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सोमवार, 19 सितंबर 2016

पीपल का पत्ता-- हृदय रोग का रामवाण इलाज

पीपल का पत्ता-- हृदय रोग का रामवाण इलाज

Peepal leave a perfect heart cure medicine 


आज के समय में कुछ रोग जैसे हृदय रोग अर्थात दिल का दौरा पड़ना एक सामान्य रोग बन गया है जो प्रतिदिन सुनने में आता रहता है।जैसे जैसे व्यक्ति की दिनचर्या बेतुकी होती जा रही है वैसे वैसे रोग भी अपनी मारक क्षमता से अपना कार्य करने में जुटे हैं।कभी सुनते हैं कि किसी व्यक्ति की आर्टरीज़ या वेंस व्लाक हो गयी है अर्थात उसकी हृदय को रक्त लाने  ले जाने वाली नलिकाऐं ब्लाक हो गयी है। आजकल की पैथी रोग का निराकरण तो करती है किन्तु नया रोग उपहार में देती है लैकिन आयुर्वेद प्राकृतिक तरीके से हर रोग का समाधान उपलब्ध कराने वाली पद्यति है।जो हृदय रोग ही नही अपितु अन्य लगभग सभी रोगों का सफल इलाज प्रस्तुत करती है।वो भी विल्कुल घरेलू तरीके से 

 हमारे आसपास ही प्रकृति में कई एसी औषधियां दिखाई देती हैं, जिनके बारे में हम नहीं जानते। हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ काे देवता मानकर उसकी पूजा किया जाना भी यह दर्शाता है। कि भारतीय प्राचीन समाज पेड़ पौधों की वैज्ञानिकता व उनके उपयोग को जानते थे तथा उनकी समाज में उपस्थिति बनी रहे इसका ख्याल करते हुये उन्हौने इसे देवता घोषित किया अभी दस पंद्रह साल पहले तक भारतीय समाज को दकियानूसी व अंधविश्वासी कह देने वाले पूश्चिमी व अरब देश आज भारतीय आस्थाऔँ व सिद्ध हो जाने पर दाँतों तले अँगुली दबाने को मजबूर हो गये हैं आज भारतीय आयुर्वेद के एक अंग योग विज्ञान ने तो विश्व में वह ख्याति अर्जित कर ली है कि विश्व के सभी समुदाय के देश विश्व योग दिवस मनाने को एकमत हो गये हैं क्या आप जानते हैं । हम बातें पीपल की कर रहे थे  कि, पीपल हृदय रोग के लिए एक वरदान है।यह दिल के आकार का पत्ता आपके हृदय संबंधी समस्याओं  का हल अपने में छुपाए हुए है। सबसे खास बात यह है, कि पीपल दिल के 99 प्रतिशत ब्लॉकेज को भी समाप्त कर देता है।
आइये जानते हैं पीपल के पत्ते के इस गुण के वारे में ह्दय संबंधी समस्याअों या हार्ट अटैक आ जाने की स्थि‍ति में पीपल के पत्तों का काढ़ा बेहद लाभप्रद सिद्ध होता है 
आइए जानते हैंइसे बनाने और पीने का तरीका – 
पीपल के वृक्ष की महानता का वर्णन करते हुये भारतीय वाग्मय के प्राण भगवान श्री कृष्ण ने जो कि याेगीराज भी कहलाते हैं ने गीता में कहा है कि मैं वृक्षों में अश्वत्थ का वृक्ष हूँ, अर्थात भारतीय आयुर्वेद के अनुसार संसार में एक प्रकार से कहा जाए तो पीपल प्रभु के समस्त गुणों का वाहक हैं।
 ह्दय संबंधी समस्याअों या हार्ट अटैक आ जाने की स्थि‍ति में पीपल के पत्तों का काढ़ा बनाने के लिए 
  1. सबसे पहले पीपल के 15 पत्ते तोड़ लें, जो हरे, आकार में बड़े और पूरी तरह से विकसित हो।
  2. सभी पत्तों के ऊपर की चौंच व नीचे का डन्सल का भाग कैंची से काटकर अलग कर दें।
  3. अब पत्तों को पानी से धो लें और लगभग एक गिलास पानी में धीमी आंच पर पकाएं।
  4. जब यह पानी उबलकर एक-तिहाई रह जाए, तब उसे ठंडा करके छान लें, और फ्रीज या अन्य किसी ठंडे स्थान पर रख दें।

    पढ़े ---  मुँह के छाले mouth ulcers अर्थात म व जीभ के छालों का रामवाण नुस्खा या इलाज

पीपल के पत्ते के काढ़े को कैसे पीये----

इस पानी को तीन भागों में बांट लें, और हर तीन घंटे में इसका सेवन करें।
इस दवा का प्रतिदिन सेवन करने से हार्ट अटैक के बाद भी हृदय पहले की तरह स्वस्थ हो जाएगा और दोबारा दिल के दौरे की संभावना भी खत्म हो जाएगी। हृदय रोगियों के लिए यह सबसे अच्छा, सरल और सुलभ उपाय है, जिससे दिल के सभी रोग  ठीक हो जाते हैं। इस काढ़े के सेवन से दिल मजबूत होता है, और आप बेहद ठंडक और शांति महसूस करते हैं।
इस काढ़ेे का प्रयोग कम से कम 15 दिनों तक करें। पर्याप्त आराम न होने पर इसे लगभग 1 महीने तक जारी रख सकते हैं। इस बीच डॉक्टर से चेकअप अवश्य कराते रहें।

पीपल के पत्ते के काढ़े को पीने में सावधानी- 

  • पीपल के पत्ते के काढ़े का सेवन करते समय याद रखें, कि इसे लेते समय आपका पेट एकदम खाली न हो। हल्का नाश्ता करने के बाद ही इस काढ़े का सेवन करें।
  • जब तक आप इस काढ़े का सेवन कर रहे हों, तब तक तली हुई चीजों, चावल, मछली, अंडा, शराब, धूम्रपान आदि का प्रयोग न करें। इसके अलावा नमक व अधिक चिकनाई यु्क्त चीजों से भी दूरी बना कर रखें।
  • वहीं कुछ चीजों का सेवन इस दौरान आपके लिए लाभदायक हो सकता है, जैसे - अनार, पपीता, आंवला, मौसंबी, बथुआ, मैथी-दाना, भीगे हुए काले चने, किशमिश, सेब का मुरब्बा, दही, छाछ आदि। इस प्रयोग से आपके हृदय की समस्या समाप्त होती है, और आप बिल्कुल स्वस्थ व उर्जावान महसूस करते हैं।
नोट : कृपया इस प्रयोग को करने से पहलेे एक बार अपने आयुर्वेदिक चिकत्सक से अवश्य संपर्क कर लें... 
tag- < हृदय रोग, दिल का दौरा,हृदय की नलिकाओं का ब्लाकेज,हृदय रोग का सफल इलाज, हृदय का दौरा >

2 टिप्‍पणियां:

  1. जय मां हाटेशवरी...
    अनेक रचनाएं पढ़ी...
    पर आप की रचना पसंद आयी...
    हम चाहते हैं इसे अधिक से अधिक लोग पढ़ें...
    इस लिये आप की रचना...
    दिनांक 20/09/2016 को
    पांच लिंकों का आनंद
    पर लिंक की गयी है...
    इस प्रस्तुति में आप भी सादर आमंत्रित है।

    जवाब देंहटाएं
  2. यह बाजार मे तैयार भी मिलता है क्या

    जवाब देंहटाएं

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