गले की खराश, इन्फेक्सन,गला बैठना तथा पानी पीने में तकलीफ होना का आयुर्वेदिक इलाज---
गले की खराश, या गले मे किसी भी प्रकार का इन्फेक्शन हो, गला बैठ गया है, पानी पीने मे भी तकलीफ हो रही है, लार निगलने मे भी तकलीफ हो रही है, आवाज भारी हो गयी है,इन सबके लिएएक ग्लास देशी गाय का दूध,एक चम्मच देशी गाय का घी और चौथाई चम्मच हल्दी को मिलाकर कुछ देर उबाल लेकर फिर उसको घूँट घूँट करके चाय की तरह शाम को एकबार पीना है ।
कई बार निम्न विषम परिस्थितियाँ पैदा हो जाती हैं
- हम जब खाँसते-खाँसते परेशान हो जाते हैं। और कोई दवा जब काम नहीं करती हो।
- महिलाओं के लिए गर्भावस्था में एलोपैथिक दवाओं को लेना निरापद नहीं माना गया ह
- वहीं शल्य-चिकित्सा कराने वाले रोगियों के लिए ज्यादा देर तक खाँसना बिल्कुल भी ठीक नहीं होता है।और गले में खँरास खिच-खिच होती हो।
ऐसे में एक आसान औषधि जो सरल भी है सुगम भी है और अनुभूत है
प्रस्तुत है खांसी की अचूक आयुर्वेदिक औषधि :-
दालचीनी- थोड़ी मात्रा( लगभग एक ग्राम ) व शहद- आधा चम्मच
प्रयोग विधि;--
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दालचीनी (पूरी तरह पीसकर पाउडर बनी हुयीं) बायीं हाथ की हथेली पर लेकर उसमें आधा चम्मच शहद लेकर उसके ऊपर दालचीनी (दो चुटकी भर) डालें और दायें हाथ की अंगुली से अच्छी तरह मिलाएं और उसे चाट जाएं।
परिणाम;--
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* दो से तीन मिनट में खांसी जाती रहेगी। दोबारा खांसी हो तो इस प्रयोग को दोबारा आजमा सकते हैं।
* अगर दही खाते है तो उसे बंद करदे और रात को सोते समय दूध न पिए
* तुलसी, काली मिर्च और अदरक की चाय खांसी में सबसे बढि़या रहती हैं।
* हींग, त्रिफला, मुलहठी और मिश्री को नीबू के रस में मिलाकर लेने से खांसी कम करने में मदद मिलती है।
* पीपली, काली मिर्च, सौंठ और मुलहठी का चूर्ण बनाकर चौथाई चम्मच शहद के साथ लेना अच्छा रहता है।
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