गर्मियों में शरीर को ठंडा रखने के 5 असरदार आयुर्वेदिक उपाय
गर्मी का मौसम शरीर में पित्त बढ़ाता है, जिससे चिड़चिड़ापन, जलन, थकान, मुंह के छाले और त्वचा रोग जैसे लक्षण सामने आते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, इस मौसम में शरीर को शीतल बनाए रखना जरूरी है ताकि त्रिदोषों का संतुलन बना रहे।
यहाँ हम आपको ऐसे 5 प्रभावी आयुर्वेदिक उपाय बताएँगे जिनसे शरीर को ठंडा और स्वस्थ रखा जा सकता है:
1. बेल का शरबत – प्राकृतिक शीतलता का राजा
- मुख्य गुण: पाचन में सहायक, शीतल, मूत्राशय को साफ रखने वाला।
- कैसे लें: एक पके बेल के गूदे को छानकर उसमें मिश्री और ठंडा पानी मिलाकर रोज दोपहर को सेवन करें।
2. धनिया और सौंफ का पानी – पेट को ठंडा रखें
- मुख्य गुण: पाचन को सुधारता है, पेशाब की जलन और गैस से राहत।
- कैसे बनाएं: रात को 1 चम्मच धनिया और 1 चम्मच सौंफ भिगो दें, सुबह छानकर पी लें।
3. त्रिफला चूर्ण – पाचन और रक्त की सफाई के लिए श्रेष्ठ
- मुख्य गुण: शरीर को डिटॉक्स करता है, गर्मी के दुष्प्रभाव से बचाता है।
- कैसे लें: रात को सोने से पहले 1 चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें।
4. पंचकर्म – शरीर की गहराई से सफाई
- वामन या विरेचन जैसे पंचकर्म शरीर से पित्त दोष निकालते हैं।
- इन्हें किसी आयुर्वेदाचार्य की देखरेख में कराना चाहिए।
5. नारियल पानी और आम पन्ना – ऊर्जा का स्रोत
- मुख्य गुण: शरीर को हाइड्रेट करता है, गर्मी की थकान और लू से बचाता है।
- कैसे लें: सुबह नारियल पानी और दोपहर बाद आम पन्ना (कच्चे आम का पेय)।
निष्कर्ष
गर्मी के मौसम में यदि हम आयुर्वेदिक जीवनशैली और खान-पान का पालन करें, तो शरीर को ठंडा रखना सरल और प्राकृतिक हो सकता है। उपरोक्त उपाय न केवल शरीर की गर्मी को शांत करेंगे, बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाएँगे।

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