माषो गुरुः स्वादुपाकः स्निग्धारूच्यो·निलापहः।
स्रंसस्तर्पंणो बल्यः शुक्रलो बृहणः परः।।
स्रंसस्तर्पंणो बल्यः शुक्रलो बृहणः परः।।
भिन्न मूत्र मलः स्तन्यो मेदः पित्तः कफ प्रदः।
गुद
कीलार्दितश्वांसपक्तिं शूलानि नाशयेत।।
-भावप्रकाश निघण्टु
उड़द
पाक में भारी,मधुर,स्निग्ध,रुचिकारक,वातनाशक,स्रंसन,तृप्तिकारक,बलवीर्यवर्धक,अत्यन्त
पुष्टिकारक,मलमूत्र बर्धक,दुग्धवर्धक,मेद व पित्त बढ़ाने वाला तथा बवासीर, अर्दित
वात,श्वास व पक्तिशूल को बढ़ाने वाला पदार्थ है।
उड़द शरीर को पुष्ट, सुडोल व शक्तिशाली बनाकर दुबलापन
दूर करने वाला एक सर्वाधिक सस्ता पदार्थ है जो हर जगह आसानी से उपलब्ध भी है।
उड़द की दाल को
महीन पिसबाकर आटा बनवा लें तथा इस आटे को गुलाबी भून लें और इस आटे में मेवा व मीठा आदि डलवाकर लड्डू बनबा
लें। सुबह शाम एक एक लड्डू मात्रा 50 ग्राम तक लेकर मीठा कुनकुना दूध ऊपर से पी
लेंवें।कम से कम इस प्रयोग को 60 दिन तक करें फिर अपने शरीर का अवलोकन करें आपको
शक्ति व स्फूर्ति के साथ ही शरीर के दुबलेपन में भी एकदम सुधार दिखाई देगा।
य़ह प्रयोग विवाहित व अविवाहित सभी युवक व
युवतियाँ कर सकते हैं।
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