Sheetpitt, Pitti, Urticaria or Hives Causes Symptoms and Home Remedies
शीतपित्त, पित्ती उछलना और छपाकी रोग लक्षण, कारण व घरेलू उपाय
आजकल त्वचा संबंधी समस्याऐं समाज में आम हो गई हैं । इसमें से बहुत सी समस्याऐं किसी न किसी संक्रमण के कारण होती हैं। वहीं कुछ समस्याऐं हमारे खान-पान और बिगड़ी हुयी आहार शैली के कारण भी होतीं है। इन्हीं में से एक समस्या है पित्ती का उछलना, जिसे शीतपित्त भी कहा जाता है। इसमें रोगी का पूरा शरीर खुजली और जलन से लाल होने लगता है। विशेष बात यह है कि कुछ मिनट के बाद यह अपने आप ठीक भी हो जाती है और रोगी इसपर विशेष ध्यान नही देता। यही कारण है कि ज्यादातर मामलों में लोग इसके इलाज के लिए नजरंदाज कर जाते हैं। जबकि परेशानी खूब उठाते हैं आज Ayurvedlight- The Light Of Ayurved अपने इस लेख के जरिये आपको पित्ती उछलने की इस समस्या के कारणों, लक्षणों और घरेलू उपचार के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। लेकिन हाँ संवेदन शील त्वचा वाले लोग इन उपायों को पढ़कर सेल्फ मेडीकेशन विल्कुल न करें अपितु जिस इलाज को अपनाना चाहते हैं उसे लिखकर डाक्टर से उस पर चर्चा अवश्य कर लें। क्योंकि संवेदन शील त्वचा वाले लोगों को कोई फार्मूला नुकसान भी कर सकता है।
आइए, जानते हैं पित्ती उछलना क्या है।
इसे जानने से पहले कि यह क्या है हमें यह पता होना चाहिये कि पित्ती उछलने को छपाकी व शीतपित्ती के नाम से भी जाना जाता है।
विषय सूची
पित्ती उछलना क्या है? Pitti Uchalna kya hai ? – What is Hives in Hindi
पित्ती उछलना वास्तव में त्वचा से संबंधित एक विकार है, जो मुख्य रूप से खून की खरावी के अलावा एक विशेष हार्मोन की अतिसक्रियता के कारण पैदा होता है। यह एक प्रकार का एलर्जिक रिएक्शन हैं, इसमें त्वचा पर अचानक तीव्र जलन और खुजली का एहसास होता है, जो बाद में छोटे या बड़े लाल चकत्तों के रूप में नजर आने लगता है। सामान्यतया इसका प्रभाव केवल कुछ मिनट तक ही रहता है और बाद में अपने आप ठीक भी हो जाता है, लेकिन कुछ रोगी एसे भी देखने में आते हैं जिनपर इसका प्रभाव लंबे समय तक बना रह सकता है। शीतपित्त, पित्ती या आर्टीकेरिया अगर मुंह और गले पर आ जाऐ तो यह श्वास नली को बाधित कर सकता है। इसलिए, ऐसे मामलों में रोगी को अपने डाक्टर से तुरंत सम्पर्क करना चाहिये।
पित्ती उछलने के कारण – Causes of Hives in Hindi
जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि पित्ती का उछलना एक प्रकार का एलर्जिक रिएक्शन है। इसका मुख्य कारण हिस्टामाइन नाम का एक विशेष हार्मोन है। वहीं, इसके अलावा भी इसी के जैसे ही कुछ अन्य रसायनों का शरीर में अधिक मात्रा में बनना भी पित्ती की वजह बन सकता है। इन हार्मोन्स की अधिकता के लिए कुछ खास चीजें जिम्मेदार हो सकती हैं, जिन्हें इसके कारणों के तौर पर गिना जा सकता है ।
कुछ विशेष वस्तुऐं भी पित्ती होने का कारण हो सकती हैं।
- बिल्लियों व कुत्तों जैसे पालतू जानवरों से झड़ने वाले त्वचा के कुछ अंश
- आर्थोपोड्स या कीटों का काटना।
- कुछ विशेष दवाओं का दुष्प्रभाव।
- पुष्पों के पराग कण।
- सीप, शंख, मछली, नट्स, अंडा व दूध जैसे अन्य खाद्य पदार्थों से एलर्जी होने के कारण भी शीतपित्त या पित्ती उछलना हो सकता है।
शीत पित्त होने के सामान्य कारण--
- किसी प्रकार का भावनात्मक तनाव।
- अधिक ठंड या अधिक धूप।
- अधिक पसीना आने की समस्या।
- इम्यून सिस्टम से संबधित समस्या।
- मोनोन्यूक्लिओसिस (एक वायरल संक्रमण जो चुंबन से फैलता है)।
- अत्यधिक व्यायाम या सामर्थ्य से ज्यादा परिश्रम।
- पानी में अधिक समय तक रहने के कारण।
नोट : ऑटोइम्युनिटी, आंत्र का बैक्टीरिया जैसे एच पाइलोरी और दाँत संबंधी समस्या (Dental caries) के कारण भी शीतपित्त हो सकती है।
पित्ती उछलने (शीतपित्त) के लक्षण – Symptoms of Hives in Hindi
निम्न लक्षण के माध्यम से शीत पित्त को आसानी से पहिचाना जा सकता है।
- खुजली होना।
- त्वचा पर लाल चकत्तोंके साथ सूजन का हो जाना।
- छोटे-छोटे चकत्तों का आपस में मिलकर एक बड़े उभार के रूप में त्वचा पर दिखना।
- ये चकत्ते का त्वचा पर आते हैं और मिनटों में गायब हो जाते हैं।
- डर्मिटोग्राफिज्म होना , जिसमें हल्की-सी खरोंच लगने पर भी त्वचा में सूजन आ जाती है।
- पलकों और होंठों पर सूजन भी हो सकती है।
पित्ती उछलने या शीतपित्त का घरेलू उपाय
शीतपित्त आर्टीकेरिया या हाइव्स के अनेकों घरेलू उपाय हैं जिनसे आप इस रोग से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं जिनमें से कुछ उपाय हम आज यहाँ बताने जा रहे हैं । कृपया ध्यान से पढ़े वैसे तो हम नुस्खे बताने में बहुत सावधानी बरतते हैं फिर भी कोई नुस्खा प्रयोग करने से पहले किसी आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से जरुर सलाह लें क्योंकि हो सकता है कि आपकी त्वचा किसी पदार्थ के प्रति संवेदनशील हो एसी स्थिति में आपको फायदे की जगह नुकसान भी हो सकता है।
- 50 ग्राम अजवायन दरदरी पीस लें इसे 50 ग्राम गुड़ में मिलाकर 16 गोलियां बन लें। इन्हें सुबह शाम पानी से निगल लें। सर्दी में होने वाली शीत पित्ती में भी इससे बहुत आराम मिलता है।
- पित्ती निकलने पर नीम के पत्ते चबाने पर कड़वे नहीं लगते। नीम के पत्ते तब तक चबाएं जब तक की कड़वे न लगने लगे। इससे पित्ती ठीक हो जाती है।
- एक चम्मच शहद व एक चम्मच अदरक का रस मिलाकर दिन में तीन बार लें। ऊपर से दो घूँट पानी पीएं। पित्ती मिटेगी।
- एक चम्मच त्रिफला चूर्ण में एक चम्मच शहद मिलाकर सुबह शाम खाने से पित्ती मिटती है।
- दो गिलास पानी में एक चम्मच एक चम्मच खाने का सोडा मिलाकर इस पानी का शरीर पर स्पंज करने से पित्ती के अलावा खुजलीदार दानो में भी आराम मिलता है।
- देसी घी में सेंधा नमक मिलाकर इससे मालिश करके ओढ़ कर सो जाएँ। पसीना आने के साथ पित्ती में आराम आ जायेगा।
- एक चम्मच हल्दी पाउडर एक गिलास पानी के साथ पी लें। इसके अलावा पानी में हल्दी पाउडर का पेस्ट वनाकर भी चकत्तो पर इस्तेमाल करें तो भी लाभ प्राप्त होता है।
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