गूलर का फल बनाऐ रखता है हमेशा जवान
Fig- keeps us always young
अंग्रेजी में फिग के नाम से जाना जाने वाला फाईकस जाति का गूलर का पौधा अर्थात पेड़ जो प्राचीन समय से ही भारतीय गाँवों में पूजा के लिए भी प्रयोग किया जाता था यह एक एसी आयुर्वेदिक औषधि है जो आपको हमेशा जवान अर्थात नव युवा बनाऐ रख सकती है। शोधों के द्वारा यह सावित हुआ है कि भारतीयों के द्वारा हमेशा से प्रयोग में आती रही गूलर अपने आप में एंटी आक्सीडेंट तत्वों को रखती है जिनके कारण fig keeps us always young |
गूलर रखे सदा युवा अर्थात नव यौवन अगर चाहो तो खाऔ गूलर का फल तथा दूध |
गूलर का फल रखे सदैव युवा अर्थात जवान |
- मधुमेह अर्थात डायबिटीज़ : ---गूलर को पानी के साथ पीसकर पीने से मधुमेह अर्थात डायबिटीज़ दूर होती है।
- दाँतों का दर्द :---गूलर के फलों को पानी में उबाल कर काढ़ा बनाकर लगातार कुछ दिनों तक कुल्ला करने से दाँतों का दर्द दूर हो जाता हैं।
- मुँह के छाले :--छाले दूर करने के लिए गूलर के पत्तों को पीसकर गोली बना लें इसे चूसते रहें आपके मुँह के छाले निश्चित ही ठीक हो जाऐंगे।
- मर्दाना कमजोरी:--- अर्थात यौन शक्ति बढ़ाने के लिए प्रतिदिन 20 बूँद गूलर का दूध छुहारों के साथ खाने से शुक्राणुऔं की संख्या में वृद्धि हो जाती है। अर्थात जिन पुरुषों के वीर्य में शुक्राणु या स्पर्म कम संख्या low sperm count में है या हैं ही नही उन्हैं इस योग का प्रयोग करने से निश्चित ही फायदा होगा।
- बलगमी अर्थात कफ युक्त खाँसी:--- आपको खाँसी हो गयी है वो भी बलगमी अर्थात कफ भी साथ आता है तो गूलर के दूध को शहद के साथ खाऐं कुछ ही समय में खाँसी ठीक हो जाएगी।
- पेचिस रोग :--पेचिस रोग में गूलर की कोमल पत्तियों को पीसकर 10 से 15 मिलीलीटर रस निकाल कर पीवे ।
- वीर्य का पतलापन :---वीर्य का पतलापन दूर करने के लिए गूलर की छाल तथा बरगद की कोपलें बराबर बराबर मात्रा में लेकर तथा दूनी मात्रा में मिश्री मिलाकर दूध के साथ 2 माह तक लेने से वीर्य की कमजोरी दूर हो जाती हैं।
- गर्भस्राव :--गूलर की छाल का काढ़ा बनाकर मिश्री मिलाकर रोजाना लें कुछ दिन नीयमित लेने से गर्भस्राव की समस्या Abnormal discharge from Uterus दूर होती है।
- जलन :--जल जाने पर burning गूलर की पत्तियाँ पीस कर लगाने से जलन दूर हो जाती है।
- रक्त स्राव :--रक्त स्रावरक्त स्राव होने पर गूलर की पत्तियाँ पीस कर लगाने से रक्त स्राव दूर हो जाती है।
- रक्त प्रदर व शीघ्रपतन :--Leucorrhoea या रक्त प्रदर के लिए Spermat-orrhoea अर्थात शीघ्रपतन में एक कप गूलर के पत्तों के रस को रोजाना पीयें।
- लिवर के रोग व वात विकार व हृदय रोग:---- लिवर के रोग व वात विकार व हृदय रोगमें भी नीयमित गूलर के एक कप रस को प्रतिदिन पीयें।
सदा जवान रहने का फार्मूला- गूलर
Amazing blog and informative content. I learnt so much from this. I will share this with my friends. They will really like it as well.The power of Ayurveda has been known to mankind for centuries now. But the modern world hasn't yet given it enough importance as it deserves.
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