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सोमवार, 31 जनवरी 2022

अदरक : रोग, आहार संबंधी टिप्स और स्वास्थ्य लाभ Ginger ya Adarak: Aahaar Sambandhee tips Aur Svaasthy Laabh

 Ginger: Dietary tips And Health Benefits in Hindi-Ayurvedlight

Ginger ya Adarak: Aahaar Sambandhee tips Aur Svaasthy Laabh
अदरक : रोग, आहार संबंधी टिप्स और स्वास्थ्य लाभ

 

अदरक या जिंजर हमारे रसोई घर की एक एसी खास वस्तु है जिससे सभी परिचित होंगे। यह सामान्य प्राकृतिक रुप में सब्जी के रुप में अदरक के नाम से जानी जाता है और जब यह सुखा कर रख लिया जाता है तब यह सौंठ के नाम से जाना जाता है।

अदरक के चमत्कारिक गुण

अदरक यथा नाम तथा गुण --

 अदरक को इसमे उपस्थित गीले पन या आद्रता  के कारण ही आयुर्वेद में आद्रक के नाम से जाना जाता है। और इसी प्रकार इसके सूख जाने अथवा शुष्क हो जाने पर इसे शुण्ठी या सौंठ कहा जाता है।

अदरक के आयुर्वेदिक गुण ---

अदरक के गुणो के बारे में आयुर्वेद में कहा गया है कि 

आद्रिका मेदिनी गुर्वी तीक्ष्ण, ऊष्णा, दीपनी मता।

कटुका,मधुरा पाके रुक्षा वातकफापहा।।

अदरक मल भेदक, दीपन, और वात तथा कफ का नाश करने वाली औषधि है। इसके सेवन से पाचकाग्नि तेज होती है और भोजन के प्रति रुचि बढ़ती है। यह कब्ज दूर करने वाली,पाचक, कटु,तीक्ष्ण,एवं ऊष्णवीर्य औषधि है। यह रस तथा पाक में शीतल यह रस तथा पाक में शीतल मधुर तथा हृदय के लिए हितकारी है अदरक दस्त भेदने वाली सर्दी खांसी दमा वात विकार अजीर्ण गैस बमन शूल सूजन रुचि आदि में अत्यंत लाभदायक है अदरक के नियमित सेवन से आमाशयिक रस में वृद्धि होती है जिससे आहार आसानी से पच जाता है अदरक सेवन के विधान के विषय में कहा गया है।

भोजनाग्रे सदा पथ्यं लवणाद्रक  भक्षणम।
 अग्नि संदीपनं सच्यं जिह्यकंठ विशोधनम्।।

ginger health benefits ---

 भोजन के पहले अदरक को बारीक काट कर उस पर नमक छिड़क कर खाने से भूख न लगने की शिकायत दूर हो जाती है इससे खाने के प्रति रुचि उत्पन्न होती है तथा भोजन ठीक से पचता है इससे कंठ  की भी शुद्धि हो जाती है बच्चे, युवक, बूढ़े, प्रसूता, सगर्भा सभी इसका सेवन कर सकते हैं  तथा अदरक व सौंठ का प्रयोग मसालों के रूप में तो होता ही है इसका प्रयोग अनेक रोगों में घरेलू औषधि के रूप में भी किया जाता है यह शीत प्रसमन, सूजन दूर करने वाला  दर्द सामक आमवात संधि शोथ आदि में इस को पीसकर गर्म लेप किया जाता है शीत तथा अवसाद को दूर करने के लिए भी इसका लेप करते हैं और इसका चूर्ण तेल में मिलाकर मालिश करते हैं सूजन रोग में इसके चूर्ण का प्रयोग किया जाता है अग्निमांद्य और अरुचि में भोजन के पहले अदरक तथा नमक खाने का विधान है खांसी, श्वांस, हिचकी तथा प्रतिश्याय अर्थात जुकाम  इसका प्रयोग करते हैवाजीकरण योगों में भी सौंठ का प्रयोग (dry ginger benefits in Hindi) किया  जाता है।

अनेक रोगों में अदरक के प्रयोग--- 

खांसी में अदरक के आयुर्वेदिक प्रयोग ---

अदरक : रोग, आहार संबंधी टिप्स और स्वास्थ्य लाभ
खांसी में अदरक के आयुर्वेदिक प्रयोग शहद व अदरक


 खांसी रोग में हमारे परिवारों में शहद अदरक हमेशा से प्रसिद्ध योग है जिसे दादी नानी का प्रयोग के रुप में जाना जाता है खांसी हो जाने पर घर के बड़े बुजुर्ग तुरंत ही अदरक शहद लेने की सलाह देते हैं।

आइये जाने यह योग क्या है--- अदरक का  रस 1 से 2 चम्मच निकाल लें और कटोरी मे लेकर आग पर रखकर गर्म करें थोड़ा गुनगुना होने पर आग से उतार लें और थोड़ा ठंडा होने पर इसमें शहद मिलाकर चाटें ऐसा दिन में तीन बार करें आप देखेंगे कि पहली खुराक से ही आपको खांसी में बहुत आराम मिलने लगेगा। तीन दिन इस प्रकार से करने पर आपको पूर्ण लाभ मिल जाएगा।

उल्टी बंद होने का उपाय है अदरक ---

अदरक : रोग, आहार संबंधी टिप्स और स्वास्थ्य लाभ
उल्टी या वमन में लाभकारी है अदरक व प्याज का रस

वैसे तो दादी नानी के नुस्खों में अदरक का विशेष स्थान है ही जिसमें उल्टी या अपच की शिकायत होने पर अदरक के छोटे टुकड़े को काला नमक लगाकर लेने से राहत मिलती है। लेकिन आपको अगर  उल्टी की ज्यादा शिकायत बन रही हो तो आप अदरक का रस 10 ग्राम तथा 10 ग्राम की मात्रा में प्याज का रस मिलाकर लें तुरंत ही उल्टी शांत हो जाएगीं।

 

 

आधासीसी या माइग्रेन का दर्द और अदरक के आयुर्वेदिक प्रयोग ----

 आधा सीसी या माइग्रेन का दर्द बहुत ही कष्टदायक रोग है इससे राहत प्राप्त करने के लिए अदरक को कुचल कर उसमे गुड़ मिलाकर पोटली बना लें फिर उसके रस को नाक में कुछ दिनों तक डालने से लाभ मिलता है।

जाड़े के बुखार या शीत ज्वर में अदरक के आयुर्वेदिक प्रयोग-- ठंड के साथ बुखार की दवा है अदरक

 

अदरक : रोग, आहार संबंधी टिप्स और स्वास्थ्य लाभ  Ginger ya Adarak: Aahaar Sambandhee tips Aur Svaasthy Laabh

जाड़े के बुखार या शीत ज्वर में अदरक व पुदीना


अदरक व पुदीना का काढ़ा बनाकर पीने से पसीना आता है जिससे ज्वर शांत होता है। यह नुस्खा शीत ज्वर में बहुत फायदे मंद है ।

सूजन के निवारण में अदरक का प्रयोग--

 

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शरीर में कहीं सूजन होने में लाभकारी है अदरक व पुराना गुड़

अदरक का रस 10 ग्राम व पुराना गुड़ 20 ग्राम दोनों को एक साथ मिलाकर सुबह शाम लेने से वात व कफ के प्रभाव से होने वाली सूजन दूर हो जाती है।

अजीर्ण या बदहजमी Indigestion में अदरक का प्रयोग--

अदरक व नीबू का रस 10 -10 ग्राम लेकर उसमे थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाकर सुवह सुवह पीने से अजीर्ण रोग दूर हो जाता है इसके सेवन से भोजन के प्रति रुचि बढ़ती है। आहार ठीक से पचता है तथा गैस की समस्या भी ठीक हो जाती है।

पेट दर्द की आयुर्वेदिक दवा है अदरक --

 100 ग्राम अजवायन को अदरक के रस मे भिगो दें। अदरक का रस इतना लें कि यह अजवाइन के उपर तक आ जाऐ या कहें कि अजबाइन पूरी तरह इसके रस में डूब जाए अब इसे सूखने दें जब यह सूख जाए तब पुनः अदरक के रस में इसी अजवाइन को दोबारा डूबने तक  भिगोंए और फिर सूखने दें इस प्रकार तीन बार इसी क्रिया को करें यह  आयुर्वेद में भावना देना कहलाता है किन्तु अंत बाली भावना लगाने में इसमें 25 ग्राम खाने वाला नमक भी मिला लें  इस प्रकार तीन बार भावना लगाकर बनाई हुयी अजबाइन के सूखने पर इसका महीन चूर्ण बना लें । इस चूर्ण का तीन से पांच ग्राम की मात्रा लेकर दिन में तीन बार सेवन करने से पेट का दर्द पूर्णतः समाप्त होता है। यह नुस्खा केवल पेट दर्द में ही ऩही अपितु अग्निमांद्य, अजीर्ण , कब्ज व गैस की समस्याओं में भी रामवाण है।

बहुमूूत्र  रोग में अदरक के आयुर्वेदिक प्रयोग ---

 अदरक का रस और खड़ी शक्कर मिलाकर कुछ दिनों तक सेवन करने से बहुमूत्र रोग की शिकायत दूर हो जाती है।

 शीतपित्ती की आयुर्वेदिक दवा है अदरक ---

अदरक का रस और शहद 5-5 ग्राम मिलाकर सेवन करने से और सारे शरीर पर कंडे की राख मलकर कंबल ओढ़कर सो जाने से शीतपित्त का तुरंत शमन होता है।



 

 


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