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बुधवार, 5 दिसंबर 2012

आखों की कमजोरी दूर करने वाला योग ः-ज्योतिष्मती रसायन

मैनें आज सुबह एक पोस्ट अपनी दूसरी साइट AYURVEDA -The Most Ancient Medical Science पर दिया जिसका नाम तथा लिंक  आंखों की रोशनी बढाने का सरल सुलभ प्रयोग यह है।
अब मैं एक ऐसा योग बता रहा हूँ जो आपकी आखों की रोशनी तो बढ़ाऐगा ही साथ ही यह दिव्य औषधि रसायन गुणों से भरपूर है जो वृद्धों को भी युवावस्था प्रदान करती है।यह शारीरिक के साथ साथ ही मानसिक रुप से भी सबल बनाती है।यह मस्तिष्क की निर्बलता,नेत्रज्योति की कमी के अलावा नपुंसकता को भी दूर करती है और सबसे खास बात यह है कि यह रसायन हर आयु के स्त्री पुरुषों को प्रयोग कराया जा सकता है लेकिन बड़े बूढ़े लोग बिना किसी शक के इस्ते माल कर सकते हैं।केवल इसकी विशेष बात यही है कि सभी द्रव्य असली ही हों।
इस रसायन का मुख्य द्रव्य है ज्योतिष्मिति अर्थात माँलकांगनी का तेल यह एक ऐसा द्रव्य है जो स्मरण शक्ति बढ़ाने में भी प्रयोग होता है।यह दिव्य औषधियों की श्रेणी में आता है।
ज्योतिस्मति रसायन बनाने की विधि तथा घटक द्रव्य ः-
 घटक द्रव्य----

 गाय का शुद्ध घी --- 200 ग्राम

 शुद्ध शहद (नवीन)--- 300 ग्राम

 इन तीनो द्रव्यों को खूब मिलाकर चोड़े मुँह वाली काँच की शीशी में सुरक्षित रख लें । बस हो गया रसायन तैयार अब इस रसायन की 30 से 60 बूँदे तक गाय के मीठे दूध में मिलाकर लें।पूरी की पूरी सर्दियों के मौसम में आप इसे प्रयोग कर सकते हैं बड़े बूढ़े लोग प्रत्येक सर्दियों भर प्रयोग करते रहैं तो उन्हैं युवापन का अहसास बना रहैगा।

सूचनाः-  वैसे तो यह रसायन सौम्य निरापद व हानिरहित है फिर भी पाठको को सूचित किया जाता है कि किसी भी योग को प्रयोग करने से पहले अपने किसी वैद्य या बी.ए.एम.एस डाक्टर से परामर्श अवश्य कर लें। 

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