सर्दियों में कैसे बचें जुकाम से------- डॉ. सलिल भार्गव - The Light Of Ayurveda

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शुक्रवार, 5 दिसंबर 2014

सर्दियों में कैसे बचें जुकाम से------- डॉ. सलिल भार्गव

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सर्दियों में कैसे बचें जुकाम से

 डॉ. सलिल भार्गव 
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सर्दियों में जुकाम दुनियाभर के लोगों को प्रभावित करने वाली सबसे आम बीमारी है। 100 से भी ज्यादा वायरस ऐसे हैं, जो इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं और यह बहुत आसानी से फैलता है। इसलिए जुकाम फैलाने वाले वायरसों के संक्रमण से बचना काफी मुश्किल हो जाता है। शरीर में पहुंचने के बाद ये वायरस संख्या में बढ़ना शुरू होते हैं, जिससे ये लक्षण दिखाई देना शुरू होते हैं। 


- गले में खराश, छींके एवं नाक बहना।

- आंखों से पानी निकलना।

- बदन दर्द एवं खांसी।

- सांस लेने में परेशानी या हल्का बुखार आने जैसे कई लक्षण सामने आते हैं। 

आमतौर पर जुकाम 1-2 हफ्तों में ठीक हो जाता है। चिकित्सकों का मानना है कि इसके वायरस की उम्र 7 दिन की होती है। आमतौर पर यह किसी औषधि से नहीं मरता। औषधियां केवल लक्षणों को ठीक करने के लिए दी जाती हैं। यह कहावत बहुत आम है कि जुकाम दवाएं खाएं तब भी 7 दिन में ठीक होता है और नहीं खाएं तब भी एक हफ्ते में ठीक होता है। 

क्या करें..

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सर्दी होने पर अनावश्यक मेहनत से बचना चाहिए। रूटीन के काम कर सकते हैं, लेकिन इस दौरान धूल और धूएं से बचना चाहिए, नहीं तो हालत बिगड़ सकती है। भरपूर आराम के साथ ही पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लेना चाहिए, विशेषकर फलों का रस जरूर लें। जुकाम के कारण पाचन तंत्र भी निष्क्रिय पड़ जाता है, इसलिए हल्के, सुपाच्य खाद्य पदार्थ थोड़ी-थोड़ी मात्रा में लें। कफ सिरप आदि दवाओं से लक्षणों में राहत मिल सकती है, लेकिन ये जुकाम का बचाव या इलाज नहीं होता है, न ही इनसे बीमारी जल्दी ठीक होती है। 

सर्दी-जुकाम से बचने के लिए फिलहाल कोई टीका उपलब्ध नहीं है, लेकिन बीमार न पड़ें, इसके लिए कुछ उपाय जरूर किए जा सकते हैं। अपने आहार की ओर ध्यान दें, प्रतिदिन ऐसा आहार लें, जिसमें सभी आवश्यक पोषक तत्व मौजूद हों, पर्याप्त नींद लें और व्यायाम भी करें। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता दुरुस्त रहेगी। 

बच्चों और बुजुर्गों को हीटर के सामने नहीं बैठना चाहिए, क्योंकि इससे त्वचा रुखी होकर फट सकती है। त्वचा की दरारों के जरिए संक्रमण शरीर के अंदर प्रवेश कर सकते हैं। 

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