नारी जननांग अर्थात कामांग और कामतृप्ति के अंग जो सेक्स के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।

जैसा कि आप सभी जानते होंगे कि सम्पूर्ण प्रकृति एक विशिष्ठ प्रकार के बल से बँधी है जिसे कहते है आकृषण का बल और इस आकृषण का प्रकटीकरण है काम जिससे सम्पूर्ण प्रकृति आवद्ध है और काम क्रिया के निस्पादन के लिए प्रकृति ने सभी जीवधारियों में ही नही अपितु सम्पूर्ण कायनात को अलग अलग अंग प्रदान किये हैं जिससे कि आकृषण पैदा हो। मानव शरीर को भी प्रकृति ने नर व नारी दो रुपों में प्रकट किया है और दोनों ही शरीरों में कुछ अंग एक दूसरे से विल्कुल अलग बनाए हैं। है दोनों शरीर मानव के ही किन्तु दोनों में ही विविधता है।दोनों ही शरीर एक दूसरे से अलग अपूर्ण हैं और दोनों के मिलन से ही पूर्णता सम्भव है या ये कहें कि दोनों का मिलन ही नयी प्रकृति बना सकने में समर्थ है। आज हम मानव शरीर के उसी अंग नारी रुप के बारे में विस्तार से बताऐंगें। यहाँ यह जानना बहुत जरुरी है कि नारी के शरीर में अनेकों कामांग है जो कामतृप्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। महिलाओं के स्तनों की शारीरिक रचना स्तन पुरुषों और महिलाओं दोनों में होते हैं। महिलाओं में स्तन एक विशेष संरचना होती है जो एक स्रावी अंग के रुप मे...