सेक्स के लिए क्या क्या खाना पीना हानिकारक है जानिये--
सेक्स, प्रकृति का वह करिश्मा है जिसमें प्रत्येक प्राणी बँधा है जो सबमें होते हुये भी सभी के आकृषण का कारण है जिसके बिना केवल मानव नही अपितु प्रकृति का अस्तित्व सम्भव नही है, यह वह भावना है जिसके कारण कई बार तो एसा लगता है कि प्रेम जिन्दा है। इस शब्द ने केवल जीवों के लिए ही नही अपितु निर्जीवों को भी प्रेम के भाव में बाँध दिया है इसके लिए ही व्यक्ति, जानवर या पेड़ पौधे के लिए किसी स्थान विशेष अवस्था विशेष से प्रेम हो जाता है कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि इस सकल चराचर जगत में जो कुछ दिखाई दे रहा है वह इसी सेक्स की भावना का विस्तार ही है।लैकिन कितने आश्चर्य का विषय है कि इस सबके बावजूद यही सेक्स कई बार हैय दृष्टि से भी देखा जाता है।चलो खैर आज का विषय यह है कि सेक्स के लिए हानिकारक क्या है, वे कौन से S हैं जिनसे दूर रहकर हम अपने सेक्स जीवन को बनाये रख सकते हैं या फिर अपने सेक्स जीवन का भरपूर आनन्द ले सकते हैं।सुगर, डाइबीटिज का सेक्स क्षमता पर प्रभाव----
डाइबीटिज के रोगी के लिए एक बहुत बड़ी समस्या यह होती है कि सेक्स के दौरान शुगर के स्तर में उतार-चढ़ाव होता रहता है। ब्लड-शुगर कम होने पर थकान महसूस होती है और हाई होने पर पुरूषों का इरेक्शन कम होता है और महिलाओं में डाइबिटीज जब हाई होती है तब उनमें कामोत्तेजना में कमी आ जाती है। इसलिए सेक्स करने के पहले शुगर की जाँच कर लेने से मधुमेह रोगी सही तरह से सेक्स जीवन का आनंद उठा पायेंगे।
अतः यह कहा जा सकता है कि मधुमेह या शर्करा की सही मात्रा में होने पर ही व्यक्ति ठीक प्रकार से सेक्स का आनन्द ले सकता है। किन्तु इसका मतलब यह नही है कि शुगर के रोगी को सेक्स सुख लेना ही नही चाहिये। वल्कि सही बात तो यह है कि सेक्स एक प्रकार का व्यायाम है अतः सेक्स सुख लेने से कहीं न कहीं मधुमेह या डाइबिटीज में फायदा होता है अतः इस सुख को पर्याप्त रुप से समय समय पर लेने के लिए जब भी आपका शुगर स्तर कंट्रोल में हो अवस्य लेना चाहिये।
सिगरेट या बीड़ी का सेक्स लाइफ पर प्रभाव ---
जो लोग ज्यादा मात्रा में सिगरेट व बीड़ी का प्रयोग करते हैं उनके रक्त में निकोटिन की मात्रा बढ़ जाती है फलस्वरुप तंत्रिका तंत्र पर बुरा प्रभाव पड़ता है जिसके कारण कामांगों में उद्दीपन या तो हो ही नही पाता और अगर होता भी है तोए पर्याप्त मात्रा में नही होता है जिसके कारण व्यक्ति को पुनः पुनः नशे की जरुरत पड़ती रहती है और एक समय एसा भी आता है जबकि नशा लेने से भी कुछ नही होता है और कामांग शिथिल पड़े रहते हैं।पुरुषों में तो लिंग ही दृढ़ नही हो पाता अर्थात पर्याप्त रुप से इरेक्सन नही होता है और महिलाओं में इसके कारण से कामानुभूति नही होती तब सेक्स आनन्द होना सम्भव ही नही है।
अगर पुरुष धूम्र पान करता है या फिर तम्बाकू का सेवन करता है तो उसके शुक्राणु असामान्य गति से कम होते जाते है और व्यक्ति के नपुंसक तक होने की संभावना होती है।
वहीं महिलाओं के तम्बाकू सेवन से उनके प्रजनन तंत्र और प्रजनन क्षमता में कमी आ जाती है। और महिला को बांझपन होने की संभावना बढ़ जाती है।अगर कोई महिला गर्भावस्था में तम्बाकू का सेवन करती है तो उसके भूर्ण में स्थित शिशु की मृत्यु भी हो सकती है या उसे अचानक गर्भपात भी कराना पड़ सकता है.
वैसे भी जब एक पार्टनर बीड़ी सिगरेट का इस्तेमाल करता हो और दूसरा न करता हो तब सिगरेट या बीड़ी की बदबू दूसरे व्यक्ति को दुःखी करती है उसे मुँह से बदबू आती है जिसके कारण सारे सेक्स के आनन्द का कूड़ा हो जाता है अतः जो लोग सिगरेट शराव का सेवन करते भी हों उन्हैं अपने पार्टनर की भावनाओं का आदर करते हुये हमेंशा जब भी सेक्स करने का मन हो अवश्य ही अपने मुँह को कुल्ला आदि करके साफ कर लेना चाहिये फिर कोई माउथ फ्रेशनर यथा इलायची आदि खाकर ही सेक्स की ओर अग्रसर होना चाहिये।
अगर पुरुष धूम्र पान करता है या फिर तम्बाकू का सेवन करता है तो उसके शुक्राणु असामान्य गति से कम होते जाते है और व्यक्ति के नपुंसक तक होने की संभावना होती है।
वहीं महिलाओं के तम्बाकू सेवन से उनके प्रजनन तंत्र और प्रजनन क्षमता में कमी आ जाती है। और महिला को बांझपन होने की संभावना बढ़ जाती है।अगर कोई महिला गर्भावस्था में तम्बाकू का सेवन करती है तो उसके भूर्ण में स्थित शिशु की मृत्यु भी हो सकती है या उसे अचानक गर्भपात भी कराना पड़ सकता है.
वैसे भी जब एक पार्टनर बीड़ी सिगरेट का इस्तेमाल करता हो और दूसरा न करता हो तब सिगरेट या बीड़ी की बदबू दूसरे व्यक्ति को दुःखी करती है उसे मुँह से बदबू आती है जिसके कारण सारे सेक्स के आनन्द का कूड़ा हो जाता है अतः जो लोग सिगरेट शराव का सेवन करते भी हों उन्हैं अपने पार्टनर की भावनाओं का आदर करते हुये हमेंशा जब भी सेक्स करने का मन हो अवश्य ही अपने मुँह को कुल्ला आदि करके साफ कर लेना चाहिये फिर कोई माउथ फ्रेशनर यथा इलायची आदि खाकर ही सेक्स की ओर अग्रसर होना चाहिये।
शराब का सेक्स क्षमता पर प्रभाव---
शराब एक अरबी भाषा का शब्द है जो दो शब्दों के तालमेल से बना है एक है शर यानि बुरा और आब यानि कि पानी अर्थात शराब एक बुरी प्रकार का पानी है। बैसे भी कहा गया है कि शराब व्यक्ति के मस्तिष्क पर असर करती है जो उसे यह ख्याल ही नही रहने देती कि क्या अच्छा है और क्या बुरा व्यक्ति विवेकहीन हो जाता है।उसका अपने दिमाग से नियंत्रण हट जाता है।
वैसे तो कहा जाता है शराव व सुन्दरी का जोड़ है किन्तु एक स्थिति तक ही यह कामयाव कहा जा सकता है।
प्रसिद्ध इग्लिस नाटककार शैक्सपीयर के अनुसार शराब कामेच्छा तो जगाती है, पर काम या सेक्स को बिगाड़ देती है। शोधों से सावित हुआ है किअगर लंबे समय तक शराब का सेवन किया जाए तो उत्तेजना में कमी आ जाती है. यही नहीं और भी कई तरह की परेशानियां शराब के कारण हो जाती हैं।
‘‘शराब सैक्स के लिए जहर है. यह बात और है कि शराब पी लेने के बाद चिंता थोड़ी कम हो जाती है और शराब पीने वाला ज्यादा आत्मविश्वास से सहवास कर पाता है. लेकिन कोई व्यक्ति लंबे समय तक शराब का सेवन करता रहे तो वह नामर्दी तक का शिकार हो सकता है.’’
जानिये कैसे ------
स्ट्रेस या तनाब का सेक्स जीवन व क्षमता पर प्रभाव------
आज हर तरफ भाग-दौड़ है और इस कारण ज्यादातर व्यक्तियों की जिन्दगी में चारों ओर तनाव और परेशानी का माहौल है और इन समस्याओं का प्रभाव व्यक्ति के वैवाहिक जीवन पर पड़ने लगा है। अत्यधिक मानसिक तनाव और काम का बोझ होने के कारण पति-पत्नी भी आपस में प्यार भरी बाते भी नहीं कर पाते। आज के समय में मानसिक तनाव इतना अधिक बढ़ गया है कि पति पत्नि के बीच मानसिक रिस्ते ने केवल शारीरिक रिस्ते का रुप ले लिया है वे शायद कभी कभी इतने तनाव में रहते हैं कि वे हंसी मजाक भी शायद ही कर पाते हैं।कभी पत्नी हंसी-मजाक करने या प्यार करने के मूड में होती है तो पुरुष बाहरी मानसिक तनाव के कारण मना कर देता है और कभी पुरुष अपनी पत्नी से बाते करने की इच्छा करता है तो पत्नी मना कर देती है। इस तरह जीवन में उत्पन्न समस्याओं और तनाव के कारण पति-पत्नी का वैवाहिक जीवन असंतुलित होने लगता है। पति-पत्नी के बीच आपसी संबंध बनाने का समय ही नहीं मिलता। इस तरह के मानसिक तनाव के कारण स्त्री-पुरुष के सेक्स संबंध में बदलाव आने लगता और यदि ऐसा नहीं भी होता है तब भी सेक्स संबंध के दौरान तनाव के कारण एक-दूसरे को वह आनन्द नहीं मिल पाता जो उन्हें मिलना चाहिए। इसमें दोनों शरीर केवल यंत्इर के रुप में कार्य करते हैं। इस तरह जीवन में उत्पन्न समस्याओं के कारण कभी-कभी काम के समय में ही उन दिनों को याद करने लगते हैं जो शादी के बाद कुछ दिनों तक व्यतीत किए होते हैं। जीवन में तनाव बढ़ने के कारण स्त्री-पुरुष के बीच खटास बढ़ने लगती है जिसके कारण दोनों सेक्स आनन्द से वंचित रहने के साथ-साथ अपने वैवाहिक जीवन को भी नष्ट कर लेते हैं।अतः हम कह सकते हैं कि तनाव का सेक्स जीवन पर एक बड़ा ही घातक प्रभाव पड़ता है।
तनाव और तनाव ग्रस्त सेक्स किस हद तक तकलीफदेह हो सकता हैI किस प्रकार तनाव सेक्स को प्रभावित कर सकता है?और इस तनाव का समाप्त करने के लिए आप क्या कर सकते हैं? आइये इसे जानने के लिए यहाँ क्लिक करें।
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