पेड़ु में दर्द या वल्वल में पीड़ा और खुजली किस कारण होती है?
पेड़ु में दर्द या वल्वल क्षेत्र में पीड़ा खुजली, जलन एवं उत्तेजना का कारण जननेन्द्रिय में संक्रमण (इनफैक्शन) हो सकता है या डरमैटईटिस, एक्जीमा जैसी त्वचा के असंक्रमाक रोग हो सकते हैं।
त्वचा के असंक्रामक रोग जो कि वल्वल को पीड़ा या कष्ट देते हैं उनके कारण क्या हो सकते हैं?औरत की वल्वा में त्वचा परक ऐसा रोग भी हो सकता है जो कि संक्रामक नही होता और सम्भोग के साथी को नहीं लगाता। जांघिए को धोने के लिए जो साबुन, दुर्गन्धनाशक और प्रक्षालक काम में लाया जाता है उससे जलन की बहुत सम्भावना रहती है।
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पेड़ू की (वल्वल) त्वचा की देखभाल महिला स्वयं कैसे करे?यदि आपको यह समस्या है, या उसका अंदेशा है तो तंग माप के टाईटस या ट्राउसर मत पहनें। सिनथैटिक के जांघिये न पहने और कॉटन के भी ऐसे जांघिए पहने जो बहुत कसे हुए न हो। त्वचा को साफ करने के लिए हल्के साबुन का इस्तेमाल करें।
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उपचार बहुत सी बातों पर निर्भर रहता है, पुष्टि या गाँठ का आकार, कितना पीड़दायक है, क्या संक्रमित है और आप का डाक्टर कौन सी उपचार विधि को चुनता है। कुछ तो एनटिवॉयटिक खाने मात्र से ठीक हो जाते हैं। कभी-कभी डाक्टर उसमें एक नली डालने का निश्चय कर सकते हैं। (मोटे धोग जैसी) वह नली 2 से 4 हफ्ते तक उसी जगह पर रहती है। इससे तरल पदार्थ बाहर बह जाता है और इससे योनि के दोनों पक्षों पर एक छोटा सा छेद हो जाता है 2-4 हफ्ते में उस नली को निकाल दिया जाता है।
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