माइग्रेन- आधे सर में दर्द - The Light Of Ayurveda

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सोमवार, 12 नवंबर 2012

माइग्रेन- आधे सर में दर्द

AYURVEDLIGHT.BLOGSPOT.COM
दर्द वैसे तो किसी भी प्रकार का क्यों न हो दुःख ही देता है।आजकल की तनाव भरी जीवन शैली  में सर का दर्द होना वैसे तो आम बात है लैकिन माइग्रेन जिसे आधाशीशी या अधकपारी का दर्द भी कहते हैं यह इस तरह का दर्द है जो गंभीर रुप से लगातर या बार बार होता है।इस रोग में सिर के आधे हिस्से में दर्द होता है।जबकि आधा सिर दर्द मुक्त रहता है माइग्रेन कहलाता है।यह कुछ घंटो के सामान्य दर्द से लेकर तीन दिन तक बना रहने वाला गंभीर दर्द भी हो सकता है।विशेषज्ञो के अनुसार माइग्रेन मानसिक तनाव,ब्लडसुगर का स्तर अत्यंत कम होने,बहुत देर तक भूखे रहने या अत्यधिक मीठा खाने या वसा युक्त या तला हुआ भोजन करने से भी हो सकता है।यह रोग भावनाओं के दवाने से भी माइग्रेन हो सकता है।इस रोग में रोगी को कई बार रोगी को सिर के दर्द के नियमित दौरे भी पड़ते हैं।
माइग्रेन के लक्षण हैं: तेज़ सर दर्द, उल्टियां आना और आंखों का धुंधला पड़ जाना। 
माइग्रेन है क्या -माइग्रेन मस्तिष्क में सेरिटोनिन नामक रसायन की कमी से होने बाला रोग है।इस रसायन की अत्यधिक कमी से रक्त वाहनियाँ फैलने लगती हैंऔर भयंकर सिर दर्द शुरु हो जाता है।
माइग्रेन रोग के कारकों में निम्न कारक प्रमुख हैं।
  • अत्यधिक मात्रा में कैफीन का उपयोग ।
  • दर्द-निवारक दवाओं का ज्यादा प्रयोग भी इस रोग के कारणों में हो सकता है।
  • हार्मोन स्तर में परिवर्तन।
  • यात्रा की थकाबट व मौसम में परिवर्तन भी अपने आप में एक महत्वपूर्ण कारक है।
  • तनाव, अनिद्रा की स्थिति या नींद पूरी ना होना।    
माइग्रेन के अन्य कारणों में अनुवांशिक कारणों के अलावा तनाव, अपच, उच्च रक्तचाप, खानपान की अनियमितता,अनिद्रा या अधि‍क मानसिक या शारीरिक श्रम भी शामिल हैं।
माइग्रेन से बचाव के घरेलू उपायः

  • पर्याप्त नींद लें।देर रात तक न जागें।
  • सुबह रोजाना योग व व्यायाम करें स्नान करके ध्यान करें। ध्यान, योगासन, एक्यूपंक्चर या अरोमा थेरेपी जैसी वैकल्पिक चिकित्‍सा पद्धति का भी सहारा ले सकते हैं।
  • सर की हल्की मालिश इस रोग में लाभकारी है।
  • गर्म पानी में एक तौलिये को डुबोकर, उससे दर्द वाले हिस्से पर सें‍क दें। इसके अलावा ठंडा सेंक देने के लिए  बर्फ के टुकड़ों से सेकना भी लाभकारी रहता है लैकिन पहले यह देख लें कही यह दर्द सर्दी के कारण तो नही है।
  • भूखे न रहैं।पौस्टिक व संतुलित आहार लें खाने में फल सब्जी का भरपूर प्रयोग करें। संतुलित दिनचर्या का पालन करें।पिज्जा वर्गर चाउमीन जैसे जंक फूड से दूर रहैं।ज्यादा मिर्च मसालों का प्रयोग न करें।
  • दिन में कम से कम 12 से 14 गिलास पानी ज़रूर पीयें।
  • तेज व टिमटिमाती रोशनी से जितना हो सके बचें।भावनाओं को दवाने की जगह अपने विश्वस्त लोगों से उनकी साझेदारी करें।
माइग्रेन से ग्रस्त व्यक्ति को कभी भी माइग्रेन का दर्द हो सकता है इसलिए अच्छा होगा आप दर्द से बचने के लिए अपनी स्थितियों को समझें और संतुलित दिनचर्या का पालन करें।
इस रोग के बारे में औऱ जानकारी जानने के लिऐ यहाँ क्लिक करके भी अन्य अनुभव प्राप्त किये जा सकते हैं।

1 टिप्पणी:

  1. H9b66d76bc4c94f0da8adf1828d89b3e6D

    Migrokill can play an important role in preventing muscle and blood vessel spasms thus reducing occurrences of migraines.visit http://www.hashmidawakhana.org/natural-remedies-for-migraine-headaches.html

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