चर्म रोगों लैप्रेसी,सोरायसिस,लाइकन प्लेनस,पेम्फीगस वल्गेरिस (विस्फोट),एक्सफोलिएटिच डर्मेटाटिस(विर्चकिका),दाद,बाल उड़ना,गंजापन,पालित्य आदि रोगों में भी गिलोय के योग - The Light Of Ayurveda

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शुक्रवार, 24 अक्टूबर 2014

चर्म रोगों लैप्रेसी,सोरायसिस,लाइकन प्लेनस,पेम्फीगस वल्गेरिस (विस्फोट),एक्सफोलिएटिच डर्मेटाटिस(विर्चकिका),दाद,बाल उड़ना,गंजापन,पालित्य आदि रोगों में भी गिलोय के योग



चर्म रोगों लैप्रेसी,सोरायसिस,लाइकन प्लेनस,पेम्फीगस वल्गेरिस (विस्फोट),एक्सफोलिएटिच डर्मेटाटिस(विर्चकिका),दाद,बाल उड़ना,गंजापन,पालित्य आदि रोगों में भी गिलोय के योग विशेष लाभकारी हैं।औषध प्रयोग के साथ ही लगातार पथ्य पालन कराते रहैं।सभी प्रकार के चर्मरोगों से अवश्य ही मुक्ति मिलेगी।
कामला में ------
हिपेटाइटिस,ओष्स्ट्रक्टीव जोन्डिस में शरीर बहुत दुर्बल हो गया हो तो रसायन विधि से गिलोय का उपयोग करने से बहुत ही अच्छा लाभ प्राप्त होता है।विशेष ध्यान यह दिया जाऐ कि इस रोग में घी का स्नेहन न कराया जाए।

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