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सोमवार, 27 अक्टूबर 2014

Dysfunctional uterun bleeding (डिस्फंक्सनल यूट्रान ब्लीडिंग)आधुनिक समय में महिलाओं की विकट समस्या अनियमित मासिक रक्तस्राव

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यह एक दुःखद सच है कि बहुत सी महिलाऐं मासिक रक्त स्राव की अनीयमितता से ग्रस्त रहते हुये कष्ट झेलतीं रहती हैं और किसी को कुछ नही बताती और तो और वे अपने जीवन साथी से भी इस तथ्य को कई बार छुपाती रहतीं है और रोग को बढ़ाती चली जाती हैं।ऐसा नही हैं कि वे इस बारे में जानती नही वे यह सब जानते हुये करती हैं वे यह उस स्तर तक करती रहती हैं जब तक की यह रोग उन्हैं इस स्थिति तक न पहुँचा दे कि वे बहुत कमजोर हो जाऐं या फिर उनकी सामान्य जीवन चर्या को विगाड़ कर रख दे या उनके गर्भधारण में रुकाबट डाले।वे तभी इस रोग के बारे में जागरुक होती हैं या किसी लेडी डाक्टर से सलाह लेने जाती हैं।
तो सबसे पहले प्रश्न यह उठता है कि यह मासिक धर्म या महावारी या फिर महिना आना अथवा मासिक चक्र है क्या।
यह महिला के जनन तंत्र से सम्बंधित प्रक्रिया है जिसमें प्रत्येक 28 दिन बाद यदि महिला गर्भवती नही हुयी है तो महिला के शरीर में बने अण्डाणु, जटिल हारमोन्स आदि जो गर्भ धारण की प्रक्रिया में सहायक थे गर्भ धारण न करने की स्थिति में शरीर से गंदे पदार्थ के रुप में बाहर निकलते हैं।इस प्रक्रिया में मादा जननागों में इंडोमेट्रियम नामक संरचना फैल जाती है जिसके परिणाम स्वरूप जननांगों में से रक्त जिसकी सामान्य मात्रा लगभग 35 मि.ली. के करीब होती है शरीर से बाहर निकलती है इसी प्रक्रिया को मासिक चक्र कहते हैं।महावारी 2 दिन पहले या 2 दिन बाद मे भी हो सकती है।
            यहाँ तक तो ठीक है कि मासिक चक्र 2 दिन पहले या बाद में आ जाऐ किन्तु यदि कभी 24 दिन तो कभी 32 दिन या कभी 15 दिन पर ही शुरू हो जाऐ तो मतलब यह है कि सब कुछ ठीक नही चल रहा है इसी अवस्था को अनियमित महावारी या फिर अनीयमित मासिक चक्र कहा जाता है।तब यह आवश्यक हो जाता है कि किसी लेडी डाक्टर से अवश्य ही परामर्स किया जाए। महिला के जीवन में कुछ समय एसे भी होते हैं जबकि आपको अनियमित लगने वाली अवस्था सामान्य होती है।
किशोरावस्था की शुरुआत में या कहें कि 12 वर्ष की अवस्था के लगभग कई बार अनीयमितता देखी जाती है किन्तु यह किशोरावस्था के साथ मासिक की प्रथम अवस्था है अतःयहाँ चिन्ता करने की कोई विशेष बात नही है किन्तु हाँ बच्ची मासिक स्राव के दौरान इतनी परेशान हो कि उसे सामान्य कामकाज में भी परेशानी हो जैसे वह दर्द से इतनी परेशान हो कि स्कूल ही न जा सके तो लेडी डाक्टर से तुरंत सलाह लें।
एक अवस्था अनीयमितता की तब होती है जबकि माँ प्रसव से अभी निवृत हुयी है और बच्चे को अपना दूध पिलाती है ऐसे समय में भी आपको चिन्ता की कोई जरुरत नही है। एसे समय में कई बार औरतें इस भ्रान्ति से ग्रस्त होती है कि जब तक बच्चे को दूध पिला रही हैं तब तक उन्हैं गर्भ नही ठहरेगा किन्तु एसा नही है इस समय में चाहैं मासिक अनियमित ही क्यों न आ रहा हो किन्तु लगातार आव्युलेशन (अण्डाणु निर्माण प्रक्रिया) चल रही होती है।अतः इस बात से निश्चिन्त न होवे अपितु सेक्स के दौरान परिवार नियोजन के साधन अवश्य अपनाती रहैं।
बाकी अगले कुछ अंको में दिनांक 29 अक्टूबर को------------

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