योनि शोथ व योनि के घाव yoni shoth va yoni ke ghaav - The Light Of Ayurveda

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गुरुवार, 18 अक्टूबर 2012

योनि शोथ व योनि के घाव yoni shoth va yoni ke ghaav

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वैजिनाइटिस,योनि की सूजन अर्थात योनि शोथ कारण व निवारण

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Vaginitis Cause, Symptoms And Prevention In Hindi

योनि की सूजन व योनि के घाव 

आपको जानकर अचम्भा होगा कि दोनो रोग लगभग एक ही हैं औऱ पहले की अधिकता से ही दूसरा पैदा हो जाता है।यानि कि अगर योनि की सूजन बढ़ जाती है तब यही सूजन रगड़ खाकर घाव भी बना देती है। वैसे अलग कारण भी हो सकते हैं।

                         योनि शोथ, योनि की सूजन

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                          इस रोग में योनि द्वार व उसके दोनों ओष्ठों में सूजन हो जाती है।और इस सूजन के कारण योनि के आसपास की त्वचा लाल होकर  यहाँ क्षोभ के कारण यहाँ दर्द हो जाता है।और अगर यह सूजन बढ़ जाऐ तो बुखार हो सकता है।तथा सूजन के कारण ही चलने फिरने में भी प्रोब्लम हो सकती है।

योनि की सूजन रोगोपचार- 

मैं बार बार इसी बात को दोहराता हूँ कि हर रोग का कारण अगर नष्ट हो जाए तो रोग अवश्य ही समाप्त हो जाता है तो क्योंकि यह रोग पैदा होता है सफाई न होने से तो पहले नम्बर पर सफाई रखा करें इसके अलाबा इस रोग का कारण है पेट में कब्ज बना रहना तो रोग का इलाज करने से पहले कब्ज का निवारण करें। और पेट साफ होने पर या दवा के साथ ही इस रोग की दवा भी करें।
                     यहाँ आपको एक नु्स्खा लिख रहा हूँ किसी योग्य वैद्य जी या डाक्टर सहाब से राय लेकर प्रयोग करके देख लें यह औषधि इस रोग में लाभ दायक   ही नही रोग हर प्रभाव देती है।
                       पोस्त या खसखस के डोडे,सूखी मकोय,व नीम के पत्ते 10-10ग्रा. लेकर सभी को 1 लीटर पानी में उबाल लें और छान लें इसी पानी से रोगिणी डाक्टर बाली रुई लेकर गुन गुना होने पर ही अपनी योनि को सेके इससे योनि की सूजन में निश्चित ही कमी होगी।

पढ़ें

प्रजनन अंगों की स्वच्छता का क्यों ख्याल रखें --- Why take care of cleaness of female reproductive organs   योनिगत घाव या योनि के घाव----

शोथ या सूजन युक्त योनि में चलने से रगड़ पैदा होने जाती है फलस्वरुप योनि में घाव पैदा हो जाते हैं।कभी कभी योनि में गर्मी से फुंसियाँ भी पैदा हो जाती हैं तथा कभी कभी सूजन ज्यादा होने पर योनि की इसी सूजन में मवाद पड़ जाता है।और कभी कभी योनि से एक विशेष प्रकार की बदबू जो खट्टी सी होगी भी पैदा हो जाती है।और इसी खटास के कारण या अन्य गुप्त रोग जैसे उपदंश या सुजाक के कारण भी योनि की त्वचा छिल जाती है औऱ योनि में घाव पैदा हो जाते हैं।

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ऐलर्जी नाशक नुस्खा - जो दूर कर सकता है आपके शरीर की गर्मी, एलर्जी व शीत पित्त



 योनिगत घाव या योनि के घावों का रोगोपचार

सामान्य  रोगावस्था में नीम की पत्तियों को उबालकर ही योनि को धो लेने से रोग मुक्तिमिल जाती है।
 इसके अलाबा एक मलहम लिख रहा हूँ जिसे बनाकर भी रोगिणीं लाभ ले सकती हैं।

 योनिगत घाव या योनि के घावों का मलहम-

50 ग्राम तिल तेल मे10 ग्राम नीम व 10 ग्राम ही मेहंदी के पत्ते अच्छी तरह पकाकर (जब पत्ते जल जाऐं ) तब तेल को छान लेवें और इसी में 10 ग्राम मोम पिघला लें ।इस मिश्रण में अलग से 12 ग्राम कबीला,4 ग्राम मुर्दासंग और काशरी खरल करके मिला लें। मलहम तैयार है।
          इस मलहम से अन्दरुनी हिस्सों के सभी घाव भर जाते हैं।

 पढ़े---
गेहूं के जवारे : पृथ्वी की संजीवनी बूटी (डॉ. जगदीश जोशी)



















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