्कड़ होता है और चूकिं मैं एक ब्लागर हूँ तो  जाहिर सी बात है कि घुमक्कड़ भी हूँ।हाँ बाकी कहीं नही किन्तु इण्टर नेट पर तो घुमक्कड़ी इतनी करता हूँ कि श्री मती जी भी परेशान हैं कि खाने पीने की भी सुध नही रखते हमेशा कहीं न कहीं घूमने निकल पड़ते हों।वैसे भाई मैरे घर बालों को कोई फायदा हो न हो किन्तु मैं अपने पाठको को नई नई जानकारियाँ जरुर खोजता हूँ।देखो आज मैने अपना फेसवुक एकाउण्ट खोला कि सामने भैया श्री कुमुद किशोर भारतीय जी का एकाउण्ट नजर आया कि उन्हौने स्वदेशी अपनाओ देश बचाओ की एक पोस्ट लाइक की हुयी है झट से मैने नजर डाली देखा यह तो मेरे पाठकों के बड़े ही काम की है तो आपके लिये ले आया हूँ।       आयुर्वेद जैसा कि पहले भी बता चुका हूँ कि आयु का वेद है जो आपको बताता है कि आपको अपना शरीर कैसे चुस्त दुरुस्त रखना है वल्कि सही मायनो में कहा जाए कि निरोगी काया कैसे पानी है तो उसने बताया कि भाई जैसा बह्माण्ड वैसा अण्ड यानि की शरीर जो गतिविधियाँ ब्रह्माण्ड में पायी जाती है वे ही पायी जाती है शरीर में सो जैसे जाड...