घरों में प्रयोग होने वाली हल्दी को भारतीय समाज में शायद ऐसा कोई भी नही होगा जो न जानता हो और तो औऱ इसके रोगों में प्रयोग को लेकर भी हर घर में न सही तो ज्यादातर घरों की महिलाए अवश्य ही जानती हैं फिर भी इसके प्रयोग इतने अधिक हैं कि शायद कोई भी व्यक्ति एसा नही होगा जो इसके सभी प्रयोगों के बारे में जानता होगा।
मैने अभी दो दिन पहले हल्दी पर एक पोस्ट दी जो लेख मैने साभार श्री रणधीर चौधरी पानीपतिया के फेसबुक एकाउण्ट से लिया था।और इस पर आप लोगो का आवागमन देखकर मैने आपका अधिक प्यार पाने के लिए यह नयी पोस्ट हल्दी पर ही दे रहा हुँ।आशा है आप लोगों को अवश्य पसंद आएगी।
हल्दी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे किसी भी उम्र का व्यक्ति चाहें बच्चा बूढ़ा या जवान हो निड़र होकर प्रयोग कर सकता है।और तो और इसे गर्भ वती स्त्रियाँ भी प्रयोग कर सकती हैँ।हल्दी में प्रोटीन, वसा,कार्बोहाइड्रेट,फाइबर,खनिज पदार्थ जैसे मैंगनीज, पोटेशियम,कैल्शियम,फास्फोरस,लोहा, विटामिन ए, बी, सी के स्रोत तथा ऊर्जा भी पाई जाती है।आधुनिक शोधों के अनुसार हल्दी में कैंसर की कोशिकाओं को मारने की क्षमता है।और तो और मैने http://eeshay.com पर .यह भी पढ़ा कि यह डोमेंशिया या भूलने की बीमारी के इलाज में भी लाभदायक है।हल्दी में एक रसायन‘करक्यूमिन’ पाया जाता है जो गठिया तथा मनोभ्रम या डोमेंशिया यानि की भूलने की बीमारी जैसी बीमारियों के इलाज का महत्वपूर्ण तत्व है।
ब्रिटेन के कार्क कैंसर रिसर्च सैण्टर में कैंसर की कोशिकोओं पर किये गये शोध के अनुसार ‘करक्यूमिन’ने 24 घण्टे के भीतर ही कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करना शुरु कर दिया।यह जानकारी ब्रिटिस जरनल आफ कैंसर में प्रकाशित हो चुका है।
भारत मे हल्दी बहुत समय पहले से ही दूल्हा व दुल्हन का रुप व सोन्दर्य निखारने के लिए हल्दी चढ़ाने की रस्म निभायी जाती रही है जिसका उद्देश्य इसलिए है कि अगर जोड़े में से किसी को या दोनों को कोई भी चर्म रोग हो तो वह हल्दी से नष्ट हो जाऐ।
हल्दी पर मैं कुछ समय तक आपको धारावाहिक लेख रुक रुक कर लिखुगाँ आप नियमित आना जारी रखें।क्रमशः---------------------------------------------------
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