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रविवार, 18 नवंबर 2012

सौन्दर्य के लिए पैरों का खयाल भी जरुरी है खूवसूरती के लिए

कहते है खूवसूरती जरुरी है समाज में तो खूवसूरती होती है दो तरह की पहली तन की और दूसरी मन की जहाँ तन की खूवसूरती किसी को पहली ही नजर में आकृषित कर लेती है वही उस आकृषण को बरकरार रखने के लिए आपका मन भी इतना ही सुन्दर हो यह जरुरी है।वैसे दोनो प्रकार की खूवसूरती किसी एक ही व्यक्ति के पास हो यह जरुरी नही है। किन्तु अगर किसी के पास दोनो प्रकार की खूवसूरती है तो  सचमुच में उसे पाने बाला मित्र, पति या पत्नी वास्तव में वहुत ही लकी होता है।
आज हम खूवसूरत लोग भी जिस अंग की उपेक्षाकर देते है तथा अपनी खूवसूरती को मन्द कर देते हैं वही कुछ समय अपने पैरो को भी देकर सामान्य खूवसूरती वाला मानव या स्त्री अपने आप में अलग दिख सकता है।लोग ज्यादा तर इस बात  को नजरअन्दाज कर देते हैं।लेकिन यह शरीर का वहुत ही महत्व पूर्ण अंग है।औऱ तो और इस अंग की यह खासियत है कि आपकी हर सैर में जो आपको बहुत ही मनमोहक लगी होगी शायद आपके पैरो की ताकत के ऊपर ही हुयी होगी।एक अध्ययन के अनुसार पैर 28 हड्डियों व 35 जोड़ो से मिलकर बना है औऱ अपने सम्पूर्ण जीवन में लाखों किलोमीटर की दूरी तय कर पाया होगा।अब पढ़िये इस महत्व पूर्ण अंग कीदेखभाल करने का तरीकाः

  • सुबह को जल्दी उठे और कभी अगर टहलने नही गये हुये है तो धीमे धीमे अपनी दुरी व चलने की क्षमता वढा़ई जाए।और पहले से टहलने जाए तो तेज चाल से कुछ दुरी चलने का अभ्यास डालें।
  • सुबह सुबह नंगे पाव हरी घास पर चलें।इससे आपके पैरों के साथ ही साथ नेत्रों को बहुत फायदा मिलता है।
  • पाव के तलवे प्यूविक स्टोन से साफ करें अन्यथा  तलवे के किनारे की त्वचा सख्त होकर फट जाती  है।
  • पाव की अगुलियों को चलाने के व्यायाम व पैर का टखना आदि मोड़ने का अभ्यास करें।पैरों को गर्म पानी में नमक  डालकर उसमें पाव डुवाकर तो रखे ही वाहर निकालने के बाद पैरों को पौछकर क्रीम जरुर लगाऐं।
  • जूते कसे हुये न पहन कर कष्ट न उठाऐ जूते फिट ही पहनें।
  • जिन लोगों को पसीना बहुत आता है ऐसे लोग सिंथेटिक जूतो के स्थान पर लेदर शूज या सैंडिल पहनें। 
  • अगर पाँव में दर्द,चकते,छाले,दरार,सूजन,या त्वचा के रंग के बदलने की शिकायत हो तो फौरन डाक्टर से मिलें।बैठते समय पैरों को क्रास करके न वैठे इससे रक्त संचार धीमा होता है।
  • पाँव को आराम देने के लिए मसाज कराना काफी लाभदायक है।पाँव को साफ करने के साथ यह उनमें ऊर्जा का संचार करता है।
यह पोस्ट साभार दैनिक जागरण  के सप्तरंग से 14 जुलाई 2011 के अंक से ली गयी है।


  

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