यह रोग तंत्रिका तंत्र से
संबंधित है।अतः भूख,संबेदना,थकावट,खाद्य पदार्थ जैसे चीज,दाने मटन, नाइट्रेट युक्त
भोजन,मौसम में बदलाव,शराव व मासिक धर्म में गड़वड़ी,गर्भनिरोधक गोलियाँ,भावनात्मक
तनाव,शरीर मे स्ट्रोजन की मात्रा का बढ़ना-घटना,आदि कारणों से भी माइग्रेन का दौरा
पड़ सकता है।
माइग्रेन के प्रकार -------
माइग्रेन मुख्यतः 2 प्रकार
का होता है।क्लासिक व कॉमन लैकिन इन दो प्रकारों के अलावा भी कई प्रकारों का होता
है।
क्लासिक माइग्रेन ऐसा
माइग्रेन है जिसमें दौरा पड़ने से पहले इसका अनुमान हो जाता है।इस प्रकार के रोग
में अचानक ही आँखों में रोशनी में फर्क आ जाता है।आँखों से धारिया व धब्बे से
दिखाई देने लगते हैं।कुछ लोगों में कई बार अस्थाई या आंशिक रुप से अंधापन आ जाता
है।इसके अलावा होंठ चहेरा चेतना शून्य हो जाते हैं, हाथ पैर शिथिल हो जाते हैं
चक्कर आने लगते हैं, चलने तथा बोलने में दिक्कत होने लगती है।ये लक्षण 15-15 मिनट
तक रहते हैं और बाद में सिर के आधे हिस्से में तीव्र दर्द शुरु हो जाता है।
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