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गुरुवार, 20 सितंबर 2018

सफेद मूसलीः सेक्स समस्याओं का रामबाण इलाज व सफेद मूसली खाने के तरीके Safed musli ka khane ka tarika

Safed musli kya hai, safed musli ko kaise khana chahiye. सफेद मूसली कैसे खाएं

 
सफेद मूसलीः सेक्स समस्याओं का रामबाण इलाज व सफेद मूसली खाने के तरीके Safed musli  ka khane ka tarika
सफेद मूसली का पौधा और मूसली
सफेद मूसली (safed musli) लिलिएसी कुल का एक जंगली पौधा है जो घने जंगलों में पाया जाता था किन्तु बहुत अधिक औषधीय उपयोग के कारण इसकी अब खेती होती है, इसका वैज्ञानिक नाम क्लोरोफाइटम बोरिविलेनियम है, यह भारतीय आयुर्वेद के ज्ञाता विशेषज्ञों द्वारा प्राचीन काल से ही दुःख पीड़ित मानवता की पीड़ा को हरने में उपयोग होता रहा है। दुनिया में इसकी 256 वैराइटी आजकल जानी जाती हैं किन्तु इनमें से भारत में 17 वैराइटियाँ प्राप्त हो जाती है

मूसली का औषधि के रुप में प्रयोग ---

 इस पौधे की मुख्यतः जड़ो का ही औषधि के रुप में प्रयोग किया जाता है ये जड़े ट्यूवर के रुप में होती हैं। 
  • इस पौधे की जड़ों का प्रयोग मुख्यतः सेक्सुअल कमजोरी को दूर करने में किया जाता है। 
  • इसके अलावा सफेद मूसली को तंत्रिका तंत्र की कमजोरियाँ दूर करने में किया जाता है। वैसे जनसामान्य इसके तंत्रिका तंत्र के रोगों में उपयोग को नही जानता वह इसे केवल यौन रोगों में ही उपयोग होने वाली औषधि मानता है। लेकिन फिर भी मुख्य रूप से सफेद मूसली (safed musli ke fayde in hindi)  का प्रयोग सेक्स सम्बन्धी रोगों (safed musli in sex  problems  in hindi) के लिए किया जाता है।
  •  मूसली का प्रयोग पुरुषों में शुक्राणुओं की कमी होनें पर इसका प्रयोग किया जाता है।यह इसके अलावा भी अनेक रोगों की कारगर दवा है।
  • यह हमारे प्रतिरक्षा तंत्र या इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाकर हमें रोगों से दूर रखने में भी सहायक है। 
  • यह शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के लेवल को बढ़ा देता है 
  • और ऐड्रीनल ग्लेंण्ड की कार्य प्रणाली को बेहतर बनाता है।
  • चूँकि सफेद मूसली शरीर में विभिन्न क्रियाओं के सुचारू रूप से चलने में मदद करता है।तथा यह खून के संचालन को सुचारु रुप से चलाने में मदद करता है।अतः थकान के समय इसे लेने से थकान दूर होती है।

Benefits And Side Effects Of Safed Musli In Hindi

सफेद मूसली में पोषक तत्व (nutrients in safed musli in hindi)
सफेद मूसलीः सेक्स समस्याओं का रामबाण इलाज व सफेद मूसली खाने के तरीके Safed musli  ka khane ka tarika
सफेद मूसली में पाये जाने वाले पोषक तत्व

सफेद मूसली को खाने के तरीके (how to eat safed musli in hindi)

सफेद मूसली (safed musli) को मुख्य रुप से इसके कन्दों को सुखाकर पाउडर बनाकर प्रयोग किया जाता है। लैकिन आजकल कुछ फार्मेसियाँ इसके पाउडर को ही केप्सूलों में भरकर केप्सूल (safed musli capsule) बनाकर बेच रहीं हैं। आप इसका पाउडर (safed musli powder) बनाकर इसे इस्तेमाल करें पूर्ण रुप से निरापद है।

सफेद मूसली पाउडर व  सफेद मूसली खाने का तरीका :

·    सेक्स सम्बन्धी समस्याओं के लिए रोजाना सुबह और शाम में एक-एक सफेद मूसली का कैप्सूल दूध के साथ ले सकते हैं। इसके अलावा यदि आप पाउडर (safed musli powder) के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, तो एक बार में आप 3 से 5 ग्राम मूसली पाउडर (safed musli powder) का सेवन करें।
सफेद मूसली खाने के तरीके (आयु वर्गानुसार सेवन मात्रा)
 सफेद मूसली की आयु अनुसार सेवन मात्रा
विभिन्न लोगों के लिए सफेद मूसली खाने की मात्रा अलग-अलग होती हैं। निम्न चित्र आपको इस विषय में जानकारी प्रदान करेगा।
सफेद मूसलीः सेक्स समस्याओं का रामबाण इलाज व सफेद मूसली खाने के तरीके
               सफेद मूसली की आयु अनुसार सेवन मात्रा

नोट--- सफेद मूसली लेते समय कभी कभी ऐसा भी हो जाता है कि आपको भूख लगनी बंद हो जाती है,ऐसा इसलिए होता है कि रोगी की पाचन क्षमता कम है अतः ऐसे में आप सफेद मूसली की मात्रा जो भी ले रहे हों उसमें कुछ कमीं कर दें। थोड़े ही समय में जब आपकी पाचन क्षमता ठीक हो जाऐ तो मात्रा बढ़ा दें।
सफेद मूसली सेवन का तरीका लोगों में अलग अलग है कोई तो इसे औषधि के रुप में खाता है तो कोई इसे मिठाई के रुप में इस्तेमाल करता है। कुछ लोग इसकी जड़ों का रस निकालकर भी रस का सेवन करते हैं।और कोई इसका पाक बना कर मिठाई ही बना कर प्रयोग करते हैं।

सफेद मूसली के फायदे (safed musli benefits in hindi)

1.  थकान और कमजोरी में सफेद मूसली का सेवन करें -

यह औषधि शरीर में चूँकि नर्व या तंत्रिका तंत्र के ऊपर कार्य करती है अतः स्फूर्ति दायक है और इसी कारण कमजोरी को दूर करके थकान मिटा देती है। इसे शक्कर के साथ प्रयोग करने पर शरीर में स्फूर्ति पैदा हो जाती है और कमजोरी समाप्त हो जाती है।
कमजोरी और थकावट के लिए सफेद मूसली का चूर्ण दिन में दो बार शक्कर के साथ बराबर मात्रा में लेना चाहिये।  

2.  वजन बढ़ाने में सफेद मूसली का प्रयोग

चूँकि सफ़ेद मूसली कमजोर शरीर को पोषक तत्व प्रदान करती है। और जब शरीर में पौषक तत्व बढ़ जाऐंगे तो निश्चित ही रक्त आदि धातुऐं बढ़ जाऐंगी फलस्वरुप यह आपका वजन बढ़ाने में मदद करती है।
इसके लिऐ आप मूसली के पाउडर को दूध के साथ लें।
कमजोर पाचन शक्ति वालों के लिए सेवन विधि----
जिन लोगों की पाचन शक्ति कमजोर है उन्हैं मूसली को पचाने में समस्या होती है। ऐसे में  रोगी मूसली को खाने का तरीका बदल सकते हैं। वे लोग मूसली के पाउडर की जगह मूसली का रस पी सकते हैं।
इसके अलावा मूसली के प्रभाव को कम करने के लिए आप इसके साथ शहद मिलाकर भी ले सकते हैं।

सफेद मूसली के सेक्स-सम्बन्धी रोगों में फायदे

सफेद मूसली भी अश्वगंधा की तरह ही आपकी सेक्स ड्राइव को बढ़ाकर आपकी निजी जिन्दगी को बेहतर बनाती है। जो लोग अपने हाथों अपना बुरा कर बैठे हैं उन्हैं मूसली की ही शरण लेनी चाहिये।
यह रक्त परिसंचरण को सुचारु करके आपके गुप्तांगों में खून की मात्रा को बढ़ा देती है,परिणाम स्वरुप जिन लोगों को ध्वजभंग की समस्या है वे इसके प्रयोग से आप लम्बे समय तक उत्तेजित रह सकते हैं।

सफेद मूसली पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन की मात्रा को काफी हद तक बढ़ा देता है। यह हार्मोन बहुत से कार्यों में जरूरी होता है।

सेक्स संबंधी प्रोबलम्स को ठीक करने और ज्यादा बेहतर परिणाम प्राप्त करने लिए इसे अकरकरा के साथ लेना चाहिये।

सफेद मूसली का उपयोग डायबिटीज में
सफेद मूसली चूँकि व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमताको बढ़ा देती है अतः यह डायबिटीज की एक बेहतरीन औषधि है।यह वयक्ति की रोगों से लड़ने की ताकत प्रदान करता है अतः इसमें  डायबिटीज से लड़ने की क्षमता होती है। किसी दुबले-पतले व्यक्ति की डायबिटीज की समस्या को दूर करने में मूसली पूर्णतः इलाज करने में सक्षम होती है, किन्तु मोटे व्यक्ति इसे डायविटीज में इस्तेमाल न करें।
यदि आपका वजन कम है, और आपको डायबिटीज है, तो आपको आधा चम्मच मूसली दूध से साथ रोजाना लेना चाहिए।
सफेद मूसली को दूध के साथ लेने से आपका रक्त चाप भी नियंत्रित होगा।
सफेद मूसली से माँ के स्तनों में दूध की मात्रा बढ़ाता है
सफेद मूसली गर्भावस्था में लेने से महिला के शरीर में प्राकृतिक दूध की मात्रा में बढ़ जाती है।
दूध बढ़ाने के लिए इसे कुछ विशेष पदार्थों जैसे, गन्ना, जीरा आदि के साथ ही लेना चाहिए।
नोट--- यहाँ एक बात का ध्यान रखें कि यदि आप गर्भ से हैं, तो आपको मूसली लेने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करना होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि गर्भावस्था में आप पहले से ही कई दवाइयां लेते हैं, जिससे मूसली आपको नुकसान कर सकती है।
सफेद मूसली का उपयोग जोड़ों के दर्द में
सफ़ेद मूसली अक्सर लोग शरीर में दर्द के लिए प्रयोग करते हैं। इसका सेवन दर्द में, विशेषकर जोड़ों के दर्द में, बहुत लाभदायक होता है।
यदि आपको लगातार जोड़ों में दर्द रहता है, तो आपको आर्थराइटिस की प्रोव्लम हो सकती है। इसका एक प्राकृतिक इलाज सफ़ेद मूसली भी हैं।
सफेद मूसली को रोजाना दूध के साथ आधा चम्मच लेना  चाहिये।
सफेद मूसली शुक्राणु बढ़ाने में
आयुर्वेद कहता है कि वीर्य की यत्नपूर्वक रक्षा करनी चाहिये क्योकि जिनके शरीर में वीर्य नही अर्थात शुक्राणु की कमी हो उन्हैं रोग की कमी नही शुक्राणुओं की कमी से कई अन्य रोग हो सकते हैं। इसके अलावा इस रोग का रोगी इस स्थिति में पुरुष अपना आत्म-विश्वास खोने लगता है। अतः इस रोग में सफेद मूसली का प्रयोग एक जादू की तरह मानिये।

सफ़ेद मूसली शुक्राणुओं की मात्रा को बढ़ा देता है, शुक्राणु को स्वस्थ बनाकर इनकी गति तेज करता है।
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1 टिप्पणी:

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