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मंगलवार, 11 नवंबर 2014

खूबसूरत आंखों की कोमल देखभाल

कुदरत का खूबसूरत तोहफा है आंखें। आंख है तो दुनिया रंगीन है, वरना चारों ओर अंधेरा है, इसलिए आंख की सुरक्षा भी जरूरी है, खास कर उन लोगों के लिए, जिन्हें कम नजर आता है या चश्मा लगाना पड़ता है।  यहां दिए जा रहे उपायों से आप आंखों की सुरक्षा कुछ हद तक कर सकते हैं। निरंतर बगैर नागा किए निम्नलिखित उपाय करें तो हो सकता है आपका चश्मा छूट जाए। यह सब नियम पालन पर निर्भर है।


 
सुबह सूर्योदय से पहले उठें और उठते ही मुंह में पानी भरकर बंद आंखों पर 20-25 बार ठंडे पानी के छींटे मारें। याद रखें, मुंह पर छींटे मारते समय या चेहरे को पानी से धोते समय मुंह में पानी भरा होना चाहिए।

धूप, गर्मी या श्रम के प्रभाव से शरीर गर्म हो तो चेहरे पर ठंडा पानी न डालें। थोड़ा विश्राम कर पसीना सुखाकर और शरीर का तापमान सामान्य करके ही चेहरा धोएं।

आंखों को गर्म पानी से नहीं धोना चाहिए।

बहुत दूर के पदार्थों या दृश्यों को देर तक नजर गड़ाकर न देखें, तेज धूप से चमकते दृश्य को न देखें, कम रोशनी में लिखना, पढ़ना व बारीक काम न करें।

नींद आ रही हो, आंखों में भारीपन, जलन या थकान महसूस हो तो काम तत्काल बंद कर थोड़ा विश्राम कर लें।

देर रात तक जागना और सूर्योदय के बाद देर तक सोना आंखों के लिए हानिकारक होता है। देर रात तक जागना ही पड़े तो घंटा-आधा घंटे में एक गिलास ठंडा पानी पी लेना चाहिए।

सुबह देर तक सोकर उठें तो उठने के बाद मुंह में पानी भरकर, आंखों पर ठंडे पानी से छींटे जरूर मारें।

आंखों को धूल, धुआं, धूप और तेज हवा से बचाना चाहिए। ऐसे वातावरण में ज्यादा देर न ठहरें।

लगातार आंखों से काम ले रहे हों तो बीच में 1-2 बार आंखें बंद कर, आँखों पर हथेलियां हलके हलके दबाव के साथ रखकर आंखों को आराम देते रहें।

निम्नलिखित नुस्खे का खाली पेट सेवन करें-
 
आधा चम्मच मख्खन (अमूल मख्खन ले सकते हैं), आधा चम्मच पिसी मिश्री और थोड़ी सी पिसी कालीमिर्च, स्वाद के अनुसार मात्र में लेकर तीनों को मिला लें और चाट लें। इसके बाद कच्चे (पानी वाले सफेद) नारियल के 2-3 टुकड़े खूब अच्छी तरह चबाकर खा लें। अब थोड़ी सी सौंफ (मोटी या बारीक वाली) मुँह में डाल लें। इसे आधा घंटे तक मुंह में रखकर चबाते, चूसते रहें, इसके बाद निगल जाएं।
 
प्रतिदिन भोजन के साथ 50 से 100 ग्राम मात्रा में पत्तागोभी के पत्ते बारीक कतर कर, इन पर पिसा हुआ सेंधा नमक और काली मिर्च बुरकर, खूब चबा-चबाकर खाएं।

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