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बुधवार, 5 अक्टूबर 2016

गंजापन कारण और निवारण----गंजे सिर पर बाल उगाऐं लाज शर्म से मुक्ति पायें ---2



गंजेपन का रामबाण इलाज - नये बाल उगाने का उपाय ...

मैंने  2 वर्ष पहले एक पोस्ट इसी शीर्षक से डाली थी जिस पर आदरणीय पाठकों के विविध प्रकार के कमेन्ट मिले जो विविध प्रकार के थे। कुछ लोगों ने योग को प्रयोग किया कुछ उहापोह में ही रहे कि योग काम करेगा या नही कुछ इस चक्कर में रहे कि और लोग पहले प्रयोग कर लें और अपने अनुभव लिख दें तव हम प्रयोग करेंगें। कुछ ने प्रयोग तो किया लेकिन कुछ दिनों में ही निराश हो गये। अनेक लोग अनेक अनुभव किसी ने बिना प्रयोग किये ही वकवास लिख दिया। लेकिन मेरी मजबूरी यह थी कि मेरे पास अपना लेपटॉप खराव होने के कारण में उत्तर नही दे पा रहा था।आज मैने सोचा कि भई पहले अपने पाठकों को पोस्ट पढ़ने के लिए धन्यवाद प्रेषित कर दूँ। और साथ ही साथ इस रोग के कारणों पर भी प्रकाश डाल दूँ। अतः यह पोस्ट लिखने वैठ गया हूँ आशा करता हूँ कि मेरी इस पोस्ट के बाद मेरे सम्मानित पाठक इस रोग के बारे में बहुत कुछ जान पाएगें। 

गंजापन क्या है---


 जब सिर के बाल  उड़ जाते हैं तो खोपड़ी बालों रहित अर्थात खल्बाट  हो जाती है जिसे गंजापन कहते हैं।

गंजेपन के अलग अलग भाषाओं में अलग अलग नाम  हैं:

अरबी में ताकपर, चुलीउत्थ,बंगाली भाषा भाषी इसे तका व खालित्य बोलते हैं।डोंगरी भाषा में गेंजा, गेन्दा, गंजो तथा हिन्दी  में गंजापन बोला जाता है वहीं कन्नड़ में  इस रोग को कोऊडलु उदरूवुडु तथा मलयालम मे कसन्ती,मराठी में टकला पाडने,उड़िया में चांदा ,पंजाबी  में वेंगंजा और तमिल में त्रुकालुटा। और आजकल सबसे ज्यादा बोले जाने बाली अंग्रेजा भाषा में इस रोग को अलापेसिया के नाम से जाना जाता है।

गंजेपन के होने के कारण :---

गंजापन और बाल झड़ने के विभिन्न कारण होते हैं जैसे अधिक मानसिक कार्य करना, भोजन में विटामिन्स पूरी तरह न मिल पाना,वृद्धावस्था (बुढ़ापा) जल्दी आना,रक्तविकार(खून की खराबी), सिर में दाद का होना, फेवस( रूसी ) व  अन्य कारणों के अलावा वंशानुगत अर्थात पीढ़ी दर पीढी चला आया गंजापन का रोग आदि। 
इस रोग की शुरूआत में सिर की मालिश करते समय टूटे बाल हाथ में आते रहते हैं। और बालों में कंघा करते समय भी ऐसा ही होता है रोग की तीव्रता में धीरे-धीरे सिर में बाल नहीं के बराबर रह जाते हैं।
बालों के रोग होने का मुख्य कारण होता है पर्याप्त रुप से देखभाल न होना शोधों के अनुसार बाल जब जड़ों से निकलकर त्वचा से बाहर आते हैं, तब उन्हैं पर्याप्त रुप से पोषण की जरुरत होती है।अगर उन्हैं पोषक तत्व मिल जाते हैं तो ठीक और अगर पोषक तत्व न मिलें तो उनमें नमीं व चिकनाई की कमी होती जाती है और वे रुखे होते जाते हैं।बालों में चिकनाई 3 प्रतिशत होती है और इसे इसी मात्रा में बनाए रखना बहुत जरुरी है और ऐसा करने के लिए बालों में तेल लगाना बहुत जरुरी है। वैसे ज्यादा तेल की जरुरत लम्बे होने पर सिरो की ओर रहती है।और यह पोषण इन्हैं जड़ो द्वारा ही प्राप्त होता है।वैसे प्राकृतिक रुप से बालों की जड़ों की त्वचा में अपना खुद का तैल स्रावी सिस्टम होता है किन्तु अगर आपका खान पान ठीक नही है तो यह सिस्टम ढीला पड़ जाएगा और बालों को पोषक तत्व नही मिल पायेंगे ऐसी स्थिति में बालों की जड़ों में ही सीधे पोषण देने से कुछ फायदा होता  है किन्तु वास्तविक फायदा तो तभी होगा कि जब इसका कारण मिट जाऐ अर्थात अगर आपको अधिक चिन्ता फिक्र है तो सबसे पहले उसे छोड़ें, इसके बाद अपने खान पान पर विचार करें कहीं ज्यादा स्पाइसी तो नही ले रहे हैं अगर ऐसा है तो सबसे पहले इसे ठीक करें पेट में कब्ज की स्थिति तो नही रहती है अगर है तो दूर करें। बालों को सहीं से धोऐं अत्यधिक शैम्पू का प्रयोग बालों को बरबाद कर सकता है , सेम्पू की क्वालिटी देखें कहीं एसा तो नही है कि शेम्पू अत्यधिक क्षारीय या अम्लीय प्रभाव बाला हो,इसके बाद उपचार का विचार करें नही तो आप एक तरफ तो उपचार करेंगे दूसरी और कारण ज्यों के त्यो बना रहेगा फलस्वरुप फायदा दिखाई ही नही देगा सही कहैं तो होगा ही नही।शैम्पू का कार्य बालों की सफाई के साथ साथ सिर की त्वचा की सफाई करना भी होता है वैसे शेम्पू के ऊपर लिखा होता है कि यह किस प्रकार के बालों के उपयुक्त है जैसे आपके बाल यदि तैलीय हैं तो इसी प्रकार के बालों के उपयुक्त शेम्पू ही प्रयोग करें।तभी अपेक्षित लाभ होगा।बालों में गाढ़ा शेम्पू न लगाकर पहले पानी मिलाकर 1:6 के अनुपात में पतला करके 3-4 बार शेम्पू फैला कर जड़ों की मालिश करें तथा  बाल धोऐं तो बाल ज्यादा साफ धुल पाऐंगे।और उनकी जड़ों की त्वचा भी साफ हो पाएगी।

गंजेपन का आयुर्वेदिक उपचार-

1. हाथी-दांत : हाथी-दांत की राख में बकरी का दूध और रसौत को मिलाकर सिर पर लेप करने से बाल उगने लगते हैं।
2. आम : एक साल पुराने आम के अचार के तेल से रोजाना मालिश करें। इससे गंजेपन का रोग कम हो जाता है।
3. केला : पके केले के गूदे को नींबू के रस में मिलाकर लगाने से गंजेपन का रोग मिट जाता है।
4. दही : दही को तांबे के बर्तन से ही इतनी देर रगडे़ कि वह हरा हो जाए। इसे सिर में लगाने से गंजेपन की जगह बाल उगना शुरू हो जाते हैं।
5. पत्तागोभी : पत्तागोभी के रस से एक महीने तक सिर पर मालिश करने से गंजेपन का रोग सही हो जाता है।
6. फिटकरी : 5-5 ग्राम फिटकरी और छड़ेला को पानी के साथ पीसकर गंजेपन की जगह 3-4 दिनों तक लगाने   से गंजेपन का रोग मिट जाता है।
7. कबीला : 5-5 ग्राम कबीला, कच्चा सुहागा तथा कम भुनी राई को एक साथ पीसकर सिर के गंजेपन पर सरसों  के तेल में मिलाकर लेप करें। इससे गंजेपन का रोग मिट जाता है।
8. अरण्डी (एरण्ड) : अरण्डी (एरण्ड) या सरसों के तेल में हल्दी जलाकर छान लें और इसमें थोड़ा सा कपूर  मिलाकर सिर के गंजे जगह पर मालिश करें। इससे सिर पर बाल उगना शुरू हो जाते हैं।
9. तम्बाकू : 20-20 ग्राम तम्बाकू का जला गुल और कनेर के पत्ते को 100 मिलीलीटर सरसों के तेल में जलाकर   ठंड़ा कर मिला लें और इसे सिर में लगायें। इससे सिर के बाल आना शुरू हो जाते हैं।
10. झाऊ : 100 ग्राम झाऊ की जड़ छाया में सुखाकर दरदरा यानी मोटा-मोटा कूटकर 500 मिलीलीटर पानी में   उबालें, 100 मिलीलीटर पानी रह जाने पर निथारकर 100 मिलीलीटर तिल के तेल में जलायें, फिर इसे ठंड़ा कर लेने के बाद बालों में लगाएं। इससेबालों का झड़ना भी कम हो जाता है।
11. गोरखमुण्डी : 5 ग्राम गोरखमुण्डी के चूर्ण को सुबह पानी के साथ सेवन करने से बालों का झड़ना कम हो जाता है।
12. कालीमिर्च : कालीमिर्च और नमक का चूर्ण प्याज के साथ पीसकर लगाने से सिर का दाद और बालों के झड़ने की शिकायत से राहत मिलती है।
13. मेथी : मेथी के बीजों को बालों में लेप करने से बालों का झड़ना बन्द हो जाता है। दाना मेथी पीसकर गंज के स्थान पर रोजाना लेप करने से बाल उग जाते हैं।
14. प्याज : प्याज का रस शहद में मिलाकर गंजेपन की जगह पर लगाने से फिर से बालों का उगना शुरू जाता है। गंज (सिर पर कहीं से बाल उड़ जाने को गंज कहतेहैं) वाले भाग पर प्याज का रस रगड़ने से बाल वापस उगने लगते हैं और बाल गिरने रुक जाते हैं। प्याज के रस में नमक और कालीमिर्च का पाउड़र मिलाकर मालिश करने से सिर की दाद के कारण सिर के उड़ गये बाल फिर से आने लगते हैं।
15. महानिम्ब (बकायन ) : महानिम्ब के बीज के बीचले भाग (मध्य भाग) लगभग 1 ग्राम का चौथाई भाग से 1 ग्राम या छाल का चूर्ण 3 ग्राम से 6 ग्राम सेवन करने से लाभ होता है। इसे दिन में 2 बार यानी सुबह-शाम दें अथवा इसके पत्ते का रस 5 से 10 मिलीलीटर तक भी दे सकते हैं। इससे गंजेपन के रोग में लाभ होता है।
16. हारसिंगार : हारसिंगार के बीजों को पानी के साथ पीसकर सिर के गंजेपन की जगह लगाने से सिर में नये बाल आना शुरू हो जाते हैं।
17. करंज : करंज के फूलों को पीसकर सिर में बांधने से गंजेपन से लाभ होता है और नये बालों का आना शुरू हो जाता है। इसे रोजाना रात को बांधें और सुबह नींबू के रस मिले पानी से साफ कर लें।
18. करजनी (गुंजा) : करजनी के बीजों का मिश्रण गंजेपन पर लगाने से नये बाल उगने शुरू हो जाते हैं। इसे रोजाना रात में लगाकर सिर को बांधे और सुबह नींबू रस मिले पानी से साफ कर लें। इससे लाभ होता है।
गुंजा के बीजों के साफ तेल को उपयोग में लाने से बालों में लाभ होता है।
19. रोहिस घास : रोहिस घास के पत्तों का तेल सिर में मालिश करने से गंजेपन के रोग में लाभ होता है और नये बाल निकल आते हैं।
20. भंगरैया : भंगरैया का रस रोजाना गंजे सिर में मालिश करने और उसका रस 5-10 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करने से गंजेपन का रोग दूर हो जाता है।
21. वन्यकाहू : वन्यकान्हू के बीज और कूठ को एक साथ पीसकर लेप करने से गंजेपन और बालों के
झड़ने में कमी आती है।
22. रोजमरी : रोजमरी के तेल का प्रयोग गंजेपन और बालों के झड़ने में किया जाता है।
23. अलसी (तीसी ) : अलसी के तेल में बरगद (वटवृक्ष) के पत्तों को जलाने के बाद उसे पीसकर और छानकर रख लें। इस तेल को सुबह-शाम सिर में लगायें। इसी तरह इसे लगाते रहने से सिर पर फिर से बालों का उगना शुरू हो जाता है।
24. अमरबेल : अमरबेल के रस को रोजाना सिर में मालिश करने से बाल उग आते हैं। बालों के झड़ने से उत्पन्न गंजेपन को दूर करने के लिए गंजे हुए स्थान पर अमर बेल को पानी में घिसकर लेप तैयार कर लें, इस लेप को नियमित रूप से दिन में दो बार लगभग चार या पांच हफ्ते तक लगाएं। इससे अवश्य फायदा होगा।
25. सुहागा : 20 ग्राम सुहागा और 20 ग्राम कपूर दोनों को बारीक पीसकर पानी में घोलकर, बाल धोने से बालों का गिरना कम हो जाता है।
26. अनन्तमूल : 2 ग्राम अनन्तमूल की जड़ का चूर्ण रोजाना खाने से सिर के बाल उग आते हैं और सफेद बाल
काले होने लगते हैं।
27. धनिया : धनिया का पानी निकालकर (पत्ते का रस) सिर पर मालिश करने से गंजेपन का रोग मिट जाता है और नये बाल आना                             शुरू हो जाते हैं। सिर पर हरे धनिये का रस लगाने से बाल निकल आते हैं।
28. चुकन्दर : चुकन्दर के पत्ते का रस सिर में मालिश करने से गंजेपन का रोग मिट जाता है और नये बाल आना शुरू हो जाते हैं।
29. लहसुन : सिर में लहसुन का रस लगाने से बाल उग जाते हैं। इसका प्रयोग 60 दिनों तक करने से गंजापन दूर कर सकते हैं।
30. जातीपत्र : जातीपत्र, करंज बीज, वरुण छाल, करवीर मूल और चित्रक सभी को बराबर मात्रा में लेकर मिश्रण बनाकर साफ
           किया तेल उपयोग में लाना चाहिए। इससे बालों को लाभ होता है।
31. आमलकी : आमलकी फल मज्जा और आम के बीज जिनका छिलका उतार दिया गया हो पानी में लेप तैयार कर उपयोग में लाने से गंजेपन से लाभ होगा।
32. रसांजन (रसोत) : हाथी-दांत की राख में रसांजन और बकरी का दूध मिलाकर सिर पर लेप करने से गंजेपन का रोग मिट जाता है।
33. जमालगोटा : नींबू के रस में जमालगोटे के बीजों को पीसकर सिर पर लगाएं। सूखने पर कुछ ही देर में धो लें इसे हर रोज            लगाते रहने से गंजेपन के रोग में लाभ होगा।
34. धतूरा : धतूरे के रस को सिर पर मलने से बाल उगने में सहायता मिलती है। इसका प्रयोग नियमित रूप से कुछ हफ्तों तक करना चाहिए।
धतूरे के पत्तों के रस का लेप करने से खालित्य (गंजापन) नष्ट हो जाता है।
35. मुलहठी : मुलहठी का पाउडर, दूध और थोड़ी-सी केसर का पेस्ट बनाकर नियमित रूप से सिर में लगायें। अधिक रूसी होने पर
तथा बाल अधिक झड़ने पर सिर पर मुलहठी लगाने से लाभ होता है।
36. दूधी : इसके पंचांग (जड़, तना, पत्ती, फल और फूल) के रस और कनेर के पत्तों के रस को मिलाकर सिर के गंजे स्थान पर लगाने से बाल सफेद होना बन्द हो जाते हैं तथा गंजापन दूर हो जाता है।
37. कलौंजी: जली हुई कलौजी हेयर आइल में मिलाकर नियमित रूप से गंजेपन में मालिश करने से लाभ होता है।
38. ग्वारपाठा : रक्त घृत कुमारी (जिसमें नारंगी और कुछ लाल रंग के फूल लगते हैं) के गूदे को स्प्रिट में गलाकर सिर में लेप करने से बाल काले हो जाते हैं तथा गंजे सिर में लगाने से बाल उग जाते हैं।
39. गुड़हल : गुड़हल के फूल के फल को कालीगाय के मूत्र के साथ पीसकर गंजेपन की जगह पर लगाने से गंजेपन का रोग मिट जाता है। इससे बालों के बढ़ने में भी लाभ होता है।
नोट : इसके बीज गोलाकर और अनेक बीजों से युक्त होते हैं।
गंजापन दूर करने के लिए कालीगाय के पेशाब में गुड़हल के फूलों को पीसकर लगाने से बाल बढ़ जाते हैं और गंजापन भी दूर होता है।
गुड़हल के पत्तों को पीसकर लुग्दी बनाकर बालों में लगा लें। 2 घंटे के बाद बालों को धोकर साफ कर लें। इस प्रयोग को नियमित रूप से करते रहने से न केवल बालों को पोषण मिलता है बल्कि सिर में ठंडक का भी अनुभव होता है।
गुड़हल के ताजे फूलों के रस में बराबर मात्रा में जैतून का तेल मिलाकर आग में पका लें। जब केवल तेल शेष रह जाए तो इसे शीशी में भरकर रख लें। इस तेल को बालों में मलकर जड़ों तक लगाने से बाल चमकीले और लंबे होते हैं।
गुड़हल के फूल और भृंगराज के फूल को भेड़ के दूध के साथ पीसकर लोहे के बर्तन में रख दें। 7 दिनों के बाद इसे निकालकर भृंगराज के रस में मिलाकर लोहे के बर्तन में रख दें। 7 दिनों के बाद निकालकर भृंगराज के पंचांग के रस में मिलाकर, रात को गर्म करके बालों में लगायें। सुबह उठकर सिर को धो लें। इससे बाल काले हो जाते हैं।
40. कटेरी : कटेरी के पत्तों के 20-50 मिलीलीटर रस में थोड़ा शहद मिलाकर गंजे सिर पर मालिश करने से कुछ ही दिनों में कीटाणु खत्म हो जाते हैं। इससे त्वचा मुलायम हो जाती है और गंजे स्थान पर नये बाल आ जाते हैं।
41. उड़द : उबाल उड़द की दाल को उबालकर पीस लें। रात को सोने के समय सिर पर लेप करें। इससे गंजापन धीरे-धीरे दूर हो जाता है और नये बाल आना शुरू हो जाते हैं।
42. नींबू : रोजाना 1 से 2 महीने तक लगातार नींबू का रस रगड़ने से बाल वापस उग आते हैं।
43. नीम : नीम के पत्ते 10 ग्राम तथा बेर के पत्ते 10 ग्राम लेकर दोनों को अच्छी तरह पीसकर इसका उबटन (लेप) तैयार कर लें।   इसके बाद इस लेप को सिर पर लगाकर 1 से 2 घण्टे बाद धोने से बाल उग आते हैं। इसका प्रयोग एक महीने तक करने से लाभ मिलता है।
100 ग्राम नीम के पत्तों को एक लीटर पानी में उबाल लें। इससे बालों को धोकर नीम के तेल को लगाने से बाल उगने लगते हैं।
नीम के तेल को सूंघने से गंजेपन का रोग दूर हो जाता है। नीम का तेल 2-3 महीने रोजाना बालों के उड़कर बने चकत्ते पर लगाने से बाल उग आते हैं।
44. परवल : कड़वे परवल के पत्तों का रस सिर के गंजेपन पर लगाने से लाभ होता है।
45. लता करंज : लता करंज के तेल को सिर में लगाने से गंजापन में लाभ होता है। लता करंज के फूल 6 से 12 ग्राम को पीसकर सिर में लेप करके से सिर का गंजापन दूर होता है।
46. अनार : अनार के पत्ते पानी में पीसकर सिर पर लेप करने से गंजापन दूर हो जाता है। प्रतिदिन मीठा अनार खाने से पेट मुलायम रहता है तथा कामेन्द्रियों को बल मिलता है।
47. अपामार्ग : कड़वे तेल (सरसों) में अपामार्ग के पत्तों को जलाकर मसल लें और मलहम बना लें। इसे गंजे स्थानों पर नियमित रूप से लेप करते रहने से पुन: बाल उगने की संभावना होगी।

साभार डाँ.ए.एस.चीमाँ ,पंजाब का लेख 
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