प्रमेह की चिकित्सा गिलोय के साथ - The Light Of Ayurveda

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रविवार, 26 अक्टूबर 2014

प्रमेह की चिकित्सा गिलोय के साथ

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999184_435071289940018_659196301_nगिलोय,ऑवला व हल्दी का मिश्रण प्रमेह की एक विशेष दवा है इससे प्रमेह के विभिन्न उपद्रव दूर होते हैं।प्रमेह एक ऐसा रोग है जो अपने साथ रोगों का पिटारा लेकर चलता है अनेकों चर्म रोग,नाड़ी संस्थान के रोग,आँखों के रोग,नाड़ी संस्थान के रोग व किडनी आदि के अनेकों रोग प्रमेह के साथ सौगात में मिल जाते हैं।प्रमेह के रोगी को जब बजन कम होने की शिकायत होती है तो  वह कमजोर होता है इससे वह कई बार टी.बी. अर्थात तपैदिक से ग्रसित हो जाता है तब इस अवस्था में गिलोय सत्व का प्रयोग बहुत फायदेमंद सावित होता है।जुवेनाइल डायविटीज में इन्सुलिन के साथ साथ बच्चे को संशमनी वटी, गिलोय सत्व,गिलोय का घी देने व गिलोय तेल की मालिश से बालक का सर्वांगीड़ विकास होता है।बड़ी उम्र के डाइविटीज रोगी भी जो अभी इन्सुलिन पर निर्भर नही हुये हैं गिलोय सत्व और त्रिवंग भस्म के सेवन से प्रमेह काबू में रहकर सदाबहार जीवन व्यतीत कर सकते हैं।

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