अपना ख्याल रखें वर्षा ऋतु में- Be careful in Rainy Season - The Light Of Ayurveda

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शनिवार, 1 सितंबर 2012

अपना ख्याल रखें वर्षा ऋतु में- Be careful in Rainy Season

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Be careful in Rainy Season 
बर्षा ऋतु में रखे स्वास्थ्य का ख्याल

जैसा कि सभी जानते हैं कि वर्षा ऋतु का माह चल रहा है। ग्रीष्म ऋतु की  तपती गर्मी के बाद सूखी और तपती धरती पर  वर्षा  की प्रथम फुहार मन को तात्कालिक सुख तो देती है परन्तु वर्षा के तुरन्त बाद जमीन से निकली भाप व उमस अब सड़ी गर्मी के रुप में परिलक्षित होती हैऔर इसका प्रभाव वायुमण्डल और वातावरण पर पड़ता है जिसके कारण वात कुपित हो जाता है। पिछले महिनों में भी तेज हवा,आँधियाँ,व वायु का प्रकोप रहा है।


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वर्षा ऋतु और स्वास्थ्यwww.ayurvedlight.com

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वर्षा ऋतु में स्वास्थ्य संबंधी सावधानियाँwww.ayurvedlight.com

और हम यह भी जानते हैं कि जैसा वृह्माण्ड में होता है उसका प्रभाव इस पिण्ड रुपी शरीर में भी होगा।अतः हमारे शरीर में भी वाय़ु प्रकुपित रहती है और हमारे शरीर में वात रोग  जैसे पेट फूलना और गैस वढ़ने की शिकायत हो जाया करती है।यह वर्षा के प्रारम्भिक काल की बात हुयी अतः वर्षा ऋतु में अनुकरणीय कुछ विन्दु जो आपके स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होंगे।

1-वर्षा ऋतु में चूंकि वात कुपित होता है अतः जठराग्नि कमजोर हो जाती है अतः गरिष्ठ (भारी) व तली हुयी वस्तुओं का  सेवन करने से जितना हो सके वचें और सुपाच्य पदार्थों को सेवन करें।
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बरसात और स्वास्थ्य www.ayurvedlight.com
2-चूंकि इस मौसम में मक्खी मच्छरों का साम्राज्य होता है अतः अच्छा रहेगा कि आप सूर्यास्त होने सेु पहले ही भोजन कर लें।                              


3- रुखी,वासी,ठण्डे,व खराव स्थिति में पहुँचे पदार्थो का सेवन न करें।
4-चूकि बरसात के कारण बिलों में पानी भर जाता है अतः जहरीले जन्तु बाहर निकल आते हैं।अतः रात को अगर बाहर निकलें तो टार्च लेकर  व जूते पहन कर आऐं।
5- वर्षा ऋतु में  वर्षा र्गर्मी के बाद आती है तो किसका उसमें भीगने का मन नही करता इस पर तो कई कवि भी  कविता लिख चुके हैं। आने जाने वाले लोग भी कई वार वाहर जाने के दौरान भीग जाते हैं।वर्षा ज्यादातर गर्मी के बाद आती है अतः भीगने पर सर्दी खाँसी हो जाना आम बात है।
 6- इन दिनो नदी तालाब या नहर में स्नान न करें चूंकि गंदे स्थानों का जल भी इन स्थानो के जल में मिल जाता है।वैसे भी नदी में अगर बाढ़ आ रही हो तो स्नान करना या तैरना कतई खतरे से खाली नही है।
7- वर्षा में  दस्त होना वैसे ही कष्ट कारी है,एसे समय में किसी प्रकार की दस्तावर दवा  न लें।
 8-जल प्रदूषण का मौसम होने के कारण प्रायः जल दूषित हो जाता है।अतः कहीं का भी पानी पीना हानिकारक हो सकता है। अतः कही का भी पानी पीने की आदत से बचे।अगर पानी साथ ले जा सकते हैं तो ले जा सकते है यह ज्यादा अच्छा है।
<वर्षा ऋतु , वर्षा ऋतु में स्वास्थ्य संबंधी सावधानियाँ,बरसात कैसे रहें स्वस्थ,बरसात में दस्त आदि रोग>

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