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मंगलवार, 30 मई 2017

पुरुषों काम तृप्ति वाहक पुरुष जनन अंगों की जानकारी

पिछले अंको में मैने आपको नारी जनन अंगो की जानकारी प्रदान की थी शायद आप उससे सन्तुष्ट हुऐ होंगे। और उस जानकारी को देने की शुरुआत में हमने आपसे वायदा किया था कि हम आपको पुरुष जनन अंगो की भी जानकारी देगें।सो जानकारियाँ लेकर हम अपने वायदानुसार प्रकट हो गये हैं।
नारियों के समान ही प्रभु ने पुरुष के शरीर में भी अपनी कारीगरी का भरपूर प्रयोग किया है।और उन्हौने हमे अंग प्रदान करते समय ही उनकी देखभाल की भी हिदायत दी है किन्तु मानव ने जैसे अन्य प्राणियों का प्रयोग अपने मतलब से किया है । उसी प्रकार खुद अपने शरीर को भी न वख्स कर उसका भी दुर्पुयोग करने में नही हिचक रहा है। और जब स्वयं रोगी हो जाता है तो फिर अपने किये पर पछताता है।और फिर भगवान को दोष देता है।लैकिन भगवान ने तो सभी को यह नैमत वख्सी है किसी को छोड़ थोड़े ही दिया है।अब आगे की बात करते हैं।किसी भी रोग के इलाज से पहले आपको अपने या रोगी के अंगो की जानकारी व क्रिया विधि की जानकारी होना बहुत ही आवश्यक है।
पुरुष जननांग निम्न अंग व अंग तंत्रो को सम्मिलित करते हैं।


  • लिंग
  • वृषण कोष या अण्ड कोष
  • वृषण
  • शुक्र नलिका
  • सीमेमल वेसीकल्स
  • शुक्राशय या  प्रोस्टेट ग्रंथि
  • मूत्र नलिका
The Male Anatomy Introduction

The male reproductive system includes the following structures:
  • Penis
  • Scrotum
  • Testes (testicles)
  • Vasdeferens
  • Seminal vesicles
  • Prostate gland
  • Urethra
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आज केवल लिंग की चर्चा करेंगे।

लिंग-लिंग के तीन हिस्से हैं 

  • शिश्न मूल -यह उदर से और पैल्विक वाल से लगा भाग है।
  • मध्य लिंग- मध्य लिंग लिंग के बीच का भाग है,लिंग का यह हिस्सा मुलायम ऊतकों से वने तीन वेलनाकार कोटरों का बना होता है। इसके दो वड़े कोटर जब रक्त से भर जाते हैं तब यह तन कर सीधा खड़ा हो जाता है।
  1. इसके दो वड़े वेलनाकार कोटर मुलायम ऊतकों के बने होते हैं।यह लिंग के शिश्न मुण्ड से संलग्न रहते हैं।जो गुफा जैसा बनाती है इसे corpora cavernosa कहा जाता है।
  2. तीसरा वेलनाकार कोटर भी मुलायम ऊतकों का ही बना होता है।जो मुत्राशय को घेरे रहता है।और इसी से मूत्र वाहनी का निर्माण होता है।और इसे corpus spongiosum कहते है।
  • शिश्न मुंड- शिश्न मुंड शिश्न के अन्तिम छोर पर स्पंज जैसी  तिकोना सी आकृति  है, जिसकी स्पंजी संरचना में उत्तेजना के समय रक्त भर जाता है। इसको एक छोटा सा उभार मध्य लिंग कोटर से  अलग करता है। इस उभार को  "कोरोना"कहते हैं।

Penis

The penis consists of three main parts: the root, the body, and the glans penis.

  1. The root is attached to the abdominal and pelvic wall.
  2.   The body is the middle portion. The body of the penis consists of three cylindrical spaces of soft tissue. When the two larger spaces fill with blood, the penis becomes large and rigid, forming an erection.
  • Two larger cylindrical spaces of soft tissue, called the corpora cavernosa, are located side by side and form the bulk of the penis.  
  • The third cylindrical space of soft tissue, called the corpus spongiosum, surrounds the urethra, which forms the urinary passage.
  1.  The glans penis is the cone-shaped end or head of the penis, which is the termination of the corpus spongiosum. The small ridge that separates the glans penis from the shaft or body of the penis is called the corona.
Note-इस पोस्ट का अग्रेजी भाग व चित्र अग्रेजी जानकार भाइयो के लिए मैने साभार http://www.emedicinehealth.com/understanding_the_male_anatomy/page2_em.htm से लिया है।
 Republished----- 

3 टिप्‍पणियां:

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  2. Sir kya aap mughe bata sakte hai agar penis ke head ke upper red spots kis karan hote hai or iska ilaz batayen

    जवाब देंहटाएं
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