वीर्य वर्धक योग धातुपौष्टिक चूर्ण - The Light Of Ayurveda

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शनिवार, 10 नवंबर 2012

वीर्य वर्धक योग धातुपौष्टिक चूर्ण

AYURVEDLIGHT.BLOGSPOT.COM
वीर्य की कमजोरी पर हम कई पोस्ट दे चके हैं तो कई पाठक सोच रहै होंगे कि आखिर यह वीर्य पुष्ट कैसे हो।अब मैं एक ऐसा योग दे रहा हूँ जिसको आप लोग किसी भी ऋतु में प्रयोग कर सकते हैं।और तत्काल वीर्य की वृद्धि कर सकते हैं यानि इस कार्य के लिये ज्यादा तर योग ऐसे होते है जो अत्यधिक गरिष्ठ होते हैं अतः ये योग केवल शीतकाल में ही प्रयोग किये जाते थे।लैकिन यह योग सवसे अलग है इसे शीतकाल में भी सेवन किया जा सकता है और ग्रीष्म काल में भी।इस योग को धातु पोष्टिक चूर्ण के नाम से जाना जाता है यह बाजार से बना बनाया भी लिया जा सकता है।
इसे बनाना बहुत ही सरल है।
सामिग्री- गौखरु व कतीरा गोंद बराबर बराबर मात्रा में वारीक से वारीक अलग अलग पीस कर तोल ले तथा मिला लें।और काँच की शीशी में भर कर रख लें।औऱ सुबह इसका 6 ग्राम की मात्रा लेकर आँच पर 2 चम्मच देशी घी लेकर पिघला लें और उसमें 6 ग्राम चूर्ण डाल लें।पका कर थोड़ा ठण्डा करके चाट लें लैकिन तीन घण्टे बाद खाना खाऐं शाम को भी लें लैकिन शर्त वही कि भोजन इसे खाने के कम से कम 2 घण्टा बाद करें।कम से कम दो महिने सेवन करें।
परहेज में तेल मिर्च मसाले और खटाई आम की या इमली की व अचार आदि का विल्कुल प्रयोग न करें।हाँ आँवला का प्रयोग जरुर कर सकते हैं।भोजन हल्का सुपाच्य करें।

3 टिप्‍पणियां:

  1. blogger_logo_round_35

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    Health World in Hindi

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  2. blogger_logo_round_35

    5 saal se swapnadosh se pareshan hu mere liye kyaa ho sakta he

    जवाब देंहटाएं
  3. blank

    sir jkhealthworld is a very good website.

    जवाब देंहटाएं

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