अश्वगंधा
शरीर की प्रतिरोधक ताकत को बढ़ा कर एवं सभी बीमारियोंं से बचाकर सदाबहार
यौवन देता है। पौरुष शक्ति बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा भी है अश्वगंधा
Paurush shakti badhaane kee aayurvedik dava ashvagandha
अश्वगंधा और सदाबहार यौवन
कौन दुनिया में ऐसा है जिसे स्वस्थ एव बलिष्ठ शरीर के साथ ही सदाबहार यौवन की चाह नही होती।हर व्यक्ति चाहे स्त्री हो या पुरुष हमेशा चाहते हैं कि युवा बने रहें, जो लोग वृद्ध हो भी गये हैं वे भी एसी चाहत रखते हैं कि किसी तरह से पुनः जवानी वाला जोश मिल जाए तो दुनिया को अपनी मुठ्ठी में कर लें। आइये आज जमाने की इसी इच्छा को पूरी करने वाली औषधि की बात हम करने जा रहे हैं जो शायद प्रभु ने इसीलिए हमारी धरती पर उतारी है। यह महानतम वनौषधि या Ayurvedic Jadi Buti है अश्वगंधा, जिसने लाखों वर्षों से भारतीय स्वास्थ्य विज्ञान में अपना स्थान इसी कार्य के लिए आज तक बनाऐ रखा है, जवकि आधुनिक स्टेराइडों Steroid के प्रयोग से इस घातक कोरोनाकाल में लाखों लोग मृत्यु के गाल में समा गये जो बचे वे ब्लेक फंगस की चपेट में आ गये वहीं अश्वगंधा के प्रयोग ने कोरोना से ग्रसित रोगियों को बिना किसी साइड इफेक्ट न केवल शक्ति व स्फूर्ति प्रदान की वहीं उन्हैं कोरोना से भी मुक्ति प्रदान करने में सहायता दी। और कोरोना पर प्रभावकारी औषधियों के रुप में अपना नाम सुशोभित किया है। जापान तथा भारत में कोरोना की प्रभावकारी औषधियों के रुप में अश्वगंधा ने क्रांतिकारी कार्य किया है। और लाखों लोगों को जीवनदान दिया है बाबा रामदेव की कोरोनिल में अश्वगंधा भी एक महत्वपूर्ण घटक है।
लैकिन हमारा आज का विषय है कि अश्वगंधा हमारी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर हमे निरोगी बना कर सदावहार यौवन प्रदान करता है तो --- सदाबहार यौवन व स्वस्थ शरीर तो हर युग के मानव की चिंता का कारण रहा ही है उम्र तो बढ़ती है किंतु मानव की हमेशा चाह रही है कि उस पर उम्र का प्रभाव न पढ़े इसीलिए मानव की इस चिंता का ख्याल रखते हुये आयुर्वेद के महान ऋषियों ने बहुत सी यौवन प्रदायक जड़ी बूटियों का पता लगाया जिनमें अश्वगंधा भी एक हैं।
आइये आज इस महान जड़ी बूटी अश्वगंधा के गुणों पर एक नजर डालते हैं। जिसका प्रयोग आपके स्वास्थ्य का खजाना तो है ही साथ ही आपके युवा रहने की गारंटी भी है। आइये इस औषधि अश्वगंधा के औषधीय गुणों और प्रयोगों के बारे में कुछ बात करते हैं। अश्वगंधा (ashwagandha plant in hindi) एसा पौधा है जो आयुर्वेद के महासागर का अमूल्य रत्न कहा जा सकता है और आयुर्वेद मनीषियों ने आयुर्वेदिक दवाइयों को बनाने में इसका प्रयोग किया है
अश्वगंधा के असली होने की पहिचान व नामकरण (ashvagandha ke asalee hone kee pahichaan va naamakaran)---
इसके पत्तों व जड़ों से अश्व अर्थात घोड़े के मूत्र की सी गंध आती है अतः अश्वगंधा को असगंध या वाजीगंधा भी कहा जाता है। क्योकि अश्व व वाजि घोड़े के ही पर्यायवाची हैं।यह वास्तव में घोड़े की सी ताकत भी दैती है हमारी मांसपेशियों को बलिष्ठ बनाती है। इसका वानस्पतिक वैज्ञानिक नाम Withania somnifera है , और सामान्य इंग्लिस नाम winter cherry है।
अश्वगंधा के औषधीय गुण या अश्वगंधा के फायदे हिंदी (ashwagandha ke fayde in hindi ) ---
इस (ashwagandha in hindi) पौधे
की जड़ों से इसका चूर्ण (Ashwagandha Churna) और Ashwagandha Capsule भी बनाये जाते हैं जो body में खून की मात्रा को बढ़ाने, वजन को घटाने(Ashwagandha in Weight loss) , लकवा से बचाने आदि स्वास्थ्य उपयोगों में प्रयोग होते हैं।यह एक उत्तम प्राकृतिक स्टेरॉयड(Ashwagandha natural Steroid) भी है जिसका उपयोग मांसपेशियों में ताकत (Ashwagandha muscle strength Booster) प्रदान करने में होता है इसके अलावा किसी रोग से पैदा हुयी कमजोरी को दूर करने (Ashwagandha Immunity Booster) में भी इसका कम मात्रा में प्रयोग लाभकारी है।
अश्वगंधा एक बलवर्धक रसायन (ashvagandha ek balavardhak rasaayan)-- पौरुष शक्ति बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा है अश्वगंधा
अश्वगंधा |
अश्वगंधा एक बलवर्धक रसायन |
(ashwagandha in hindi) एक ऐसा बलवर्धक रसायन है जिसके गुणों की पुरातन रसायन शास्त्रियों से लेकर आधुनिक चिकित्सा विज्ञानियों ने भी भरपूर प्रसंसा की है।आयुर्वेद शास्त्रियों ने इसे वीर्यवर्धक, शरीर में ओज और कांति दायक , पौष्टिक व सर्वांग शक्ति प्रदायक, क्षय कीटों का नाशक, रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ने वाला एवं लम्बे समय तक वृद्धावस्था को दूर रखने वाली सर्वोत्तम औषधि माना है। अश्वगंधा के गुण (ashwagandha ke Gun in hindi)--
अश्वगंधा (ashwagandha ke Gun in hindi) वायु एवं कफ विकारों को नाश करने वाली औषधि है इसका अर्थ है कि यह खांसी, श्वांस, खुजली, व्रण, आमवात आदि का विनाश करने की क्षमता रखती है। अश्वगंधा के प्रयोग से कमजोर व्यक्तियों में वीर्य व् पौरुष सामर्थ्य की वृद्धि होती है, यह शरीर पर मांस वृद्धि करने , स्तनपान कराने वाली माताओं के स्तनों में दूध की वृद्धि करने, कमजोर बच्चों को मोटा करने व चुस्त व आलस्यहीन बनाने तथा गर्भधारण के निमित्त व्यापक रूप से प्रयोग किया जाता है।
महर्षि
चरक अश्वगंधा को उत्कृष्ट बल्य औषधि में शुमार करते हैं, जो समस्त जीर्ण रोगों
तथा क्षय पीड़ितों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त औषधि है।
अश्वगंधा सेवन करने की विधि व उपयुक्त मात्रा--- Ashvagandha sevan vidhi, Dose
एक माह तक अश्वगंधा का 3 से 6 ग्राम चूर्ण दूध, घी, तेल या ताज़ा पानी के साथ बच्चों
को सेवन कराने पर जैसे वर्षा का प्रभाव वनस्पतियों पर होता है ठीक वैसा ही प्रभाव बच्चे पर होता है, यह औषधि कमजोर बच्चों पर ही नहीं अपितु वृद्धों पर भी समान प्रभाव दिखाती है यह मुर्दा नसों में जान डाल देने वाली महौषधि है शरद ऋतू में इसका सेवन एक महीने तक करने पर बाल वृद्ध नर नारी सभी पुनः जवानी का अनुभव करने लगते
हैं।
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अश्वगंधा चूर्ण |
आयुर्वेद के मनीषी बल व पुष्टिवर्धन के लिए किसी अन्य औषधि को अश्वगंधा से श्रेष्ठ नहीं मानते। यह अति शुक्रल औषधि जो बुढ़ापे में भी युवापन का अहसास करा सकती है क्षय शोष आदि रोगों में भी बहुत लाभकारी है, यह नपुंसकता से ग्रसित लोगों में पुनः शुक्र धातु की बढ़ोत्तरी करके उन्हैं पौरुष प्रदान करती है।
ब्लड प्रेशर, डायबटीज व कोलेस्ट्रॉल पर अश्वगंधा प्रभावकारी है :(Blad preshar, dayabateej va cholesterol par ashvagandha prabhaavakaaree hai)
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अश्वगंधा रक्तचाप को सामान्य बनाती है |
अश्वगंधा रक्तचाप को सामान्य बनाती है। तथा तनाव को घटाती है। अश्वगंधा में डायबटीज को कम करने और कोलेस्ट्रॉल को घटाने की क्षमता होती है।
अश्वगंधा का गठिया और पाचन क्रिया पर प्रभाव :
अश्वगंधा गठिया पर एक आश्चर्यजनक औषधीय प्रभाव डालता है एक तरफ यह गठिया का दर्द दूर करता है।
वहीं पेट को साफ करने का गुण भी इसमें होता है जिससे पाचन क्रिया स्वत: दुरुस्त हो
जाती है। और इसी कारण गठिया के मरीज पर इसका आश्चर्यजनक प्रभाव होता है।
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अश्वगंधा नींद व ल्यूकोरिया दोनो में लाभकारी औषधि है। |
नींद और ल्यूकोरिया पर अश्वगंधा का प्रभाव : अश्वगंधा का सेवन नींद न आने के रोगियों पर आश्चर्यजनक परिणाम देता है इसके प्रयोग से यह समस्या दूर हो जाती है। इसके अलावा जिन महिलाओं को
योनि से हमेशा सफेद चिपचिपा पदार्थ निकलता रहता है यानि जिन्हैं श्वेतप्रदर की शिकायत है् अगर वह अश्वगंधा का सेवन करें, तो उन्हे बहुत आराम मिलेगा।
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अश्वगंधा कद लम्बा करने में प्रभावकारी है |
अश्वगंधा कद लम्बा करने में प्रभावकारी है:
जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि अश्वगंधा शरीर की मांसपेशियों व मांस बढ़ाने में अति लाभकारी है अतः प्रतिदिन एक चम्मच अश्वगंधा चूर्ण लगभग 40 से 45 दिनों तक एक गिलास
दूध में mix कर के उसमे थोड़ा सा गुड़ या
चीनी भी मिला कर पीने से बच्चों का कद बढ़ जाता है।
अश्वगंधा
प्रजनन शक्ति व स्पर्म काउंट बढ़ाता है सेक्स की थकान मिटाता है (Sex Thakan mitaata hai ashwagandha) -----
अश्वगंधा एक बहुत ही अच्छा सेक्स टॉनिक है इसके सेवन से प्रजनन शक्ति में इजाफा होता है। यह वीर्य में स्पर्म काउंट बढ़ाता है और
वीर्य भी अच्छी मात्रा में बनाता है साथ ही साथ यह वीर्य का शोधन करके वीर्य की
क्वालिटी को अच्छी करता है। जिससे सेक्स समस्याऐं दूर होकर शरीर में जोश भर देता है जिससे
शरीर में आलस्य नहीं रहता है और सेक्स करते समय थकान भी नहीं आती है।
अश्वगंधा का सेवन करने की विधि : ( Ashvagandha ka sevan karane kee vidhi )
अश्वगंधा 2 से 5 ग्राम प्रतिदिन सेवन करके हम उपरोक्त सभी लाभों को प्राप्त कर सकते हैं
इसके लिए आप 100 ग्राम अश्वगंधा, 100 ग्राम विधारा तथा 200 ग्राम सौंठ लेकर अलग अलग बारीक कपड़छन कूट पीस कर मात्रानुसार मिला लें इसको 400 ग्राम मिश्री में मिला कर रख
लें , इस बने चूर्ण की एक
चम्मच मात्रा रात को सोते समय दूध के साथ सेवन करें। इसके अलावा आप अश्वगंधा के विभिन्न फार्मेसियों के बने केप्सूल भी प्रयोग कर सकते हैं। कई फार्मेशियां इसका शिलाजीत के साथ भी योग बनाती हैं जो और भी उत्तम औषधि है।
संपूर्ण लेख से यह निष्कर्ष निकलता है कि अश्वगंधा शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर शरीर की उन सभी धातुओं की पुष्टि करके शरीर में पुनः में जवानी को बरकरार रखता है।जिनकी कि किसी कारण से शरीर में कमी हो जाती है। अतः यह सदाबहार यौवन प्रदायक महौषधि है।
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