भारत माँ के भाल पर ,सजा आज फिर ताज । गूँज रहा है विश्व में, डंका फिर से आज ।। डंका फिर से आज, तिरंगा नभ में छाया । काश्मीर मे फिर से, नव सूर्योदय आया ।। कह ज्ञानेेश कवि , देखो भारत की झांकी । हुआ काश्मीर सुखी, रहा आतंक न बाकी।। ___________________________
Ayurveda Ancient Natural Traditional Medical Science
शुक्रवार, 9 अगस्त 2019
कश्मीर भारत माँ का ताज रहे आतंक न बाकी
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