बलवीर्य वर्धक घृत कुमारी के लड्डू या कुमारी मोदक - The Light Of Ayurveda

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गुरुवार, 7 फ़रवरी 2013

बलवीर्य वर्धक घृत कुमारी के लड्डू या कुमारी मोदक

कुमारी या घृतकुमारी आजकल एसा दृव्य है जिसे सभी एलॉयबैरा के नाम से जानते हैं और अनेको फार्मेसियाँ आजकल एलॉयवेरा का जूस बाजार में बेच रही हैं आज मैं आपको उसी बल वीर्य वर्धक योग के बारे में बता रहा हूँ कृपया पढ़े तथा बना लें इस योग से बहुत से फायदों के साथ सबसे बड़ा फायदा है कि इससे यौन शक्ति में अपरिमित वृद्धि होती है स्तम्भन शक्ति वढ़ती है और बनाने का तरीका भी आसान सा ही है ।
सामिग्री ः
  1. ग्वार पाठा का रस 300 ग्राम 
  2. असली देशी घी 300 ग्राम
  3. खाड़  300 ग्राम
  4. गैहूँ का आटा 150 ग्राम
बनाने की विधि ः सबसे पहले ग्वार पाठे को छीलकर 300 ग्राम गूदा निकाल लें या फिर सीधे ही 300 ग्राम रस ले लें।फिर उसे 150 ग्राम आटे में मिलाकर गूथ लें लैकिन यह आपके हाथों से चिपकेगा सो आप थोडा सा घी भी मिला लें जिससे यह ठीक से मिल जाए फिर बाकी के घी में इस की लोई बनाकर लाल गुलावी होने तक तल लें और फिर नीचे उतार कर दोवारा से थाली में रख कर चूरा कर लें और फिर दोवारा से कढा़ही से घी निकाल कर भूनने में घी डालकर भून लें तथा उतार कर खाड़ मिलाकर इसके 20- 20 ग्राम के लड्डू बना लें।
एक एक मोदक प्रातःकाल नाश्ते के स्थान पर खाकर ऊपर से मिश्री युक्त दूध पीना चाहिये।इससे बल-वीर्य की पुष्टि होती है और स्तम्भन शक्ति बढ़ती है इसका प्रयोग करते समय विशेषकर वे लोग जिन्हैं यौनशक्ति की जरुरत है वे प्रयोग समय में कम से कम 40 दिन तक रमण क्रिया से बचे तब बहुत ही ज्यादा फायदा ले सकेंगें। 
            

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