स्त्री को खुश करने के सफल 12 तरीके
सेक्स वह प्राकृतिक क्रिया है जिसमें नारी व पुरुष दोनों को आनन्द आना चाहिये इसी लिए इस क्रिया को संभोग के नाम से भी जाना जाता है लैकिन सदा से ही यह एक शोध का विषय रहा है कि सेक्स संबंध बनाते वक्त महिलाएं किसी पुरुष से क्या चाहती हैं, इस पर पहले भी काफी कुछ लिखा जा चुका है। शायद ही संसार का कोई सहित्य हो जिसने इस पर अपनी राय न दी हो कोई भी धर्म हो, संस्कृति हो या कोई समुदाय हो सब प्रकृति के इस पेचीदे सबाल का इलाज ढूढते रहे हैं। इसी मुद्दे पर जो ताजातरीन शोध हुये है उनके नतीजे सामने आए हैं इनमें सेक्स विषय के एक्सपर्ट्स के अतिरिक्त 700 से ज्यादा महिलाओं ने खुलकर अपने विचार व्यक्त किए हैं। आखिर कोई महिला बिस्तर पर क्या चाहती हैं अपने यौन साथी से, आइये जानते हैं वो 12 राज जो विभिन्न शोधों के परिणाम स्वरुप ज्ञात हुये हैं। विश्व की अनेकों संस्थाऐं इस दिशा में कार्यरत हैं जो समय समय पर शोध करती हैं व आँकड़े प्रस्तुत करती हैं।
1. सीधे सेक्स नही जरुरी है कामक्रीड़ा ---
बहुत से पुरुष विस्तर पर जाते ही शुरू हो जाते हैं वे नही जानते कि महिला कि महिला में काम भाव सीधे ही जाग्रत नही होता है वे सोचते हैं कि महिला तो जैसे तैयार बैठी है किन्तु वे गलत हैं महिलाएं कई तरीके से पुरुषों के प्यार को महसूस करती हैं, जिनमें सबसे ज्यादा भाता है आपके मुंह से की गईं ‘शरारतें’. आंखों में आंखें डालकर प्यार जताना, होठों को संवेदनशील अंगों पर फिराना, किसी और तरीके से देह को छूना महिलाओं को भाता है. जीभ के अग्र भाग से स्त्री के नाजुक अंगों का स्पर्श भी महिलाओं का मन मचलने के लिए काफी होता है। सर्वे में शामिल करीब 42 फीसदी महिलाओं ने यह बात स्वीकार की है.
2. सेक्स से जरुरी अहमियत है बीच बीच में फोरप्ले की ---
कामक्रीड़ा का असली मजा सिर्फ चरम तक पहुंचने पर ही नहीं है, बल्कि सेक्स का सबसे महत्वपूर्ण कार्य है अपने पार्टनर व स्वयं को आनन्द प्रदान करना तो इसके लिए जरुरी है कि आप सेक्स से पहिले कुछ विशेष प्रकार से पार्टनर में सेक्स को जाग्रत करें जिससे उसे सेक्स के समय हर पल भरपूर आनंद मिले। इसी क्रिया को फोरप्ले के नाम से जाना जाता है।जिसका अपना मजा है. सर्वे में शामिल महिलाओं ने माना कि फोरप्ले के दौरान होने वाली उत्तेजना एकदम अलग तरह की होती है. महिलाओं ने कहा कि पुरुषों को सेक्स के मामले में थोड़ा ‘क्रिएटिव’ होना चाहिए. कुछ नया और एकदम अलग अंदाज में किया जाना महिलाओं को खूब भाता है।
जानिये क्या है फोरप्ले व इसे आप कैसे अपने पार्टनर को संतुष्ट कर सकते हैं।
3. ‘आनंद’ व ‘संतुष्टि’ में फर्क है--
प्राकृतिक अवस्था में जब नर व नारी सेक्स में सम्मिलित होते हैं तो उन्हैं ज्यादा आनन्द आता है यह बात अब शोध द्वारा सावित हो गयी है। किन्तु क्योंकि यह केवल एक नर व एक ही नारी वाली स्थिति में तो ठीक कही जा सकती है किन्तु आज की आवोहवा में इसे ठीक नही कहा जा सकता है।वैसेकिंसले इंस्टिट्यूट के शोध में यह पाया गया कि पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं ने भी यह माना कि उन्हें कंडोम के बिना यौन संबंध ज्यादा अच्छा लगता है. पर महिलाओं ने यह भी माना कि दरअसल संभोग के दौरान कंडोम का इस्तेमाल किए जाने पर उन्हें ज्यादा सुकून मिलता है. यह सुकून 'प्रोटेक्शन' को लेकर होता है. सर्वे में शामिल महिलाओं ने कहा कि कंडोम यौन रोगों से बचाव का यह कारगर तरीका है. इसके इस्तेमाल से महिलाएं खुलकर सेक्स का भरपूर मजा ले पाती हैं.
4. सेक्स किया जाए धीरे-धीरे, आराम से...
सभी महिलाएं यही चाहती हैं कि उसके बेहद कोमल अंगों को शुरुआती दौर में ज्यादा तकलीफ न दी जाए। महिलाएं पुरुषों से अपेक्षा रखती हैं कि वे उनके सेंसिटिव अंगों के साथ संवेदनशीलता से ही पेश आएं। मतलब यह कि संभोग के दौरान वे चाहे तो जीभ व उंगलियों का इस्तेमाल करके जरूरी उत्तेजना पैदा करें, पर कष्ट न दे।
सभी महिलाएं यही चाहती हैं कि उसके बेहद कोमल अंगों को शुरुआती दौर में ज्यादा तकलीफ न दी जाए। महिलाएं पुरुषों से अपेक्षा रखती हैं कि वे उनके सेंसिटिव अंगों के साथ संवेदनशीलता से ही पेश आएं। मतलब यह कि संभोग के दौरान वे चाहे तो जीभ व उंगलियों का इस्तेमाल करके जरूरी उत्तेजना पैदा करें, पर कष्ट न दे।
5. सेक्स करने का वातावरण सुहावना हो --
यह वैसे भी समझ में आने वाली वात है कि अगर आपको ठीक व अच्छा माहौल नही मिलेगा तो आप कोई भी काम मन से नही कर सकेंगें फिर यह तो सेक्स की बात है जिसमें नर व नारी का शरीर ही नही अपितु मन भी मिलता है अतः जरुरी है कि सेक्स का स्थान व माहौल दोनो खुशनुमा हों।शोध के दौरान 50 फीसदी महिलाओं ने स्वीकार किया कि संभोग के दौरान अनुकूल मौसम व वातावरण न होने की वजह से वे चरम तक न पहुंच सकीं। महिलाओं ने माना कि दरअसल पुरुषों के ठंडे पाँव की वजह से उन्हें ज्यादा तकलीफ होती है. डॉ. होल्सटेज ने कहा कि सेक्स के दौरान वातावरण भी काफी मायने रखता है. अगर कमरे का तापमान अनुकूल रहता है, तो यह सेक्स का मजा बढ़ा देता है।
6. सेक्स के दौरान पोजिशन का भी रखें खयाल
सेक्स संबंध बनाने के दौरान एक महत्वपूर्ण बात है पोजिशन का भी खयाल रखना जो बेहद जरूरी होता है. स्त्री के निचले भाग को अगर दो-तीन तकियों के सहारे थोड़ा-सा और ऊपर उठाकर संभोग किया जाए, तो इससे सेक्स ठीक से हो पाता है। इसके अलावा और भी बेहतर स्थिति यह होती है जबकि स्त्री लेटे हुए पुरुष के ऊपर आकर संभोग करती है. इससे स्त्रियां अपने कामांगों में ज्यादा उत्तेजना महसूस करती हैं।
एक और पोजिशनजो बहुत सी महिलाओं व पुरुषों को अच्छी लगती है, वह है ‘डॉगी स्टाइल’ इस स्टाइल में स्त्री घुटनों और हाथों के बल खुद को संतुलित किए रहती है और पुरुष उसके ठीक पीछे जाकर संभोग करता है.
सेक्स संबंध बनाने के दौरान एक महत्वपूर्ण बात है पोजिशन का भी खयाल रखना जो बेहद जरूरी होता है. स्त्री के निचले भाग को अगर दो-तीन तकियों के सहारे थोड़ा-सा और ऊपर उठाकर संभोग किया जाए, तो इससे सेक्स ठीक से हो पाता है। इसके अलावा और भी बेहतर स्थिति यह होती है जबकि स्त्री लेटे हुए पुरुष के ऊपर आकर संभोग करती है. इससे स्त्रियां अपने कामांगों में ज्यादा उत्तेजना महसूस करती हैं।
एक और पोजिशनजो बहुत सी महिलाओं व पुरुषों को अच्छी लगती है, वह है ‘डॉगी स्टाइल’ इस स्टाइल में स्त्री घुटनों और हाथों के बल खुद को संतुलित किए रहती है और पुरुष उसके ठीक पीछे जाकर संभोग करता है.
7. इनके अलावा और भी तरीके हैं...
ऑस्ट्रेलियन सेक्स रिसर्चर जूलियट रिचटर्स के अनुसार सर्वे में शामिल पांच में से केवल एक महिला ने माना कि वे केवल एकदम नॉर्मल तरीके से किए गए संभोग से ही चरम तक पहुंच जाती हैं. ज्यादातर युवा महिलाओं का मानना था कि वे अपने पार्टनर से चाहती है कि वे सेक्स के दौरान अपने हाथ और मुंह का भी ज्यादा इस्तेमाल करें। अर्थात महिलाऐं चाहती हैं कि जो पुरुष उन्हैं सेक्स के दौरान थपथपाता है और दन्त भेदन आदि करता है उससे उन्हैं अधिक सुख मिलता है। उन्हौने अपनी किताब के लिए 19 हजार लोगों पर यह सर्वे किया जिसके दौरान उन्हैं इस तथ्य का पता चला।90 प्रतिशत से ज्यादा महिलाओं ने माना कि वे केवल सेक्स के दौरान अपने पार्टनर द्वारा मुख का भी इस्तेमाल किए जाने के बाद चरम तक पहुंचती हैं।
रिसर्च में पाया गया कि जब कामक्रीड़ा आरामदायक तरीके से, धीरे-धीरे, किन्तु लगातार की जाती है तो दोनों को अपेक्षाकृत ज्यादा आनन्द आता है। और वे चरम बिन्दु पर पहुँच पाते हैं।
ऑस्ट्रेलियन सेक्स रिसर्चर जूलियट रिचटर्स के अनुसार सर्वे में शामिल पांच में से केवल एक महिला ने माना कि वे केवल एकदम नॉर्मल तरीके से किए गए संभोग से ही चरम तक पहुंच जाती हैं. ज्यादातर युवा महिलाओं का मानना था कि वे अपने पार्टनर से चाहती है कि वे सेक्स के दौरान अपने हाथ और मुंह का भी ज्यादा इस्तेमाल करें। अर्थात महिलाऐं चाहती हैं कि जो पुरुष उन्हैं सेक्स के दौरान थपथपाता है और दन्त भेदन आदि करता है उससे उन्हैं अधिक सुख मिलता है। उन्हौने अपनी किताब के लिए 19 हजार लोगों पर यह सर्वे किया जिसके दौरान उन्हैं इस तथ्य का पता चला।90 प्रतिशत से ज्यादा महिलाओं ने माना कि वे केवल सेक्स के दौरान अपने पार्टनर द्वारा मुख का भी इस्तेमाल किए जाने के बाद चरम तक पहुंचती हैं।
रिसर्च में पाया गया कि जब कामक्रीड़ा आरामदायक तरीके से, धीरे-धीरे, किन्तु लगातार की जाती है तो दोनों को अपेक्षाकृत ज्यादा आनन्द आता है। और वे चरम बिन्दु पर पहुँच पाते हैं।
8. सेक्स में जल्दबाजी न करें कभी भी
सेक्स मेडिसिन के एक जर्नल में प्रकाशित स्टडी के मुताबिक, सेक्स में जल्दबाजी दिखलाने पर पुरुष तो संतुष्ट हो जाते हैं, पर महिलाएं चरम तक नहीं पहुंच पाती हैं. ऐसे में पुरुषों की जिम्मेदारी होती है कि वे बिना हड़बड़ी दिखलाए अपनी पार्टनर को लंबे गेम में साथ लेकर चलें। सर्वे में शामिल महिलाओं में से केवल पचास फीसदी ने कहा कि वे 10 मिनट या इससे कम वक्त में ही चरम तक पहुंच जाती हैं।जबकि अन्य का मानना था कि इसमें वक्त लगता है।
9. महिला के संवेदनशील अन्य अंगों को पहचानें
सेक्स पर शोध करने वालों ने पाया है कि केवल G-स्पॉट ही आनंद देने के लिए पर्याप्त नहीं है, बल्कि महिलाओं के शरीर में और भी ऐसे भाग हैं, जहां संवेदना ज्यादा होती है. इसमें A- स्पॉट भी शामिल है, जहां सहलाने से महिलाओं का शरीर यौन क्रिया के लिए शारीरिक रूप से तैयार हो पाता है. इस काम में उंगलियों की कारस्तानी काम आती है। कान के नीचे का भाग, गर्दन व गला, माथा ,बाल, स्तन,गाल औठ, जीभ, भग, दोनो भगोष्ठ,योनि, योनि की दरार आदि
सेक्स पर शोध करने वालों ने पाया है कि केवल G-स्पॉट ही आनंद देने के लिए पर्याप्त नहीं है, बल्कि महिलाओं के शरीर में और भी ऐसे भाग हैं, जहां संवेदना ज्यादा होती है. इसमें A- स्पॉट भी शामिल है, जहां सहलाने से महिलाओं का शरीर यौन क्रिया के लिए शारीरिक रूप से तैयार हो पाता है. इस काम में उंगलियों की कारस्तानी काम आती है। कान के नीचे का भाग, गर्दन व गला, माथा ,बाल, स्तन,गाल औठ, जीभ, भग, दोनो भगोष्ठ,योनि, योनि की दरार आदि
पहिचाने महिला के यौन संबेदनाशील अंगो को जिन्हैं छूने पर होती है उसे स्वर्गिक अनुभूति
क्या है G स्पाट जाने----
10. क्या आपकी पार्टनर तैयार है इस बात को ठीक से परखें
कोई स्त्री संभोग के लिए तैयार है या नहीं, यह जानने में भी कई बार भूल हो जाती है। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की लेक्चरर बरबरा कीसलिंग का मानना है कि सिर्फ बाहरी लक्षण से ही इसकी पहचान संभव नहीं है. इनकी नजर में ‘बटरफ्लाई पोजिशन’ सबसे ज्यादा बेहतर है।
कोई स्त्री संभोग के लिए तैयार है या नहीं, यह जानने में भी कई बार भूल हो जाती है। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की लेक्चरर बरबरा कीसलिंग का मानना है कि सिर्फ बाहरी लक्षण से ही इसकी पहचान संभव नहीं है. इनकी नजर में ‘बटरफ्लाई पोजिशन’ सबसे ज्यादा बेहतर है।
क्या है बटर फ्लाई पोजीशन जाने----
11. स्त्री अपने घरेलू काम में पुरुष का साथ चाहती है ...
महिलाओं को घर में बहुत काम होता है जिसकी वजह से कई बार वे ठीक से नींद भी नही ले पाती हैं ऐसी स्थिति में उन्हैं सेक्स में भी रुचि नही हो पाती एसे में उसके साथी की जिम्मेदारी बनती है कि वह उनका उनकी मुस्किल में साथ दे शोध के अनुसार अधिकतर महिलाओं नेे इस बात पर सहमति जताई है कि पुरुषों को चाहिए कि वे व्यंजन पकाने या कपड़े धोने आदि काम में इनकी मदद करें. सर्वे में शामिल महिलाओं ने माना कि ऐसी स्थिति में जब पुरुष उनके काम में मदद करते हैं कि उन्हें बेहतर एहसास होता है। और वे बिस्तर पर अपने पूरे मन से साथ होती हैं।
12. जरूरी नहीं कि हर बार चरम तक पहुंचा ही जाए
यह कोई जरूरी नहीं है कि महिला हर बार चरम तक पहुंच ही जाए, कई बार तनाव व थकान की वजह से ऐसा नहीं हो पाता। अगर यह वास्तव में थकान के कारण हो रहा है तो समझदारी होगी कि इस खेल को यहीं विराम दे दिया जाऐ यह भी जानने का विषय है कि चरम तक न ले जाने के लिए हर बार पुरुष ही जिम्मेदार नहीं होता। फिर भी महिला की सहमति से आप अपने हाथों और उंगलियों का प्रयोग कर उसे संतुष्ट कर सकते हैं. कुल मिलाकर इस क्रीड़ा का आनंद ही मायने रखता है। सेक्स की भाषा में यह आफ्टर प्ले कहा जाता है।
यह कोई जरूरी नहीं है कि महिला हर बार चरम तक पहुंच ही जाए, कई बार तनाव व थकान की वजह से ऐसा नहीं हो पाता। अगर यह वास्तव में थकान के कारण हो रहा है तो समझदारी होगी कि इस खेल को यहीं विराम दे दिया जाऐ यह भी जानने का विषय है कि चरम तक न ले जाने के लिए हर बार पुरुष ही जिम्मेदार नहीं होता। फिर भी महिला की सहमति से आप अपने हाथों और उंगलियों का प्रयोग कर उसे संतुष्ट कर सकते हैं. कुल मिलाकर इस क्रीड़ा का आनंद ही मायने रखता है। सेक्स की भाषा में यह आफ्टर प्ले कहा जाता है।
कैसे पहुँचाऐं स्त्री को चरम सुख तक जाने
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