चिर युवा बनाने वाला द्रव्य है आँवला - The Light Of Ayurveda : An Info Website for Health and Ayurveda.

Breaking

Whats app

Ayurveda Ancient Natural Traditional Medical Science

WWW.AYURVEDLIGHT.BLOGSPOT.COM

बुधवार, 28 नवंबर 2012

चिर युवा बनाने वाला द्रव्य है आँवला

कि कितना कष्ट होता है अपने वुढा़पे का आगमन तथा उसे काटना और अगर व्यक्ति के हाथ में होता तो वह इसे आने ही नही देता लैकिन यहाँ में एक बात कहूँगा कि चाहै बहुत अधिक विपरीत परिस्थितियाँ न हों तो यह सत्य ही है कि व्यक्ति यौवन के समय को वढ़ा सकता है।लैकिन इसके लिए शरीर को थोड़ा कष्ट तो देना ही पड़ेगा।और अगर थोड़ी महेनत व देखभाल से यदि सदावहार यौवन या चिरयुवा पन प्राप्त हो जाए तो मैं यह नहीसमझता कि कोई भी घाटे का सौदा होगा।हमारे आयुर्वेद में एक महर्षि हुये है जिनका नाम हम चरक के ना्म से जानते हैं उन्हौने वयःस्थापन के उपाय अर्थात चिर युवा बने रहने के उपायों का विस्तार से वर्णन किया है।अभी सर्दियाँ शुरु ही हुयी हैं और आयुर्वेद में रुचि लेने बाले यह जान लें कि यही समय है जब कि आप अपने शरीर को अच्छी खुराक दे सकते हैं क्योंकि इस समय जठराग्नि प्रवल रहती है सो आप लक्कड़ पत्थर जो भी खाऐंगे सब हजम हो जाऐगा इन सर्दी सर्दी के महिनों में सो इसका लाभ उठाऐं।
आजकल आँवले का फल आना शुरु हो गया है और अगर आपके यहां नही आया है तो जल्दी ही आ जाएगा सो केवल बाजार पर ध्यान ही रखे ।पके हुये आँवले अगर आप वैसे ही खाए तो वैसे ही खा सकतै हैं ।क्योंकि यह पहले खट्टा लगताहै कि न्तु सैकेंण्डो बाद ही मुँह मीठा हो जाता है।आँवला विटामिन सी का बहेतरीन स्रोत है।आवले का रस अगर 2-3 चम्मच निकालकर रोजानाखाने के बाद  पी लिया जाऐ तो शरीर में सभी विटामिन मिल जाएगी।अब जिन्है यह आँवला एसे अच्छा न लग रहा हो तो आँवलो को 2 दिन तक नमक के पानी में रख दे तो वह जब पीले पीले से हो जाए तब काट काट कर सुखाकर किसी काँच के वर्तन में रख लें।यह अब आपको खट्टा सा न लगकर स्वादिष्ट हो जाता है।इसी फार्मूले को सुखाकर पीसकर चूर्ण बनाकर भी दिनो तक रखे जा सकते हैं।बाबा रामदेव दी के यहाँ के बने एसे पाउच आप विना हाथ पैर हिलाए भी प्राप्त कर सकते हैं।
आँवला वुद्धि बल को तो बढ़ाता ही है साथ ही साथ रक्त पित्त,प्रमेह,संभोग शक्ति बढा़ने बाला,बुढ़ापे को दूर रखने बाला,नेत्रज्योति बढ़ाने बाला,वात,पित्त, कफ अर्थात त्रिदोष का काम तमाम करने बाला,भोजन में रुचि बढ़ाने वाला,शारीरिक शीतलता,गर्मी आदि का निवारण करने बाला,थकान,उल्टी,कब्ज आदि का हरण करने बाला है।यह व्यक्ति की आयु,शऱीर का वजन बढ़ाने वायु का अनुलोमन,दमा,खाँसी,बबासीर,चर्म रोग,पेट रोग,विसर्प,ग्रहणी ,विषम ज्वर आदि हृदय रोग,हिचकी,कामला ,पेट क दर्द, कामला,बड़ी हुयी तिल्ली,बढ़े हुय़े,बूँद बूँद कर या रुक कर पेशाव आना समस्याओं को मिटाने के साथ ही इन्द्रियों का बल व स्मृति बढा़ने में सहायक है।
अब आँवले के निम्न प्रयोग भी आप कर सकते हैं जो उपरोक्त लाभों का प्रदान करेंगें।
  1. आँवले का मुरब्वाः-आँवले को छल्नी से घिसकर उनसे समान मात्रा में चीनी डालकर धीमी आँच पर गरम करके डेढ.तार की चासनी लेकर नीचे रख दिन बनाने को इलायची व केशर डालकर काँच की बोतल में ऱख लें।
  2. आमलकी रसायन
  3. रसायन चूर्ण
  4. त्रिफला 
  5. आवले का घी आदि सभी तरह के ये 1 से 4 तक की सभी बस्तुएं बाजार से मिल जाती है और आप बैहिचक इनका प्रयोग कर सकते हैं।
अन्त में आँवला बास्तव मे व्यक्ति को तरोताजा रखता है।और किसी भी वय के बालक ,बूढ़े या स्त्रियाँ सभी इसे प्रयोग करके रोग मुक्त रह सकते हैं।आप सदैव निरोग रहैं यही हमारी मनोकामना है।
 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

हमारी वेवसाइट पर पधारने के लिए आपका धन्यबाद

OUR AIM

ध्यान दें-

हमारा उद्देश्य सम्पूर्ण विश्व में आय़ुर्वेद सम्बंधी ज्ञान को फैलाना है।हम औषधियों व अन्य चिकित्सा पद्धतियों के बारे मे जानकारियां देने में पूर्ण सावधानी वरतते हैं, फिर भी पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी औषधि या पद्धति का प्रयोग किसी योग्य चिकित्सक की देखरेख में ही करें। सम्पादक या प्रकाशक किसी भी इलाज, पद्धति या लेख के वारे में उत्तरदायी नही हैं।
हम अपने सभी पाठकों से आशा करते हैं कि अगर उनके पास भी आयुर्वेद से जुङी कोई जानकारी है तो आयुर्वेद के प्रकाश को दुनिया के सामने लाने के लिए कम्प्युटर पर वैठें तथा लिख भेजे हमें हमारे पास और यह आपके अपने नाम से ही प्रकाशित किया जाएगा।
जो लेख आपको अच्छा लगे उस पर
कृपया टिप्पणी करना न भूलें आपकी टिप्पणी हमें प्रोत्साहित करने वाली होनी चाहिए।जिससे हम और अच्छा लिख पाऐंगे।

Email Subscription

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner